देवघर: व्यावसायिक संगठनों की ओर से बाजार समिति विधेयक के खिलाफ देवघर समाहरणालय के सामने धरना दिया गया. धरना कार्यक्रम में संथाल परगना चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ-साथ अन्य सभी व्यापारिक संगठन शामिल हुए, जिसमें बाजार समिति के फल विक्रेता, सब्जी विक्रेता, खाद्यान्न विक्रेता संघ और साथ साथ खुदरा व्यापारी संघ भी शामिल हुए.
सरकार के बाजार समिति विधेयक के तहत 2% अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात कही गई है. इसके विरोध में पिछले 1 सप्ताह से चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा था. चार चरणों में चलने वाले इस आंदोलन के आखिरी पड़ाव पर सांकेतिक धरना दिया गया. मौके पर 1 साल पुराने चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने कहा कि जिस विधेयक को 2015 में पारित कर दिया गया था उसे दोबारा फिर से लागू किया गया है. जबकि इससे सरकार को कोई राजस्व की प्राप्ति नहीं होगी. सरकार को बाजार समितियों में सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए.
सरकार को चेतावनी: चेंबर ने सरकार से झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक 2022 को लागू नहीं करने का आग्रह है. साथ ही 15 मई तक चेंबर ने इस विधेयक को वापस लेने के लिए सरकार को अल्टीमेटम दिया है. चेंबर ने चेतावनी दी है कि अगर 15 मई तक सरकार विधेयक वापस नहीं लेगी तो 16 मई से खाद्यान्नों, फलों और सब्जियों की आवक और मीलों को बंद कर दिया जाएगा.