देवघर: जिला में इन दिनों शहर से लेकर हरेक कस्बे तक सरस्वती पूजा को लेकर छात्र-छात्राएं तैयारी में लगे हुए है. वीणावादिनी की पूजा को लेकर पंडाल और साज-सज्जा से जुड़े तमाम कार्यो में जुटे हुए हैं. ऐसे में ईटीवी भारत पर जाने की कैसे करें वीणावादिनी की पूजा अर्चना और मंत्र जाप जिससे मिलेगा लाभ.
बाबा मंदिर के पुरोहित बताते हैं कि 30 जनवरी गुरुवार को माता सरस्वती की पूजा की जाएगी और शास्त्रों के अनुसार इस दिन मां सरस्वती का अभिर्भाव उत्पन्न हुआ है, भगवान कृष्ण के कंठ से इनकी उत्पत्ति हुई है. जिनका रूप शुक्ल ओर स्वेत वर्ण है. सफेद वस्तु से पूजा-अर्चना की जाती है और छात्र-छात्राएं सफेद फूल-फल नैवेद्य से पूजा अर्चना कर, कपूर से आरती करते हैं.
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साथ ही माता सरस्वती की पूजा के मंत्र की अगर जानकारी न हो तो ओम सरस्वतीये नमः का जाप भी कर सकते है. वैसे विशेष रूप से अगर पूजा करना चाहते हैं तो, सिद्ध सरस्वती स्तोत्र मंत्र पाठ के साथ माता सरस्वती के मुस्कुराते हुए चेहरे का नमन कर पाठ भी कर सकते हैं.
बहरहाल, सरस्वती पूजा के दिन से ही विद्या आरंभ के भी दिन की शुरुआत होती है. जिसे वसंत पंचमी भी कहा जाता है और यह माना जाता है कि इस दिन से ही वसंत की भी प्रवृर्ति होने लगती है. इस दफे चतुर्थी का दो दिन का प्रवेश है, बुधवार को सुबह 08:30 बजे से माता सरस्वती की पूजा की जा सकती है, मगर गुरुवार को सुबह 10:41 मिनट तक पंचमी है जो सिद्ध योग है इसलिए सरस्वती पूजा गुरुवार को करने से लाभकारी होगा.