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चतरा: आंदोलित टाना भगतों को मिला सीता सोरेन का साथ, विधायक ने की सरकार से भूमि पट्टा देने की मांग

बुधवार को जेएमएम नेत्री सीता सोरेन चतरा पहुंची. अपने चतरा प्रवास के दौरान उन्होंने परिसदन भवन में पहले टाना भगतों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना. इसके बाद जामा विधायक ने उपायुक्त दिव्यांशु झा से मुलाकात कर टाना भगतों को राज्य सरकार के नीतियों के अनुरूप भूमि पट्टा देने को लेकर प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने की मांग की.

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जेएमएम नेत्री सीता सोरेन
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Published : Nov 5, 2020, 12:31 PM IST

चतरा: टंडवा थाना क्षेत्र में निवास करने वाले प्राकृतिक रक्षक प्रतीक टाना भगतों के भूमि संबंधी आंदोलन को एक बार फिर सत्ताधारी दल का साथ मिल गया है. लंबे अरसे से भूमि पट्टा की मांग को लेकर आंदोलित महात्मा गांधी के अनुयायियों टाना भगतों के आंदोलन को जामा विधायक सह झामुमो नेत्री सीता सोरेन ने अपना समर्थन दिया है.

देखिए पूरी खबर

'टाना भगतों की मांग जायज'

सीता सोरेन ने टाना भगतों की मांगों को जायज बताया है. उन्हें अविलंब वन भूमि पट्टा दिलाने को लेकर एक दिवसीय दौरे पर देर शाम चतरा पहुंची. अपने चतरा प्रवास के दौरान उन्होंने परिसदन भवन में पहले टाना भगतों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना. इसके बाद जामा विधायक ने उपायुक्त दिव्यांशु झा से मुलाकात कर टाना भगतों को राज्य सरकार के नीतियों के अनुरूप भूमि पट्टा देने को लेकर प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने की मांग की. इस मौके पर सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक और खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य है. यहां की ज्यादातर आबादी जंगलों में ही निवास करती है. बावजूद प्राकृतिक रक्षक टाना भगत आज भी अपने अधिकारों से वंचित हैं.

'टाना भगत भूमि पट्टा से वंचित'

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी अपने शासनकाल में झामुमो की सरकार ने गरीबों और जरूरतमंद परिवारों को वन पट्टा दिया था. उस दौरान टंडवा प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों की लापरवाही और गलत रिपोर्टिंग के कारण टाना भगत भूमि पट्टा से वंचित रह गए थे, जिससे उन्हें आज तक स्थानीय होने का अधिकार तक नहीं मिला है. इस बार भी राज्य सरकार बड़े पैमाने पर भूमिहीन गरीब परिवारों के बीच वन पट्टा का वितरण करने जा रही है. ऐसे में इस बार भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये अपने अधिकारों से वंचित न रह जाए इस उद्देश्य से उपायुक्त से वार्ता करने वे चतरा आई थीं.

ये भी पढे़ं: स्कॉलरशिप घोटाला और स्किल समिट ऑफर लेटर मामले की होगी जांच, धर्म कोड पर एक 11 नवंबर को विशेष सत्र: हेमंत सोरेन

जेएमएम में सबकुछ ठीक नहीं

सीता सोरेन के चतरा आगमन के दौरान एक बार फिर चतरा जिला अध्यक्ष पंकज प्रजापति की अनुपस्थिति ने पार्टी के भीतर के विवादों को जीवित कर दिया है. पत्रकारों द्वारा जिलाध्यक्ष की गैर-मौजूदगी पर सवाल पूछे जाने से झामुमो विधायक ने यहां तक कह दिया कि जिला अध्यक्ष कोई तोप नहीं है, जिनके नहीं रहने से काम नहीं होगा. वे जनप्रतिनिधि हैं और जनता जब और जहां बुलाएगी वह जाएंगी.

चतरा: टंडवा थाना क्षेत्र में निवास करने वाले प्राकृतिक रक्षक प्रतीक टाना भगतों के भूमि संबंधी आंदोलन को एक बार फिर सत्ताधारी दल का साथ मिल गया है. लंबे अरसे से भूमि पट्टा की मांग को लेकर आंदोलित महात्मा गांधी के अनुयायियों टाना भगतों के आंदोलन को जामा विधायक सह झामुमो नेत्री सीता सोरेन ने अपना समर्थन दिया है.

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'टाना भगतों की मांग जायज'

सीता सोरेन ने टाना भगतों की मांगों को जायज बताया है. उन्हें अविलंब वन भूमि पट्टा दिलाने को लेकर एक दिवसीय दौरे पर देर शाम चतरा पहुंची. अपने चतरा प्रवास के दौरान उन्होंने परिसदन भवन में पहले टाना भगतों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना. इसके बाद जामा विधायक ने उपायुक्त दिव्यांशु झा से मुलाकात कर टाना भगतों को राज्य सरकार के नीतियों के अनुरूप भूमि पट्टा देने को लेकर प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने की मांग की. इस मौके पर सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक और खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य है. यहां की ज्यादातर आबादी जंगलों में ही निवास करती है. बावजूद प्राकृतिक रक्षक टाना भगत आज भी अपने अधिकारों से वंचित हैं.

'टाना भगत भूमि पट्टा से वंचित'

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी अपने शासनकाल में झामुमो की सरकार ने गरीबों और जरूरतमंद परिवारों को वन पट्टा दिया था. उस दौरान टंडवा प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों की लापरवाही और गलत रिपोर्टिंग के कारण टाना भगत भूमि पट्टा से वंचित रह गए थे, जिससे उन्हें आज तक स्थानीय होने का अधिकार तक नहीं मिला है. इस बार भी राज्य सरकार बड़े पैमाने पर भूमिहीन गरीब परिवारों के बीच वन पट्टा का वितरण करने जा रही है. ऐसे में इस बार भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये अपने अधिकारों से वंचित न रह जाए इस उद्देश्य से उपायुक्त से वार्ता करने वे चतरा आई थीं.

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जेएमएम में सबकुछ ठीक नहीं

सीता सोरेन के चतरा आगमन के दौरान एक बार फिर चतरा जिला अध्यक्ष पंकज प्रजापति की अनुपस्थिति ने पार्टी के भीतर के विवादों को जीवित कर दिया है. पत्रकारों द्वारा जिलाध्यक्ष की गैर-मौजूदगी पर सवाल पूछे जाने से झामुमो विधायक ने यहां तक कह दिया कि जिला अध्यक्ष कोई तोप नहीं है, जिनके नहीं रहने से काम नहीं होगा. वे जनप्रतिनिधि हैं और जनता जब और जहां बुलाएगी वह जाएंगी.

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