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चतरा: सिमरिया अस्पताल में दवाइयों की किल्लत, मरीजों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

सिमरिया रेफरल अस्पताल में दवाइयों की व्यवस्था नहीं रहने से मरीज के परिजनों ने हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि अस्पताल में दवाई रहने के बावजूद भी डॉक्टर प्राइवेट दुकानों से दवाईयां मंगवा रहे हैं.

अस्पताल का हाल बेहाल
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Published : Jul 25, 2019, 8:32 PM IST

चतरा: केंद्र और राज्य सरकार अस्पतालों को चुस्त-दुरुस्त रखने का लाख दावा करती है, लेकिन हकीकत इनके दावों को मुंह चिढ़ाती नजर आती है. किसी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है तो कहीं दवाइयों की कमी. चतरा के सिमरिया रेफरल अस्पताल में दवाइयों की कमी के लिए मरीजों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ हंगामा किया.

देखें पूरी खबर

सिमरिया रेफरल अस्पताल में मरीजों को प्राइवेट दुकानों से दवाइयां खरीदनी पड़ रही है. मरीजों ने चिकित्सकों पर अस्पताल के बजाय बाहर की दवाइयां लिखने का गंभीर आरोप लगाया.

इसे भी पढ़ें:- नक्सलियों ने मचाया उत्पात, कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी के साथ मारपीट, निर्माण कार्य कराया बंद

जानकारी के अनुसार सिमरिया रेफरल अस्पताल में मौसमी बीमारियों का उपचार कराने प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों के दर्जनों मरीज पहुंचे थे. अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने इनका उपचार तो कर दिया, लेकिन अस्पताल से दवाई देने के बजाय बाहर से दवाइयां लेने की बात कह दी. जिसके बाद मरीज आक्रोशित हो गए और अस्पताल में जमकर हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान हंगामा कर रहे मरीजों के परिजनों को ग्रामीणों ने समझा-बुझाकर शांत कराया.

सिमरिया प्रखंड में यह एक मात्र अस्पताल है, जिसके ऊपर पूरे प्रखंड के लोगों का स्वास्थ्य सुविधा निर्भर है. प्रखंड के अलावा उसके आस-पास के लोगों की जान-माल की सुरक्षा करने की जिम्मेवारी इसी अस्पताल पर होती है, लेकिन यही अस्पताल आज लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. उपचार तो यहां हो रहा है, लेकिन मरीजों को दवाइयां ऊंचे दामों में प्राइवेट अस्पतालों से लेनी पड़ रही है.

चतरा: केंद्र और राज्य सरकार अस्पतालों को चुस्त-दुरुस्त रखने का लाख दावा करती है, लेकिन हकीकत इनके दावों को मुंह चिढ़ाती नजर आती है. किसी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है तो कहीं दवाइयों की कमी. चतरा के सिमरिया रेफरल अस्पताल में दवाइयों की कमी के लिए मरीजों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ हंगामा किया.

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सिमरिया रेफरल अस्पताल में मरीजों को प्राइवेट दुकानों से दवाइयां खरीदनी पड़ रही है. मरीजों ने चिकित्सकों पर अस्पताल के बजाय बाहर की दवाइयां लिखने का गंभीर आरोप लगाया.

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जानकारी के अनुसार सिमरिया रेफरल अस्पताल में मौसमी बीमारियों का उपचार कराने प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों के दर्जनों मरीज पहुंचे थे. अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने इनका उपचार तो कर दिया, लेकिन अस्पताल से दवाई देने के बजाय बाहर से दवाइयां लेने की बात कह दी. जिसके बाद मरीज आक्रोशित हो गए और अस्पताल में जमकर हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान हंगामा कर रहे मरीजों के परिजनों को ग्रामीणों ने समझा-बुझाकर शांत कराया.

सिमरिया प्रखंड में यह एक मात्र अस्पताल है, जिसके ऊपर पूरे प्रखंड के लोगों का स्वास्थ्य सुविधा निर्भर है. प्रखंड के अलावा उसके आस-पास के लोगों की जान-माल की सुरक्षा करने की जिम्मेवारी इसी अस्पताल पर होती है, लेकिन यही अस्पताल आज लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. उपचार तो यहां हो रहा है, लेकिन मरीजों को दवाइयां ऊंचे दामों में प्राइवेट अस्पतालों से लेनी पड़ रही है.

Intro:रेफरल अस्पताल में है दवाइयों का टोटा, मरीज परेशान

चतरा : केंद्र व राज्य सरकार भले ही अस्पतालों को चुस्त दुरुस्त रखने के लाख दावे कर ले। लेकिन हकीकत इनके दावों को मुंह चिढ़ाती नजर आती है। कहीं डॉक्टर की कमी का बोझ अस्पतालें झेल रही हैं तो कहीं दवाइयों की कमी का दंश मरीज। ऐसे में उपचार कराने आए मरीजों को प्राइवेट दुकानों से दवाइयां खरीदनी पड़ रही है। ऐसी ही परेशानियों से जूझ रहे चतरा के सिमरिया रेफरल अस्पताल में मरीजों ने हंगामा किया है। मरीजों ने चिकित्सकों पर अस्पताल के बजाय बाहर की दवाइयां लिखने का गंभीर आरोप लगाया है।

बाईट : बिगन गंझू - मरीज।

Body:जानकारी के अनुसार सिमरिया रेफरल अस्पताल में मौसमी बीमारियों का उपचार कराने प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों के दर्जनों मरीज पहुंचे थे। अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने इनका उपचार तो कर दिया लेकिन अस्पताल से दवाई देने के बजाय बाहर से दवाइयां लेने की बात कह दी। जिसके बाद मरीज आक्रोशित हो गए और अस्पताल में जमकर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान हंगामा कर रहे मरीजों व ग्रामीणों को स्थानीय लोगों ने समझा-बुझाकर शांत कराया। मरीजों का आरोप है कि अस्पताल में दवाइयों का टोटा लगा है। जिसके कारण उन्हें प्राइवेट दुकानों से दवाइया लेनी पड़ रही है। ग्रामीणों ने अस्पताल में दवाइयां उपलब्ध कराने की मांग की है।

Conclusion:गौरतलब है कि सिमरिया प्रखंड में एक मात्र अस्पताल के रूप में सिमरिया रेफरल अस्पताल संचालित है। जिसके सहारे पूरे प्रखंड की जनता आश्रित है। ऐसे में इनके जान माल की सुरक्षा करने की जिम्मेवारी इसी अस्पताल पर होती है। लेकिन यही अस्पताल आज लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। उपचार तो यहां हो रहा है लेकिन दवाइयां ऊंचे दाम पर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों से लेनी पड़ रही है।
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