देवघर: जिले के जसीडीह स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पानी की समस्या वर्षों पुरानी है. स्वास्थ्यकर्मी जिला प्रशाशन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुके है. लेकिन नतीजा सिफर रहा. जसीडीह स्थित सामुदायिक परिसर में खड़े मरीजों की भीड़ ये बताने के लिए काफी है कि इस सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र के भरोसे एक बड़ी आबादी निर्भर है.
ड्राई जोन से बढ़ी परेशानी
यहां सबसे ज्यादा महिलाएं, बच्चे और खासकर गर्भवती महिलाओं का इलाज और प्रसव होता है. लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी पानी की समस्या का निदान आज तक नहीं हो सका है. मार्च का महीना आते-आते पानी की परेशानी बढ़ने लगती है. चिकित्सक बताते हैं कि सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं के इलाज खासकर प्रसव के दौरान होती है. वहीं परिसर में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के गर्मी के महीने में पसीने छूट जाते हैं. चिकित्सक की माने तो विकट परिस्थिति में जहां स्थानीय स्तर पर टैंकर की व्यवस्था की जाती है. अस्पताल स्थित क्वार्टर में रहने वाले कर्मचारी बताते हैं कि दरअसल भवन बनने के साथ-साथ केंद्र में पानी के लिए जो भी बोरिंग की व्यवस्था की गई वह नाकाम ही साबित हुई. हालांकि परिसर के कोने में एक कुआं है जो जल स्तर ऊपर होने तक पानी की आपूर्ति करता है.
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उपायुक्त ने दिया समाधान का भरोसा
बहरहाल, स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बोरिंग कभी कामयाब नहीं हो सका क्योंकि पूरा इलाका ही ड्राई जॉन है. लेकिन स्वास्थ्य केंद्र के ठीक पीछे महज चार सौ मीटर की दूरी पर पीएचडी विभाग के पास अजय नदी से लाये पानी का टैंक है जिससे देवघर के शहरी इलाके में पानी की आपूर्ति की जाती है. लेकिन आज तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को इससे नहीं जोड़ा गया. इस बारे में जब उपायुक्त से ईटीवी भारत ने सवाल किए तो उपायुक्त नैंसी सहाय ने माना कि अब तक उनके संज्ञान में नही थी. लेकिन अब हो गया है जल्द ही कोई समाधान निकलेगा.