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नाम बड़े और दर्शन छोटे, संथाल परगना का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला जसीडीह स्टेशन का हाल बेहाल - DEOGHAR NEWS

संथाल परगना का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला, देवघर के जसीडीह स्टेशन पर यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा गठित यात्री सुविधा समिति के सदस्यों ने निरीक्षण (Passenger Facilitation Committee inspect at Jasidih station) करने के बाद ये बात कही है.

Passenger Committee inspect at Jasidih station
Passenger Committee inspect at Jasidih station
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Published : Oct 15, 2022, 11:09 AM IST

देवघर: आसनसोल रेल डिवीजन के अंतर्गत ए श्रेणी में आने वाला और सबसे ज्यादा कमाई करने वाला जसीडीह स्टेशन में यात्रियों को कोई सुविधाएं नहीं मिलती हैं. बुनियादी सुविधाएं मसलन ना पीने को पानी और ना ही टॉयलेट की सुविधाएं हैं. ये कहना है भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा गठित यात्री सुविधा समिति का (Passenger Facilitation Committee inspect at Jasidih station).

यह भी पढ़ें: Video: जसीडीह रेलवे स्टेशन के लिफ्ट में फंसे यात्री, करीब एक घंटे तक रहे परेशान

सुविधाओं की कमी: देवघर का जसीडीह रेलवे स्टेशन संथाल परगना का प्रवेश द्वार कहा जाता है. एक तीर्थ स्थल होने के कारण यहां सालों भर लाखों यात्रियों का प्रतिदिन आवागमन रहता है. देश- विदेश के यात्रियों का यहां आना- जाना सालों भर लगा रहता है. लेकिन इन यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाओं से इन्हें महरूम रहना पड़ता है.

देखें वीडियो

2 घंटे तक निरीक्षण कार्य चला: जसीडीह स्टेशन पर यात्री सुविधा समिति के कई सदस्यों ने लगभग 2 घंटे तक निरीक्षण किया और इसमें कई खामियां पाई गईं. समिति के सदस्यों ने इस पर नाराजगी भी जाहिर की है. निरीक्षण करने के बाद यात्रियों को मिल रही मूलभूत सुविधाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए समिति के सदस्य ने रेलवे प्रबंधन को आड़े हाथों लिया है. इन्होंने आरोप लगाया है कि जब भारत सरकार द्वारा मनोनीत कोई कमिटी निरीक्षण करने आती है तो इनके साथ रेलवे के वरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहते हैं. लेकिन आसनसोल रेल प्रमंडल के अधिकारी अपने धुन में रमे हुए हैं. उन्हें यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं से कोई मतलब ही नहीं है. देश के प्रधानमंत्री रेलवे को हाईटेक सहित यात्रियों को हर संभव सुविधा मुहैया कराने के लिए तत्पर हैं लेकिन रेलवे के अधिकारी इस पर पानी फेर रहे हैं.

जसीडीह स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं को ना पाकर समिति के सदस्यों ने स्टेशन प्रबंधक सहित रेलवे के आला अधिकारी पर कई गंभीर आरोप भी लगाएं हैं. समिति अपने निरीक्षण का और नाराजगी की कॉपी रेल मंत्रालय सहित भारत सरकार को सुपुर्द करेंगे. यात्रियों की परेशानी को देखते हुए रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग करेंगे.

देवघर: आसनसोल रेल डिवीजन के अंतर्गत ए श्रेणी में आने वाला और सबसे ज्यादा कमाई करने वाला जसीडीह स्टेशन में यात्रियों को कोई सुविधाएं नहीं मिलती हैं. बुनियादी सुविधाएं मसलन ना पीने को पानी और ना ही टॉयलेट की सुविधाएं हैं. ये कहना है भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा गठित यात्री सुविधा समिति का (Passenger Facilitation Committee inspect at Jasidih station).

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सुविधाओं की कमी: देवघर का जसीडीह रेलवे स्टेशन संथाल परगना का प्रवेश द्वार कहा जाता है. एक तीर्थ स्थल होने के कारण यहां सालों भर लाखों यात्रियों का प्रतिदिन आवागमन रहता है. देश- विदेश के यात्रियों का यहां आना- जाना सालों भर लगा रहता है. लेकिन इन यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाओं से इन्हें महरूम रहना पड़ता है.

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2 घंटे तक निरीक्षण कार्य चला: जसीडीह स्टेशन पर यात्री सुविधा समिति के कई सदस्यों ने लगभग 2 घंटे तक निरीक्षण किया और इसमें कई खामियां पाई गईं. समिति के सदस्यों ने इस पर नाराजगी भी जाहिर की है. निरीक्षण करने के बाद यात्रियों को मिल रही मूलभूत सुविधाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए समिति के सदस्य ने रेलवे प्रबंधन को आड़े हाथों लिया है. इन्होंने आरोप लगाया है कि जब भारत सरकार द्वारा मनोनीत कोई कमिटी निरीक्षण करने आती है तो इनके साथ रेलवे के वरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहते हैं. लेकिन आसनसोल रेल प्रमंडल के अधिकारी अपने धुन में रमे हुए हैं. उन्हें यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं से कोई मतलब ही नहीं है. देश के प्रधानमंत्री रेलवे को हाईटेक सहित यात्रियों को हर संभव सुविधा मुहैया कराने के लिए तत्पर हैं लेकिन रेलवे के अधिकारी इस पर पानी फेर रहे हैं.

जसीडीह स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं को ना पाकर समिति के सदस्यों ने स्टेशन प्रबंधक सहित रेलवे के आला अधिकारी पर कई गंभीर आरोप भी लगाएं हैं. समिति अपने निरीक्षण का और नाराजगी की कॉपी रेल मंत्रालय सहित भारत सरकार को सुपुर्द करेंगे. यात्रियों की परेशानी को देखते हुए रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग करेंगे.

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