चतरा: जिला में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. जिला के घोर नक्सल प्रभावित लावालौंग प्रखंड के सिकनी गांव में दूषित पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है. ग्रामीणों की समस्या से जुड़ी खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है.
डीडीसी सुनील कुमार सिंह ने मामले में संज्ञान लेते हुए बीडीओ को पानी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी ने गांव में चापाकल के लिए बोरिंग कराया. बोरिंग होने के बाद लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिलने लगा है.
नक्सल प्रभावित इलाकों का हाल बेहाल
झारखंड के कई ऐसे जिला हैं जो अति नक्सल प्रभावित है. उनमें चतरा जिला का नाम भी शामिल है. इस जिला में नक्सली के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं. लेकिन चतरा के कई गांव में आज भी विकास की रोशनी नहीं पहुंच पाई है.
एक ही घाट से इंसान और जानवर पीते थे पानी
जिला के नक्सल प्रभावित लावालौंग प्रखंड के सिकनी गांव के लोग उसी घाट से पीने का पानी भरते थे, जहां मवेशी आकर पानी पीते थे. यहां एक ही घाट पर जानवरों के पानी पीने और महिलाओं के पानी भरने की ईटीवी भारत की कैमरे में कैद हुई थी. यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पाती है. खासकर पानी का जुगाड़ करने में महिलाओं का घंटों समय बीत जाता था.
अधिकारियों को भी कराया था अवगत
सिकनी गांव में कई महीनों से लोग नदी नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर थे. इससे लोगों में बीमारियां भी होना शुरू हो गया था. पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों अवगत कराया था लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था.
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ईटीवी भारत प्रकाशित की खबर
जिसके बाद ईटीवी भारत ने जब इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तब डीडीसी के निर्देश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने गांव का दौरा किया था. ग्रामीणों ने इसके ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है. कहा है कि एक बार फिर ईटीवी भारत गरीबों का आवाज बना है. जिससे वर्षों पुरानी समस्या का झटके में निदान हो गया.