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देवघर में धूमधाम से मनाई जा रही मकर संक्रांति, बाबा भोले पर चढ़ाया गया तिल - देवघर में मकर संक्रांति

मकर संक्रांति के मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा भोले पर तिल चढ़ाया और पूजा-अर्चना की. बाबा मंदिर के पुरोहित ने बताया कि आज से सूर्य ऊत्तरायण हो जाएगा और सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे.

makar sankranti at baba bhole temple
बाबा मंदिर में मकर संक्रांति
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Published : Jan 14, 2021, 12:45 PM IST

देवघर: जिले में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जा रही है. इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों ने शिवगंगा में स्नान किया और बाबा भोले पर तिल चढ़ाया. मकर संक्रांति के मौके पर बाबा भोले पर पूरी विधि-विधान के साथ तिल चढ़ाया गया और पूजा-अर्चना की गई. बाबा का प्रसाद ग्रहण करने के बाद लोगों ने दही-चूड़ा और तिल का आनंद लिया.

मकर संक्रांति की धूम

एक महीने तक लगेगा नैवेद्य और खिचड़ी का भोग

बाबा मंदिर के पुरोहित बताते हैं कि आज से सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाते हैं और सूर्य उत्तरायण हो जाता है. इसके बाद सभी मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, जनेऊ, मुंडन, शादी-विवाह की शुरुआत हो जाती है. हर बार की अपेक्षा इस बार शुभ मुहूर्त कम हैं. उन्होंने बताया कि आज से पूरे एक महीने तक बाबा भोले को नैवेद्य और खिचड़ी का भोग लगाया जाएगा. यह काफी पुरानी परंपरा चली आ रही है जिसकी शुरुआत मकर संक्रांति से होती है.

कोरोना के चलते भीड़ कम

मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर प्रशासन द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है लेकिन, कोरोना के चलते इस बार बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं देखी जा रही है. हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुंचते थे. पिछली बार की तुलना में इस बार काफी कम संख्या में श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुंचे हैं.

देवघर: जिले में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जा रही है. इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों ने शिवगंगा में स्नान किया और बाबा भोले पर तिल चढ़ाया. मकर संक्रांति के मौके पर बाबा भोले पर पूरी विधि-विधान के साथ तिल चढ़ाया गया और पूजा-अर्चना की गई. बाबा का प्रसाद ग्रहण करने के बाद लोगों ने दही-चूड़ा और तिल का आनंद लिया.

मकर संक्रांति की धूम

एक महीने तक लगेगा नैवेद्य और खिचड़ी का भोग

बाबा मंदिर के पुरोहित बताते हैं कि आज से सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाते हैं और सूर्य उत्तरायण हो जाता है. इसके बाद सभी मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, जनेऊ, मुंडन, शादी-विवाह की शुरुआत हो जाती है. हर बार की अपेक्षा इस बार शुभ मुहूर्त कम हैं. उन्होंने बताया कि आज से पूरे एक महीने तक बाबा भोले को नैवेद्य और खिचड़ी का भोग लगाया जाएगा. यह काफी पुरानी परंपरा चली आ रही है जिसकी शुरुआत मकर संक्रांति से होती है.

कोरोना के चलते भीड़ कम

मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर प्रशासन द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है लेकिन, कोरोना के चलते इस बार बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं देखी जा रही है. हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुंचते थे. पिछली बार की तुलना में इस बार काफी कम संख्या में श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुंचे हैं.

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