चतरा: झारखंड सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता (Minister Satyanand Bhokta) अपने गांव में कुछ अलग ही अंदाज में नजर आए. सोमवार को सत्यानंद भोक्ता न ही मंत्री के परिधान में थे और न ही वो सुरक्षाकर्मियों से घिरे थे, बल्कि वो कृषि परिधान में नजर आए. मंत्री अपने पैतृक गांव कारी में हल चलाते नजर आए. उन्होंने खेतों में पहुंचकर पहले अपनी पैतृक मिट्टी को प्रणाम किया. उसके बाद खेतों में हल चलाकर खेती की.
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सत्यानंद भोक्ता माथे पर गमछा, शरीर पर बनियान और हाफ पैंट पहनकर खेतों में उतर गए. ग्रामीणों के साथ वो भी मिट्टी से सराबोर दिखे. मंत्री हल लेकर खेतों में बैलों को हांकते नजर आए. खेतों की जुताई के बाद उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के साथ धान रोपनी की. उन्होंने किसानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं, कोरोना महामारी के दौर में भी किसान अपने काम में डटे रहे और हमें अनाज दिया. उन्होंने कहा कि किसानों के दम पर ही राज्य में विभिन्न योजनाओं के तहत जरूरतमंदों के बीच मुफ्त अनाज वितरण किया जा रहा है.
सत्यानंद भोक्ता ने किसानों से की अपील
मंत्री सत्यानंद भोक्ता हमेशा ही जमीन से जुड़े रहे हैं. अक्सर वो ग्रामीणों के बीच समाजिक कार्यों में हाथ बढ़ाते रहे हैं. सोमवार को भी वो खेतों में हल चलाते और धान रोपनी करते नजर आए. उन्होंने कहा कि किसान का बेटा हूं, इसलिए कृषि को बढ़ावा देना मेरा फर्ज है. प्रदेश के अन्नदाताओं से अपील करते हुए श्रम मंत्री ने कहा कि लोग खेती कर अपने-अपने गांव में अन्न के उपज बढ़ाएं, क्योंकि अगर उपज ज्यादा होगी तभी महंगाई पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि जो खेतों में काम करते हैं उनका शारीरिक योग हो जाता है और योग से हर बीमारी दूर होती है.