देवघर: मानसून की पहली बारिश के बाद मौसम तो सुहाना हो गया है, लेकिन उसके बाद बारिश नहीं हो रही है. पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद जिन किसानों ने धान की रोपणी शुरू कर दी थी वो भी अब परेशान हैं.
जिले में बारिश न होने से सरकार और कृषि विभाग के भी हाथ पैर फूलने लगे हैं. यही वजह है कि मुख्य सचिव के निर्देश मिलते ही कृषि विभाग भी रेस नजर आने लगी है. इसी कड़ी में देवघर के डाबरग्राम स्थित कृषि भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला में एग्रीकल्चर से संबंधित तमाम अधिकारी और कर्मचारियों ने इस विपरीत हालात से निपटने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार विमर्श किया. इस बैठक में संयुक्त कृषि निदेशक, संथाल परगना दुमका के अजय कुमार सिंह और डीडीसी देवघर भी मौजूद रहे.
कार्यशाला के दौरान किसानों से यह आह्वान करने का निर्णय लिया गया कि वह धान की पारंपरिक खेती की जगह सीधी बुआई करें, जिससे कम पानी में भी अच्छी ऊपज मिल सकेगी. इस प्रणाली को अपनाने के लिए महकमा गांव में किसानों को जागरूक भी करेगा.
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बहरहाल सामान्य से कम बारिश होने की वजह से किसान तो परेशान हैं ही, अब सरकार की भी परेशानी बढ़ने लगी है. यही वजह है कि कृषि विभाग अब अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जुट गई है.