ETV Bharat / state

पुल टूटने के बाद खतरे में लोगों की जान, हर रोज मौत से होता है सामना!

चतरा के प्रतापपुर और कुंदा प्रखंड के बीच बना पुल पिछले कई दिनों से ध्वस्त है. पुल के ध्वस्त होने से यात्रियों को आवागमन में परेशानी हो रही है.

ध्वस्त पुल
author img

By

Published : Oct 31, 2019, 11:40 AM IST

चतरा: जिले के घोर नक्सल प्रभावित प्रतापपुर और कुंदा प्रखंड के लोग इन दिनों नक्सल समस्या से नहीं बल्कि पुल की समस्या से जूझ रहे हैं. सड़कों की स्थिति दमदार होने के बाद भी यहां के लोगों को आवागमन के लिए नदी का सहारा लेना पड़ रहा है. दोनों प्रखंडों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली प्रतापपुर-जोरी मुख्यपथ तो चकाचक है, लेकिन उक्त पथ पर स्थित कठौन नदी पर वर्षों पूर्व बने पुल के ध्वस्त होने से यात्रियों को आवागमन में परेशानी हो रही है.

देखें पूरी खबर

बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका
ऐसे में नुमाइंदों के मामूली लापरवाही के कारण लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए नदी के पानी के बीच बने पगडंडियों का सहारा लेना पड़ रहा है. जिससे न सिर्फ बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है, बल्कि लोग नदी के पानी की तेज धारा के भी शिकार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- महिला के साथ छेड़खानी करने पर राजमिस्त्री की पीट-पीटकर हत्या, रेलवे सुरंग में शव फेंका

कइयों की जान भी जा चुकी है
ग्रामीणों के अनुसार, नदी पार करने के दौरान अचानक आई बाढ़ के चपेट में आने से कइयों की जान भी जा चुकी है. बावजूद न तो आजतक आमलोगों के इस समस्या की ओर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नजर गई है और न ही अधिकारियों की.

ये भी पढ़ें- महंगाई पर आस्था भारी, महापर्व छठ पर 80 रुपए तक बिक रहे कद्दू

लंबी दूरी तय करनी पड़ रही
आश्चर्य की बात तो ये है कि इसी पथ से हर दिन दोनों प्रखंडों में तैनात अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का भी आवागमन होता है. बावजूद महीनों से ध्वस्त पड़े पूल की मरम्मती और उसके जीर्णोद्धार के प्रति कोई अपनी गंभीरता नहीं दिखा रहा. ऐसे में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बेरुखी झेल रहे आमलोगों को अब किसी मशीहे का इंतजार है. क्योंकि पुल ध्वस्त होने के बाद या तो जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए ग्रामीणों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है या फिर आर्थिक बोझ का सामना.

चतरा: जिले के घोर नक्सल प्रभावित प्रतापपुर और कुंदा प्रखंड के लोग इन दिनों नक्सल समस्या से नहीं बल्कि पुल की समस्या से जूझ रहे हैं. सड़कों की स्थिति दमदार होने के बाद भी यहां के लोगों को आवागमन के लिए नदी का सहारा लेना पड़ रहा है. दोनों प्रखंडों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली प्रतापपुर-जोरी मुख्यपथ तो चकाचक है, लेकिन उक्त पथ पर स्थित कठौन नदी पर वर्षों पूर्व बने पुल के ध्वस्त होने से यात्रियों को आवागमन में परेशानी हो रही है.

देखें पूरी खबर

बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका
ऐसे में नुमाइंदों के मामूली लापरवाही के कारण लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए नदी के पानी के बीच बने पगडंडियों का सहारा लेना पड़ रहा है. जिससे न सिर्फ बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है, बल्कि लोग नदी के पानी की तेज धारा के भी शिकार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- महिला के साथ छेड़खानी करने पर राजमिस्त्री की पीट-पीटकर हत्या, रेलवे सुरंग में शव फेंका

कइयों की जान भी जा चुकी है
ग्रामीणों के अनुसार, नदी पार करने के दौरान अचानक आई बाढ़ के चपेट में आने से कइयों की जान भी जा चुकी है. बावजूद न तो आजतक आमलोगों के इस समस्या की ओर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नजर गई है और न ही अधिकारियों की.

ये भी पढ़ें- महंगाई पर आस्था भारी, महापर्व छठ पर 80 रुपए तक बिक रहे कद्दू

लंबी दूरी तय करनी पड़ रही
आश्चर्य की बात तो ये है कि इसी पथ से हर दिन दोनों प्रखंडों में तैनात अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का भी आवागमन होता है. बावजूद महीनों से ध्वस्त पड़े पूल की मरम्मती और उसके जीर्णोद्धार के प्रति कोई अपनी गंभीरता नहीं दिखा रहा. ऐसे में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बेरुखी झेल रहे आमलोगों को अब किसी मशीहे का इंतजार है. क्योंकि पुल ध्वस्त होने के बाद या तो जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए ग्रामीणों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है या फिर आर्थिक बोझ का सामना.

Intro:मुख्यपथ का पुल है ध्वस्त, नदी के सहारे आवागमन को मजबूर लोग कईयों की जा चुकी है जान

चतरा : चतरा जिले के घोर नक्सल प्रभावित प्रतापपुर और कुंदा प्रखंड के लोग इन दिनों नक्सल समस्या से नहीं बल्कि पुल की समस्या से जूझ रहे हैं। सड़कों की स्थिति दमदार होने के बाद भी यहां के लोगों को आवागमन के लिए नदी का सहारा लेना पड़ रहा हैं। दोनों प्रखंडो को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली प्रतापपुर-जोरी मुख्यपथ तो चकाचक है लेकिन उक्त पथ पर स्थित कठौन नदी पर वर्षो पूर्व बने पुल के ध्वस्त होने से यात्रियों को आवागमन में परेशानी हो रही है। ऐसे में नुमाइंदों के मामूली लापरवाही के कारण लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए नदी के ठंढे पानी के बीच बने पगडंडियों का सहारा लेना पड़ रहा है। जिससे न सिर्फ बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है बल्कि लोग नदी के पानी की तेज धारा के भी शिकार हो रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार नदी पार करने के दौरान अचानक आई बाढ़ के चपेट में आने से कईयों की जान भी जा चुकी है। बावजूद न तो आजतक आमलोगों के इस समस्या की ओर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नजर गई है और न ही अधिकारियों की। आश्चर्य की बात तो ये है कि इसी पथ से प्रतिदिन दोनो प्रखंडों में तैनात अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का भी आवागमन होता है। बावजूद महीनों से ध्वस्त पड़े पूल के मरम्मती व उसके जीर्णोद्धार के प्रति कोई अपनी गम्भीरता नहीं दिखा रहा। ऐसे में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की बेरुखी झेल रहे आमलोगों को अब किसी मशीहे का इंतजार है। क्योंकि पुल ध्वस्त होने के बाद या तो जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए ग्रामीणों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है या फिर आर्थिक बोझ का सामना ।

बाईट : बिगन भुईयां, स्थानीय ग्रामीण।
बाईट : सोनू पांडेय, यात्री।


Body:चतरा जिला मुख्यालय से करीब तीस किलोमीटर की दूरी पर प्रतापपुर व चालीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कुंदा प्रखंड मुख्यालय। झारखंड-बिहार सीमा पर स्थित इन दोनों प्रखंडों में करीब तीन सौ गांव हैं। यहां निवास करने वाले लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए प्रतापपुर-जोरी मुख्यपथ के सहारा लेना पड़ता है। लेकिन आज चकाचक पक्की सड़क रहने के बाद भी यहां के लोगों को आवागम में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कारण है मुख्यपथ पर स्थित कठौन नदी पर बने पुल का ध्वस्त होना। बारिश के मौसम में बाढ़ के चपेट में आने से मुख्यपथ पर वर्षों पूर्व बना पुल ध्वस्त हो गया है। जिसके कारण इस पथ पर यात्रा करने वाले ग्रामीणों को नदी के सहारे यात्रा करना पड़ रहा है। ऐसे में न सिर्फ बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है बल्कि कई लोग भी यात्रा के दौरान अकाल मौत के गाल में समा चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार नदी पार करने के दौरान कई यात्रियों की मौत बाढ़ के चपेट में आने से हो चुकी है।


Conclusion:गौरतलब है कि इसी रास्ते से प्रतिदिन कुंदा व प्रतापपुर प्रखंड में तैनात अधिकारियों का आना-जाना होता है। इतना ही नहीं पूर्व विधायक जनार्दन पासवान का भी गृह क्षेत्र प्रतापपुर ही है। बावजूद अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने अबतक आमलोगों की ओर अपना ध्यान आकृष्ट किया है। पुल ध्वस्त रहने के कारण बरसात के मौसम में इन प्रखंडों के यात्रियों को हंटरगंज व लावालौंग के रास्ते ज्यादा दूरी तय कर यात्रा करनी पड़ती है। जिससे न सिर्फ लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है बल्कि आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.