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लॉकडाउन का पशुओं पर पड़ा असर, भूखे बंदरों को वन विभाग खिला रहा चना - लॉकडाउन का पशुओं पर पड़ा असर

देवघर का पर्यटक स्थल त्रिकुट में रह रहे हजारों बंदरों को लॉकडाउन की मार झेलनी पड़ रही है. अब वन विभाग के पहल से बंदरों को चना और मूंगफली खिलाया जा रहा है.

gram feeding the hungry monkey in lockdown in deoghar
भूखे बंदरों को वन विभाग खिला रहा चना
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Published : Mar 31, 2020, 11:04 PM IST

देवघरः कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन किया जा रहा है, लेकिन इसका असर अब देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर रह रहे बंदरों पर दिखाई देने लगा है. पर्यटकों के नहीं आने से इनके सामने भूखों मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. भूखे शेर की तरह चना के दाने पर टूटते हुए बंदरों के झुंड का यह दृश्य देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर्यटन स्थल का है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, लॉकडाउन की घोषणा का प्रभाव अब यहां के त्रिकुट पहाड़ पर हजारों की संख्या में रह रहे बंदरों पर दिखने लगा है. लॉकडाउन के कारण देवघर के इस प्रमुख पर्यटन स्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है. पर्यटकों के यहां नहीं पहुंचने से लोगों के सामने तो रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो ही गई है, पर्यटकों के आसरे यहां के बंदरों को मिलने वाला दाना-पानी भी बंद हो गया है. सच्चाई तो यह है कि इनके सामने अब भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. भोजन के अभाव में कुछ बंदरों के मरने की भी बात बताई जा रही है.

ये भी पढ़ें- बाबूलाल ने लिखा सीएम हेमंत सोरेन को पत्र, कहा- पीएचसी और अनुमंडल स्तर पर हो सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था

बहरहाल, अब इन बेजुबानों को बचाने के लिए वन विभाग द्वारा पहल शुरू की गई है. विभाग इनके लिए रोज चना और मुंगफली का दाना उपलब्ध करा रहा है.

देवघरः कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन किया जा रहा है, लेकिन इसका असर अब देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर रह रहे बंदरों पर दिखाई देने लगा है. पर्यटकों के नहीं आने से इनके सामने भूखों मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. भूखे शेर की तरह चना के दाने पर टूटते हुए बंदरों के झुंड का यह दृश्य देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर्यटन स्थल का है.

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दरअसल, लॉकडाउन की घोषणा का प्रभाव अब यहां के त्रिकुट पहाड़ पर हजारों की संख्या में रह रहे बंदरों पर दिखने लगा है. लॉकडाउन के कारण देवघर के इस प्रमुख पर्यटन स्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है. पर्यटकों के यहां नहीं पहुंचने से लोगों के सामने तो रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो ही गई है, पर्यटकों के आसरे यहां के बंदरों को मिलने वाला दाना-पानी भी बंद हो गया है. सच्चाई तो यह है कि इनके सामने अब भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. भोजन के अभाव में कुछ बंदरों के मरने की भी बात बताई जा रही है.

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बहरहाल, अब इन बेजुबानों को बचाने के लिए वन विभाग द्वारा पहल शुरू की गई है. विभाग इनके लिए रोज चना और मुंगफली का दाना उपलब्ध करा रहा है.

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