चतरा: झारखंड में पंचायती राज्य पूर्ण रूप से लागू करने को लेकर पंचायत चुनाव हुआ था. जिससे गांव और हर तबके के लोगों तक विकास पहुंचने की उम्मीद जगी थी. लेकिन मुखिया समेत अन्य प्रतिनिधियों की लापरवाही और अधिकारियों की मनमानी के कारण पंचायत चुनाव के 10 साल बाद भी गांवों में विकास देखने को नहीं मिला है. दरअसल, गिद्धौर प्रखंड के इचाक हरिजन गांव में न तो सड़क है और न ही पुल-पुलिया. लोगों को मुख्य पथ तक जाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां के ग्रामीण आज भी गांव से प्रखंड मुख्यालय तक जाने के लिए पगडंडी का सहारा लेते हैं.
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ग्रामीणों को हाती है परेशानी
गांव में सड़क नहीं होने से ग्रामीण पगडंडी के रास्ते ही पंचायत मुख्यालय पहुंचते हैं. लोगों को नदी नालों पर पुल पुलिया नहीं होने से खतरा बना रहता है. ऐसे में लोगों ने टूटे बिजली पोल को पुल बनाकर नाले को पार करने का तरीका निकाला है. हालांकि यह जानलेवा साबित हो सकता है. ग्रामीणों की आशंका है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. खासकर बरसात के दिनों में छोटे बच्चों और बुजुर्गों को नाला पार करने में काफी दिक्कत होती है. वहीं मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा भी मुहैया नहीं हो पाती है. ऐसे में इस गांव के लोगों को पंचायत की मुखिया से काफी उम्मीद थी कि समस्या को देखते हुए नाले पर पुलिया निर्माण करा दिया जाएगा. लेकिन मुखिया अपने 10 साल के कार्यकाल में किसी की परेशानी को नहीं समझ सकी और आज तक पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया.