चतरा: केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में इन दिनों चतरा में लूट मची हुई है. जिले के टंडवा प्रखंड अंतर्गत आवास योजना में बिचौलियागिरी इस कदर हावी है कि यहां के संपन्न परिवारों को दो-दो योजनाओं का लाभ एकसाथ मिल रहा है, जबकि जरूरतमंद गरीब विभागीय दंश झेलने को मजबूर हैं.
तंबू में रहने को मजबूर हैं गरीब परिवार
टंडवा प्रखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में बिचौलिया गिरी इस कदर हावी है कि जरूरतमंद लोग विभागीय लापरवाही का दंश झेल रहे हैं. कई परिवार ऐसे हैं जो सरकारी उदासीनता और बिचौलियों की तानाशाह नीति के कारण बरसात के मौसम में भी तंबू के सहारे अपनी जिंदगी काट रहे हैं. जिन्हें ना तो पंचायत प्रतिनिधियों का सहारा मिल रहा है और ना ही विभागीय रहनुमाओं की. ऐसे में टंडवा प्रखंड के पोकला पंचायत अंतर्गत कासियाडीह गांव की मोहनी और तपेश्वरी देवी बताती हैं की उन्हें आजतक किसी भी सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिला है. क्षेत्र के कई गरीब और निर्धन परिवार सरकारी उदासीनता के कारण क्षतिग्रस्त घर में रहने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि घूस देने में असमर्थता जताने पर उन्हें आजतक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है.
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बिना घूस नहीं मिलता योजनाओं का लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना के आस में तपेश्वरी देवी बताती हैं कि उनका घर टूटकर जर्जर हो चुका है. घर में किसी तरह उनका परिवार त्रिपाल और प्लास्टिक लगाकर दुर्घटनाओं के आमंत्रण के बीच जीवन जीने के लिए विवश हैं. ऐसा नहीं है कि इनलोगों ने पीएम आवास योजना का लाभ लेने के लिए अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों से गुहार नहीं लगाई. वार्ड सदस्य, उप मुखिया, मुखिया से लेकर कार्यालयों तक चक्कर काटने के बाद भी इन्हें पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. ग्रामीणों ने बताया कि पीएम आवास योजना का लाभ मांगने पर मुखिया और पंचायत सचिव उनसे पैसे की मांग करते हैं. ऐसे में आर्थिक संकट से जूझ रहे इन परिवारों के पास ना तो पैसे हैं और ना ही इन्हें योजना का लाभ मिल रहा है. उनका कहना है कि अगर आर्थिक स्थिति ठीक होती और उसके पास पैसे होते तो सरकार से मदद की उम्मीद क्यूं रखती. उसने सरकार और उसकी नीतियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि हम गरीबों से पैसे मांगे जाते हैं और अमीरों और सुखी संपन्न लोगों को दो-दो योजनाओं का लाभ दे दिया जाता है.
विभागीय लापवाही से जनप्रतिनिधि भी परेशान
पोकला पंचायत के उप मुखिया कि सुनने के बाद गरीबों के कल्याण की बातें झूठी साबित होती नजर आती है. उप मुखिया रामअवतार राम सिस्टम पर ही सवाल खड़ा करते हुए खुद यह स्वीकार करते हैं कि गरीबों और अमीरों में फर्क करती है. उन्होंने बताया कि ग्राम सभा में योजनाओं का चयन होने के बाद भी अधिकारी गरीबों के कल्याण के प्रति सजग नहीं है. उप मुखिया ने बताया कि कई बार अधिकारियों से जरूरतमंद परिवारों को योजना का लाभ देने की गुहार लगाई है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होता है. वहीं, पंचायत सचिव अजय कुमार से इस बारे में पुछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी ओर से ग्रामीणों को हर संभव मदद की जाती है. विधवा महिलाओं के लिए संचालित अंबेडकर आवास योजना की याद दिलाने पर अपनी गलती मानते हुए उन्होंने कहा कि आवेदन मिलते ही गरीब विधवा महिलाओं को लाभ दिलाएंगे. ऐसे में अब स्थिति सुधरती है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा.