देवघर: जिले में 8 अगस्त को एक विवाहिता लक्ष्मी देवी अपने ससुराल से अचानक लापता हो गई थी. इस बात की जानकारी जैसे ही लक्ष्मी के मायके वालों को हुई, उन्होंने तुरंत ही पथरोल थाना में लक्ष्मी के पति, जेठ, जेठानी समेत सास और ससुर पर अपनी बेटी की हत्या कर लाश ठिकाने लगाने की शिकायत दर्ज करा दी, लेकिन पथरोल पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके बाद थक-हार कर लक्ष्मी के पिता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इंसाफ की गुहार लगाई.
सीएम के संज्ञान में आने के बाद सीएमओ ने इस मामले में दखल दिया, जिसके बाद पुलिस ने लक्ष्मी के ससुराल वालों पर दबाव बनाया. पुलिस के दबाव के बाद सभी आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया, लेकिन पुलिस लक्ष्मी का सुराग नहीं ढूंढ़ पा रही थी. इधर पथरोल पुलिस ने लक्ष्मी के पति और जेठ को रिमांड पर लिया. इसके बाद लक्ष्मी के साथ हुई दरिंदगी की गुत्थी खुलती गई और आधी रात में पुलिस ने सुनसान इलाके में एक जोरिये के पास से जमीन खोदकर लक्ष्मी की सड़ी-गली लाश को बरामद कर ली. आरोपियों ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया.
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पुलिस के मुताबिक, दहेज की मांग को लेकर लक्ष्मी के ससुराल वाले शादी के बाद से ही परेशान कर रहे थे. दोनों पक्षों के बीच पंचायत भी हुई थी, लेकिन, कत्ल वाली रात कातिलों ने पहले उसकी जमकर पिटाई की और फिर अपने मंसूबो को अंजाम देकर लाश को करौं थाना इलाके के ढीबा गांव के पास सुनसान इलाके में दफन कर दिया.