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बच्चों के निवाले में लगा कीड़ा, 890 क्विंटल दाल और 450 क्विंटल चीनी बर्बाद

देवघर के सरकारी स्कूलों में मिलने वाले मध्याह्न भोजन की दाल और चीनी कृषि बाजार समिति स्थित DFSC गोदाम में रखे-रखे बर्बाद हो गई. लगभग 890 क्विंटल दाल को साथ 450 क्विंटल चीनी को सरकार की लापरवाही के चलते खराब कर दिया गया.

खराब पड़े दाल और चीनी के बोरे
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Published : Aug 30, 2019, 3:24 PM IST

Updated : Aug 30, 2019, 10:00 PM IST

देवघरः एक तरफ जहां लोग खाना खाने के लिए तरस रहें हैं तो वहीं, लापरवाही के कारण भारी मात्रा में अनाज की बर्बादी हो रही है. दरअसल, देवघर के कृषि बाजार समिति स्थित DFSC गोदाम में सरकारी विद्यालय के बच्चों को मिलने वाली मध्यान भोजन की 890 क्विंटल दाल को साथ 450 क्विंटल चीनी भी बर्बाद हो गई.

देखें स्पेशल स्टोरी


क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक सरकारी विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाले मध्यान भोजन में 890 क्विंटल दाल सड़ गयी है, जिसकी अनुमानित कीमत 70 लाख है. वहीं, 450 क्विंटल चीनी की अनुमानित कीमत 17 लाख है वह भी बर्बाद हो गई. बताया जा रहा है कि सरकारी विद्यालयों में चलने वाले मध्यान भोजन में स्कूली बच्चों को दी जाने वाली दाल जो DFSC गोदाम में रखे-रखे सड़ गए हैं. इस बात की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी तक को नहीं थी जिसकी पूरी जवाबदेही जिला शिक्षा पदाधिकारी की होती है. जिससे ये साफ जाहिर होता है कि आखिर बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान भोजन में के प्रति जिला शिक्षा पदाधिकारी कितनी सजग है, साथ ही 450 क्विंटल चीनी जो अत्यंत गरीब यानी बीपीएल कार्डधारी और पीएच कार्डधारी को देनी थी वो भी बर्बाद कर दी गई. ऐसे में सरकार की चल रही महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रति जिले के संबंधित पदाधिकारी कितने गंभीर है, इससे यह साफ पता लगाया जा सकता है.

ये भी पढे़ं- रघुवर सरकार पर जमकर बरसे हेमंत सोरेन, लोगों से अहंकारी सरकार को उखाड़ फेंकने का किया आह्वान

उपायुक्त ने कही कार्रवाई करने की बात
बहरहाल, जिस प्रकार स्कूली बच्चों के मध्यान भोजन में दी जानी वाली दाल और गरीबों को मिलने वाली चीनी भारी मात्रा में बर्बाद हो गई है, उसे लेकर जिले के उपायुक्त द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारियों से स्पस्टीकरण मांगा गया है. साथ ही एक जांच टीम भी गठित की गई है जो पूरी तरह से निरिक्षण करेगी. वहीं, देवघर उपायुक्त ने कड़े लहजे में कहा है कि जिस प्रकार से लापरवाही सामने आई है अगर स्पस्टीकरण का जवाब नही आता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.

देवघरः एक तरफ जहां लोग खाना खाने के लिए तरस रहें हैं तो वहीं, लापरवाही के कारण भारी मात्रा में अनाज की बर्बादी हो रही है. दरअसल, देवघर के कृषि बाजार समिति स्थित DFSC गोदाम में सरकारी विद्यालय के बच्चों को मिलने वाली मध्यान भोजन की 890 क्विंटल दाल को साथ 450 क्विंटल चीनी भी बर्बाद हो गई.

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क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक सरकारी विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाले मध्यान भोजन में 890 क्विंटल दाल सड़ गयी है, जिसकी अनुमानित कीमत 70 लाख है. वहीं, 450 क्विंटल चीनी की अनुमानित कीमत 17 लाख है वह भी बर्बाद हो गई. बताया जा रहा है कि सरकारी विद्यालयों में चलने वाले मध्यान भोजन में स्कूली बच्चों को दी जाने वाली दाल जो DFSC गोदाम में रखे-रखे सड़ गए हैं. इस बात की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी तक को नहीं थी जिसकी पूरी जवाबदेही जिला शिक्षा पदाधिकारी की होती है. जिससे ये साफ जाहिर होता है कि आखिर बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान भोजन में के प्रति जिला शिक्षा पदाधिकारी कितनी सजग है, साथ ही 450 क्विंटल चीनी जो अत्यंत गरीब यानी बीपीएल कार्डधारी और पीएच कार्डधारी को देनी थी वो भी बर्बाद कर दी गई. ऐसे में सरकार की चल रही महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रति जिले के संबंधित पदाधिकारी कितने गंभीर है, इससे यह साफ पता लगाया जा सकता है.

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उपायुक्त ने कही कार्रवाई करने की बात
बहरहाल, जिस प्रकार स्कूली बच्चों के मध्यान भोजन में दी जानी वाली दाल और गरीबों को मिलने वाली चीनी भारी मात्रा में बर्बाद हो गई है, उसे लेकर जिले के उपायुक्त द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारियों से स्पस्टीकरण मांगा गया है. साथ ही एक जांच टीम भी गठित की गई है जो पूरी तरह से निरिक्षण करेगी. वहीं, देवघर उपायुक्त ने कड़े लहजे में कहा है कि जिस प्रकार से लापरवाही सामने आई है अगर स्पस्टीकरण का जवाब नही आता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:देवघर मिडडे मिल की दाल हुआ खराब,गरीबो की चीनी हुआ बर्बाद अब होगी कार्रवाही।


Body:एंकर देवघर के कृषि बाजार समिति स्थित DMFSC गोदाम में सड़ गए सरकारी विद्यालय के बच्चो को मिलने वाली मध्यान भोजन के 890 क्विंटल दाल, तो गरीबो को मिलने वाली 450 क्विंटल चीनी हो गया बर्बाद। जानकारी के मुताबिक सरकारी विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली मध्यान भोजन में 890 क्विंटल दाल सड़ गयी है जिसकी अनुमानित कीमत 70 लाख है तो 450 क्विंटल गरीबो को मिलने वाली चीनी की अनुमानित कीमत 17 लाख है। जो पूरी तरह से गोदाम में रखे रखे बर्बाद हो गयी ऐसा बताया जा रहा है कि सरकारी विद्यालयों में चलने वाली मध्यान भोजन में स्कूली बच्चों को दी जाने वाली दाल जो dmfsc गोदाम में रखे रखे सड़ गयी है जिसकी जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को नही थी जिसकी पूरी जवाबदेही जिला शिक्षा पदाधिकारी की होती है। जिससे ये साफ जाहिर होती है कि आखिर बच्चो को दी जाने वाली मध्यान भोजन में दाल के प्रति जिला शिक्षा पदाधिकारी कितनी सजग है। साथ ही 450 क्विंटल चीनी जो अत्यंत गरीब यानी बीपीएल कार्डधारी ओर पीएच कार्डधारी को देनी थी ऐसे में बीपीएल कार्डधारी को चीनी उपलब्ध करा दिया गया मगर पीएच कार्डधारी को नही उपलब्ध कराया गया जिससे 450 क्विंटल चीनी गोदाम में महीनों से रखे रखे खराब हो गया। ऐसे में सरकार की चल रही महत्वाकांक्षी योजनाओ के प्रति जिले के संबंधित पदाधिकारी कितने गंभीर है इससे साफ पता चलता है।


Conclusion:बहरहाल, जिस प्रकार स्कूली बच्चों का मध्यान भोजन का दाल और गरीबो को मिलने वाला चीनी भारी मात्रा में बर्बाद हो गया जिसको लेकर जिले के उपायुक्त द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारियो से स्पस्टीकरण माँगा गया है और एक जांच टीम भी गठित की गई है। वही इस बावत देवघर उपायुक्त ने कड़े लहजे में कहा है कि जिसप्रकार से लापरवाही सामने आया है अगर स्पस्टीकरण का जवाब नही आती है तो उसपर कार्रवाही किया जाएगा।

बाइट नेंसी सहाय,उपायुक्त देवघर।
Last Updated : Aug 30, 2019, 10:00 PM IST
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