देवघरः मत्स्य पालकों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री ने मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की थी, लेकिन देवघर में मत्स्य पालक इस योजना में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं.
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योजना शुरू होने के समय किसानों ने उत्साह दिखाते हुए बढ़-चढ़ कर इससे जुड़ने की कोशिश की और योजना लॉन्च होने के समय देवघर में विभाग को लगभग 540 आवेदन प्राप्त हुए थे. इस योजना के तहत लाभुक किसान को योजना की 60 प्रतिशत राशि का भुगतान करना है और 40 प्रतिशत सरकार की ओर से अनुदान का प्रावधान रखा गया है. मोटी राशि लगाने से कतराते हुए बहुत कम संख्या में किसानों ने योजना में आगे कदम बढ़ाया है. अभी तक योजना में लगभग महज 40 किसानों ने ही राशि लगाने का मन बनाया है.
इस योजना के प्रति मत्स्य पालकों की रुचि का अभाव विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, जिसका कारण प्रचार-प्रसार में कमी बताया जा रहा है. मत्स्य विभाग अब प्रचार प्रसार के माध्यम से किसानों को योजना की ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है. विभाग के अनुसार कोरोना के कारण लोगों के पास राशि का अभाव भी बड़ा कारण है.