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देवघर: सावन पूर्णिमा पर बाबा बैद्यनाथधाम में विशेष पूजा-अर्चना, भोले को चढ़ाई गयी राखी

देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में श्रावणी पूर्णिमा को लेकर विशेष पूजा-अर्चना की गई. आज के दिन बाबा भोले को राखी चढ़ायी जाती है. जिसके बाद पूरे देवघर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. पूर्णिमा के साथ ही महीने भर चलने वाले श्रावणी मेला का समापन हो जाता है.

बैजनाथ मंदिर
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Published : Aug 15, 2019, 4:35 PM IST

देवघर: सावन पूर्णिमा के दिन बाबा भोले के मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. सावन पूर्णिमा के दिन हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा है. बाबा को आज के दिन सबसे पहले राखी चढ़ायी जाती है, उसके बाद विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

देखें पूरी खबर

बाबा बैद्यनाथ धाम अद्भूत परंपराओं की नगरी है. ऐसे में आज बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सुबह पट खुलते ही सरदार पंडा द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई. आज मंदिर में कांचा जल पूजा के बाद बाबा को राखी चढ़ायी गयी, जो यहां कि पुरानी परंपरा है. हर सावन पूर्णिमा में बाबा बैद्यनाथ को राखी चढ़ायी जाती है.

सावन पूर्णिमा को लेकर बैजनाथ मंदिर में ऐसी मान्यता है कि देव नगरी में यहां राखी चढ़ाने के बाद ही सभी देवघरवासी राखी का त्योहार मनाते हैं. आज लोग भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की शुरुआत करते हैं. मंदिर में बाबा को राखी चढ़ाने के बाद सभी पुरोहित एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधते हैं.

ये भी पढ़ें:- डायन बिसाही: 3 लोगों की हत्या मामले में तीन आरोपी को आजीवन कारावास

बता दें कि आज श्रावणी पूर्णिमा और स्वतंत्रता दिवस एक साथ है. आज जहां पूरे देश आजादी का जश्न मना रहा है, वहीं दूसरी ओर भाई-बहन के पवित्र रिश्तों का त्योहार रक्षाबंधन भी मनाया जा रहा है. जिसको लेकर लोगों में दोगुनी खुशी है.

देवघर: सावन पूर्णिमा के दिन बाबा भोले के मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. सावन पूर्णिमा के दिन हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा है. बाबा को आज के दिन सबसे पहले राखी चढ़ायी जाती है, उसके बाद विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

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बाबा बैद्यनाथ धाम अद्भूत परंपराओं की नगरी है. ऐसे में आज बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सुबह पट खुलते ही सरदार पंडा द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई. आज मंदिर में कांचा जल पूजा के बाद बाबा को राखी चढ़ायी गयी, जो यहां कि पुरानी परंपरा है. हर सावन पूर्णिमा में बाबा बैद्यनाथ को राखी चढ़ायी जाती है.

सावन पूर्णिमा को लेकर बैजनाथ मंदिर में ऐसी मान्यता है कि देव नगरी में यहां राखी चढ़ाने के बाद ही सभी देवघरवासी राखी का त्योहार मनाते हैं. आज लोग भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की शुरुआत करते हैं. मंदिर में बाबा को राखी चढ़ाने के बाद सभी पुरोहित एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधते हैं.

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बता दें कि आज श्रावणी पूर्णिमा और स्वतंत्रता दिवस एक साथ है. आज जहां पूरे देश आजादी का जश्न मना रहा है, वहीं दूसरी ओर भाई-बहन के पवित्र रिश्तों का त्योहार रक्षाबंधन भी मनाया जा रहा है. जिसको लेकर लोगों में दोगुनी खुशी है.

Intro:देवघर बाबा मंदिर की अनोखी परंपरा ,श्रावणी माह की पूर्णिमा में बाबा बैद्यनाथ को चढ़ा रखी।
Body:एंकर देवघर परंपराओं की नगरी है ऐसे में आज बाबा बैद्यनाथ को सुबह पट खुलते ही शरदार पण्डा द्वारा विधिवत कांचा जल पूजा के बाद बाबा को राखी चढ़ाया गया जो पुरानी परंपरा है।आज सावन का पूर्णिमा है और बाबा बैद्यनाथ को रखी चढ़ाया जाता है ऐसा मान्यता है कि देवघर के बाबा नगरी में बाबा बैद्यनाथ को राखी चढ़ाने के बाद ही सभी देवघर वाशी रखी का त्योहार जो भाई बहन का पवित्र रिश्ते की शुरुआत करते है सबसे पहले बाबा को राखी चढ़ाने के बाद सभी बाबा मंदिर पुरोहित एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधते है।वही बाबा मंदिर के शरदार पण्डा की माने तो आज सावन का पूर्णिमा है और आज बाबा बैद्यनाथ का कांचा जल पूजा के बाद बाबा को राखी चढ़ाया जाता है और रखी चढ़ाने के बाद दही चढ़ता है जिसके बाद सरकारी पूजा होती है।जो एक पुरानी परंपरा है जिसके बाद भक्तो को जलार्पण के लिए पट खोल दिया जाता है। वही इस क्षण की गवाह बनने श्रद्धालुओ का हुजूम देखते बनती है।


बाईट शरदार पण्डा बाबा मंदिरConclusion:बहरहाल,श्रावणी पूर्णिमा ओर 15 अगस्त एक साथ है जहां आज देश की आजादी का जश्न तो दूसरी ओर भाई बहन का रिस्ते का त्योहार रक्षाबंधन को लेकर देवनगरी में खुसी का माहौल दुगुना देखने को मिल रही है।
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