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प्लास्टिक और थर्मोकोल मुक्त शहर बनेगा देवघर, जिला प्रशाशन ने की तैयारी

पर्यावरण को लेकर देशभर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन है. इसको लेकर प्रशाशन सख्ती बरत रहा है. देवघर जिला प्रशासन शहर को प्लास्टिक और थर्मोकोल मुक्त बनाने के लिए कमर कस चुका है.

Deoghar district administration has geared up to make plastic and thermocol free
देवघर
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Published : Jul 1, 2022, 2:06 PM IST

देवघरः शहर और ग्रामीण इलाके के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक ने अपनी जड़े काफी मजबूत कर ली है. इससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. इसको लेकर केंद्र सरकार ने पर्यावरण को प्लास्टिक और थर्मोकोल मुक्त बनाने के लिए 1 जुलाई से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. पर्यावरण के दृष्टिकोण से सरकार ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन किया गया है. इस दिशा में देवघर जिला प्रशासन ने भी जिला को प्लास्टिक और थर्मोकोल मुक्त बनाने के लिए कमर कस ली है.

इसे भी पढ़ें- 1 जुलाई से देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, झारखंड में शुरू हुई सख्ती

जिला प्रशासन के लिए देवघर में आयोजित होने वाली श्रावणी मेला के दौरान इसके लिए एक परीक्षा की घड़ी साबित होगी. सिंगल यूज प्लास्टिक आजकल प्रत्येक घर, दुकान या होटल में उपयोग किया जाता आ रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक को आसानी से नष्ट नहीं जा सकता है, जिसके कारण पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है. इनमें खासकर थर्मोकोल, प्लास्टिक के प्लेट, कप, गिलास शामिल हैं. श्रावणी मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन बाबा नगरी पहुंचते हैं. ऐसे में इनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले थर्माकोल एवं प्लास्टिक के वस्तुओं को प्रयोग नहीं करने का आग्रह भी जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar DC Manjunath Bhajantri) ने थर्माकोल के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित करने के लिए सभी से सहयोग करने और एक दूसरे को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया गया है. उपायुक्त ने बताया कि इको फ्रेंडली श्रावणी मेला का सफल संचालन करने के लिए नगर से लेकर पंचायत स्तर तक विशेष निगरानी की जाएगी. शहरी क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा नगर आयुक्त के नेतृत्व में स्क्वाड टीम का गठन किया जाएगा. जिनके द्वारा धर्मशाला, विश्राम गृह, होटलों जैसे स्थानों पर प्लास्टिक एवं थर्मोकोल मुक्त अभियान चलाया जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

वहीं पंचायत स्तर पर सभी मुखिया व प्रखंड विकास पदाधिकारी को विशेष नजर बनाने का निर्देश दिया गया है. पंचायत में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा इसकी निगरानी की जाएगी. सावन माह के दौरान प्लास्टिक व थर्मोकोल मुक्त बनाने को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार जिला प्रशासन द्वारा की जाएगा. बाबा मंदिर परिसर से लेकर पूरे देवघर जिला को प्लास्टिक, थर्माकोल मुक्त बनाने के लिए पहले से चल रहे अभियान का सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं. जिला भर में 2 दर्जन से अधिक थोक विक्रेता है जबकि छोटे और खुदरा दुकान से भी थर्मोकोल और प्लास्टिक की वस्तुओं की बिक्री की जाती है.

देवघर जिला में 30 करोड़ से भी अधिक का बाजार प्लास्टिक व थर्मोकोल का है. दुकानदार भी स्टॉक रहने तक ही इन सामानों की बिक्री करने की बात कह रहे हैं. हालांकि सरकार के निर्णय का भी इनलोगों द्वारा स्वागत किया गया है. इको फ्रेंडली जिला बनाने को लेकर जिला प्रशासन और दुकानदार संघ द्वारा ज्यादा से ज्यादा डोंगा, पत्तल के इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकॉल के पाबंदी से व्यवसायी द्वारा इसका व्यापक असर व्यापार में पड़ने की बात भी की जा रही है.

देवघरः शहर और ग्रामीण इलाके के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक ने अपनी जड़े काफी मजबूत कर ली है. इससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. इसको लेकर केंद्र सरकार ने पर्यावरण को प्लास्टिक और थर्मोकोल मुक्त बनाने के लिए 1 जुलाई से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. पर्यावरण के दृष्टिकोण से सरकार ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन किया गया है. इस दिशा में देवघर जिला प्रशासन ने भी जिला को प्लास्टिक और थर्मोकोल मुक्त बनाने के लिए कमर कस ली है.

इसे भी पढ़ें- 1 जुलाई से देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, झारखंड में शुरू हुई सख्ती

जिला प्रशासन के लिए देवघर में आयोजित होने वाली श्रावणी मेला के दौरान इसके लिए एक परीक्षा की घड़ी साबित होगी. सिंगल यूज प्लास्टिक आजकल प्रत्येक घर, दुकान या होटल में उपयोग किया जाता आ रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक को आसानी से नष्ट नहीं जा सकता है, जिसके कारण पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है. इनमें खासकर थर्मोकोल, प्लास्टिक के प्लेट, कप, गिलास शामिल हैं. श्रावणी मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन बाबा नगरी पहुंचते हैं. ऐसे में इनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले थर्माकोल एवं प्लास्टिक के वस्तुओं को प्रयोग नहीं करने का आग्रह भी जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar DC Manjunath Bhajantri) ने थर्माकोल के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित करने के लिए सभी से सहयोग करने और एक दूसरे को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया गया है. उपायुक्त ने बताया कि इको फ्रेंडली श्रावणी मेला का सफल संचालन करने के लिए नगर से लेकर पंचायत स्तर तक विशेष निगरानी की जाएगी. शहरी क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा नगर आयुक्त के नेतृत्व में स्क्वाड टीम का गठन किया जाएगा. जिनके द्वारा धर्मशाला, विश्राम गृह, होटलों जैसे स्थानों पर प्लास्टिक एवं थर्मोकोल मुक्त अभियान चलाया जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

वहीं पंचायत स्तर पर सभी मुखिया व प्रखंड विकास पदाधिकारी को विशेष नजर बनाने का निर्देश दिया गया है. पंचायत में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा इसकी निगरानी की जाएगी. सावन माह के दौरान प्लास्टिक व थर्मोकोल मुक्त बनाने को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार जिला प्रशासन द्वारा की जाएगा. बाबा मंदिर परिसर से लेकर पूरे देवघर जिला को प्लास्टिक, थर्माकोल मुक्त बनाने के लिए पहले से चल रहे अभियान का सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं. जिला भर में 2 दर्जन से अधिक थोक विक्रेता है जबकि छोटे और खुदरा दुकान से भी थर्मोकोल और प्लास्टिक की वस्तुओं की बिक्री की जाती है.

देवघर जिला में 30 करोड़ से भी अधिक का बाजार प्लास्टिक व थर्मोकोल का है. दुकानदार भी स्टॉक रहने तक ही इन सामानों की बिक्री करने की बात कह रहे हैं. हालांकि सरकार के निर्णय का भी इनलोगों द्वारा स्वागत किया गया है. इको फ्रेंडली जिला बनाने को लेकर जिला प्रशासन और दुकानदार संघ द्वारा ज्यादा से ज्यादा डोंगा, पत्तल के इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकॉल के पाबंदी से व्यवसायी द्वारा इसका व्यापक असर व्यापार में पड़ने की बात भी की जा रही है.

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