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देवघरः लोगों ने जमीन अधिग्रहण का किया विरोध, कहा-पहले सरकार दे सही मुआवजा - मकान और प्रतिष्ठान

मधुपुर में फ्लाईओवर निर्माण कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण और सड़क चौड़ीकरण के लिए मकान अधिग्रहण का लोग विरोध कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि पहले सरकार उचित नीति बनाए उसके बाद अधिग्रहण करे.

फ्लाईओवर निर्माण के लिए लोगों के घरों की तोड़ने के लिए लोगों किया विरोध
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Published : Aug 5, 2019, 11:34 PM IST

देवघर: भू-अर्जन कार्यालय की अधिसूचना संख्या 940 के तहत आरओबी निर्माण को लेकर गिरिडीह-सारठ मुख्य पथ के मधुपुर में भूमि अधिग्रण की जानी है. जिसके लिए मापी की जानी है. इस मापी का विरोध रैयत और मकान मालिकों ने किया है.

देखें पूरी खबर

रैयतों और मकान मालिकों ने मापी से किया इनकार
करीब डेढ़ सौ वर्षों से रहे रैयतों और मकान मालिकों ने भवन निर्माण विभाग से आए कनीय अभियंता और अमीन को मापी करने से मना कर दिया. बताया जा रहा है कि जिनकी जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, उनमें से 99 फीसदी लोगों का भरण-पोषण का एकमात्र जरिया उनके जमीन पर बने दुकान और प्रतिष्ठान ही है.

इन मुद्दों पर नहीं की गई पहल
करीब 181 घरों के उजड़ने वाले सैकड़ों लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा ? परिवारों के भरण-पोषण की जवाबदेही किसकी होगी ?, इनलोगों को कहां विस्थापित किया जाएगा ? रोजगार के नाम पर परिवार के सदस्यों को नौकरी मिलेगी या नहीं ? क्या विस्थापन नीति का पालन किया जायेगा ?
इन सभी मुद्दों पर अभी तक विभाग की ओर से कोई सार्थक पहल नहीं की गई है. भवन निर्माण के कनीय अनियंता शोभाकांत ने बताया कि विभाग ने उन्हें मकान मापी के लिए भेजा था, मुआवजा संबधी कोई जानकारी नहीं है. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मापी में आये मकान के आंशिक भाग का ही मुआवजा मिलेगा.


लोगों ने सरकारी नौकरी कि की मांग
इधर लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, गोड्डा सांसद, स्थानीय जनप्रतिनिधि समेत देवघर उपायुक्त से आरओबी निर्माण में उचित मुआवजा और विस्थापन नीति के अधीन रैयतों की जमीन का सही आंकलन करवाने समेत प्रभावित होने वाले परिवार के बेरोजगार सदस्यों को सरकारी नौकरी दिये जाने का मांग की है.

देवघर: भू-अर्जन कार्यालय की अधिसूचना संख्या 940 के तहत आरओबी निर्माण को लेकर गिरिडीह-सारठ मुख्य पथ के मधुपुर में भूमि अधिग्रण की जानी है. जिसके लिए मापी की जानी है. इस मापी का विरोध रैयत और मकान मालिकों ने किया है.

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रैयतों और मकान मालिकों ने मापी से किया इनकार
करीब डेढ़ सौ वर्षों से रहे रैयतों और मकान मालिकों ने भवन निर्माण विभाग से आए कनीय अभियंता और अमीन को मापी करने से मना कर दिया. बताया जा रहा है कि जिनकी जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, उनमें से 99 फीसदी लोगों का भरण-पोषण का एकमात्र जरिया उनके जमीन पर बने दुकान और प्रतिष्ठान ही है.

इन मुद्दों पर नहीं की गई पहल
करीब 181 घरों के उजड़ने वाले सैकड़ों लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा ? परिवारों के भरण-पोषण की जवाबदेही किसकी होगी ?, इनलोगों को कहां विस्थापित किया जाएगा ? रोजगार के नाम पर परिवार के सदस्यों को नौकरी मिलेगी या नहीं ? क्या विस्थापन नीति का पालन किया जायेगा ?
इन सभी मुद्दों पर अभी तक विभाग की ओर से कोई सार्थक पहल नहीं की गई है. भवन निर्माण के कनीय अनियंता शोभाकांत ने बताया कि विभाग ने उन्हें मकान मापी के लिए भेजा था, मुआवजा संबधी कोई जानकारी नहीं है. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मापी में आये मकान के आंशिक भाग का ही मुआवजा मिलेगा.


लोगों ने सरकारी नौकरी कि की मांग
इधर लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, गोड्डा सांसद, स्थानीय जनप्रतिनिधि समेत देवघर उपायुक्त से आरओबी निर्माण में उचित मुआवजा और विस्थापन नीति के अधीन रैयतों की जमीन का सही आंकलन करवाने समेत प्रभावित होने वाले परिवार के बेरोजगार सदस्यों को सरकारी नौकरी दिये जाने का मांग की है.

Intro:फ्लाईओवर निर्माण कार्य में जमीन और मकान की माफी करना आए अभियंता को विरोध का करना पड़ा सामनाBody:मधुपुर में आरओबी निर्माण की मापी करने आये अभियंता का रैयतों व मकान मालिकों ने किया विरोध!

भू - अर्जन कार्यालय देवघर की अधिसूचना संख्या 940 के तहत आरओबी निर्माण को लेकर गिरिडीह-सारठ मुख्य पथ के मधुपुर में भूमि अधिग्रण किये जाने एवं मकानों की मापी का विरोध रैयतों और मकान मालिकों ने किया है.
करीब डेढ़ सौ वर्षों से रह रहे रयैतों एवं मकान मालिकों ने भवन निर्माण विभाग से आये कनीय अभियंता और अमिन को मापी करने से मना कर दिया. बताया जाता है कि जिसकी जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. उनमें में 99 फिसदी लोगों का भरण - पोषण का एकमात्र जरिया उनके जमीन में बने दुकान एवं प्रतिष्ठान ही है. बावजूद इसके पुल निर्माण के नाम पर व्यवसाईयो को उजाड़ने की साजिश की जा रही है. ऐसे में विकास की बात कहने वाले विनाश कर रहे हैं.
लोगों का कहना है कि संबंधित विभाग द्वारा न ही उचित मुआवज़ा की कोई जानकारी सार्वजनिक की जा रही है और न ही संपूर्ण मकान का आकलन ही किया जा रहा है.
करीब 181 घरों के उजड़ने वाले सैकड़ों लोगों का रोजगार क्या होगा, परिवारों का भरण - पोषण की जवाबदेही किसकी होगी, इनलोगों को कहां विस्थापित किये जायेंगे, रोजगार के नाम पर परिवार के सदस्यों को नौकरी मिलेगी या नहीं, क्या विस्थापन नीति का पालन किया जायेगा जैसी मुद्दो पर अभी तक विभाग की ओर से कोई सार्थक पहल नहीं की गई है. भवन निर्माण के कनीय अनियंता शोभाकांत ने बताया कि विभाग ने उन्हें मकान मापी के लिए भेजा था, मुआवजा संबधी कोई जानकारी नहीं है. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मापी में आये मकान के आंशिक भाग का ही मुआवजा मिलेगा.
इधर लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, गोड्डा सांसद, स्थानीय मंत्री समेत देवघर उपायुक्त से आरओबी निर्माण में उचित मुआवजा एवं विस्थापन नीति के अधीन रयैतों की जमीन का सही आकलन करवाने समेत प्रभावित होने वाले परिवार के बेरोजगार सदस्यों को सरकारी नौकरी दिये जाने का मांग किया है.

बाईट - 1 , 2,3,4
बाईट - 4, मकान मालिक

बाईट - शोभाकांत, कनीय भियंता, भवन निर्माण विभाग, देवघरConclusion:मधुपुर में फ्लाईओवर निर्माण कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण और सड़क चौड़ीकरण के लिए मकान अधिग्रहण का विरोध मकान मालिकों ने जताया
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