चतरा: 18 जुलाई को वज्रपात ने एक परिवार को बिखेर कर रख दिया. खेत में काम करने के दौरान अचानक हुए वज्रपात की चपेट में आने के बाद सिरिया गांव निवासी छोटेलाल भुईंया (उम्र 25 साल) की मौत हो गई, जबकी उसकी पत्नी बबिता देवी (उम्र 22 साल) गंभीर रूप से घायल हो गई. ग्रामीणों ने आनन-फानन में सिमरिया रेफरल अस्पताल (Simaria Referral Hospital) पहुंचाया, लेकिन उसे हजारीबाग रेफर कर दिया गया. वहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई.
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वज्रपात ने छीना माता-पिता का साया
इस हादसे में दंपति के तीनों बच्चे अनाथ और बेसहारा हो गए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि तीनों बच्चों के दादा-दादी भी एक साल पहले गुजर चुके हैं. घर में और कोई भी बड़ा नहीं बचा, जो इनकी देखरेख कर सके. ऐसे में अब माता-पिता के भी चले जाने से तीनों बच्चों के लालन-पालन की भी समस्या खड़ी हो गई है. बच्चे अभी बहुत छोटे हैं और उनको मालूम भी नहीं है कि उनके माता-पिता अब कभी वापस नहीं आने वाले हैं.
सरकार से मदद की दरकार
ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों का पिता मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था. घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है. ऐसे में अगर बच्चों को बेहतर संरक्षण नहीं मिला, तो बच्चों के बचपन के साथ-साथ भविष्य पर भी असर पड़ेगा. गांव वालों ने बच्चों को लेने आई बाल कल्याण समिति (child welfare committee) को भी देने से इंकार कर दिया है. उधर, बच्चे की चाची ने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.