देवघर: 20 सूत्री मांगों को लेकर आगामी 8-9 दिसंबर को राज्य के लगभग चार हजार विद्युत कर्मियों ने राज्यव्यापी हड़ताल (Electricity workers strike for 20 point demand) पर जाने का निर्णय लिया है. इस हड़ताल का आह्वान झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन द्वारा किया गया है.
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विद्युतकर्मियों की मांग सूची: इस बाबत यूनियन के प्रदेश महामंत्री राम कृष्णा सिंह ने विद्युत अवर प्रमंडल सारठ के विद्युत कर्मियों के साथ प्रेस वार्ता कर बताया कि पिछले कई महीनों से राज्य में हल्ला बोल रैली के माध्यम से प्रबंधन और सरकार से 6% ऊर्जा भत्ता, 2700ग्रेड पे को 3000 तक बढ़ाने, पदोन्नति, पुराना पेंशन लागू करने, अतिरिक्त ड्यूटी का भुगतान, त्योहार अग्रिम 10 हजार, 2009 में हुई नियुक्तियों को बरकरार रखने, 2018 में परीक्षा पास कर्मियों की बहाली करने, मृत कामगारों के आश्रितों की बहाली समेत 20 सूत्री मांगों को लागू करने की मांग की जा रही है. लेकिन प्रबंधन और सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है.
विद्युत कर्मियों की हड़ताल: राम कृष्णा सिंह ने कहा कि इन मांगों को लेकर प्रबंधन से अब तक चार बार (2019, 2020 2021 2022) में वार्ता और समझौता हो चुका है. लेकिन आज तक उनकी एक भी मांगों को लागू नहीं किया गया. इस तरह यूनियन और विद्युत कर्मियों के साथ धोखा किया जा रहा है. अंततः यूनियन के आह्वान पर विद्युत कर्मियों के समक्ष हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
8-9 दिसंबर को हड़ताल: यूनियन ने सात दिसंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर प्रबंधन उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो 8-9 दिसंबर को सभी चार हजार विद्युत कर्मी हड़ताल पर चले जायेंगे. विद्युत कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से राज्य के छोटे बड़े उद्योग, कोयला खाद्यान्न, रेलवे, पानी समेत अन्य उपभोक्ताओं को भारी नुकसान होगा, जिसका जिम्मेदार प्रबंधन होगा.