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चतराः मनरेगा सड़क घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई, 14 बर्खास्त - मनरेगा योजना में घोटाले में कार्रवाई

चतरा जिले में मनरेगा की सड़कों में भारी घोटाला करने वालों पर गाज गिरी है. 40 सड़कों के निर्माण से जुड़ी धनराशि में घोटाला करने वाले अधिकारियों समेत 14 मनरेगा कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. ग्रामीण विकास सचिव ने आरोपी कर्मियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से योजना राशि 12% ब्याज के साथ भी वसूलने का निर्देश दिया है.

मनरेगा योजना में घोटाले पर बड़ी कार्रवाई
मनरेगा योजना में घोटाले पर बड़ी कार्रवाई
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Published : Jun 4, 2020, 6:49 AM IST

Updated : Jun 4, 2020, 8:30 AM IST

चतराः जिले में मनरेगा योजना में धांधली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. 40 सड़कों के निर्माण से जुड़ी धनराशि में घोटाला करने वाले अधिकारियों समेत 14 मनरेगा कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. चतरा में मनरेगा योजनाओं में हुई गड़बड़ियों को लेकर उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने मामले में संलिप्त आरोपी अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है. डीसी ने मनरेगा की योजनाओं में अनियमितता बरतने के आरोप में परियोजना अधिकारी फणीन्द्र गुप्ता समेत 14 संविदाकर्मियों का अनुबंध रद्द करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया है.

मनरेगा योजना में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों और अनुबंध कर्मियों पर डीसी की इस बड़ी कार्रवाई से जिले में हड़कंप मचा है. अनुबंध कर्मियों में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी फणींद्र गुप्ता के अलावा प्रतापपुर प्रखंड के कार्यक्रम अधिकारी, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता व रोजगार सेवक का नाम शामिल है.

मनरेगा सड़क घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई.

यह कार्रवाई ग्रामीण विकास विभाग के दिए गए निर्देश के तहत की गई है. जिनका संविदा रद्द किया गया है उनमें परियोजना अधिकारी के अलावा सहायक अभियंता रंजीत कुमार, प्रतापपुर के तत्कालीन प्रखंड कार्यक्रम अधिकारी घनश्याम कुजूर, राजेश्वर कुमार एवं वर्तमान कार्यक्रम अधिकारी विनोद कुमार गुप्ता,कनीय अभियंता चंद्रशेखर मेहता, शिवशंकर, प्रियरंजन राहुल और रोजगार सेवक अजहर, सुनील दास, मुसाफिर यादव, संतन दास एवं मनोज कुमार यादव आदि का नाम शामिल है.

गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में मनरेगा योजना के तहत प्रतापपुर प्रखंड में 40 सड़कों के गायब होने का मामला सांसद सुनील सिंह ने उठाया था, जिसके बाद ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने मनरेगा के अपर आयुक्त मनीष तिवारी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित कर सड़कों की जांच को लेकर प्रतापपुर भेजा था.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में बुधवार को 38 कोरोना मरीजों की पुष्टि, कुल संख्या पहुंची 764

इसी कमेटी के जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह को मामले में संलिप्त तत्कालीन बीडीओ व पीओ समेत तमाम अधिकारियों, कर्मियों और जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध गबन की प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अनुबंध कर्मियों का अनुबंध रद्द करने और बीडीओ समेत अन्य सरकारी कर्मियों के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का निर्देश दिया था. इसके बाद डीसी ने कार्रवाई की है. ग्रामीण विकास सचिव ने आरोपी कर्मियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से योजना राशि 12% ब्याज के साथ भी वसूलने का निर्देश दिया है.

चतराः जिले में मनरेगा योजना में धांधली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. 40 सड़कों के निर्माण से जुड़ी धनराशि में घोटाला करने वाले अधिकारियों समेत 14 मनरेगा कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. चतरा में मनरेगा योजनाओं में हुई गड़बड़ियों को लेकर उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने मामले में संलिप्त आरोपी अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है. डीसी ने मनरेगा की योजनाओं में अनियमितता बरतने के आरोप में परियोजना अधिकारी फणीन्द्र गुप्ता समेत 14 संविदाकर्मियों का अनुबंध रद्द करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया है.

मनरेगा योजना में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों और अनुबंध कर्मियों पर डीसी की इस बड़ी कार्रवाई से जिले में हड़कंप मचा है. अनुबंध कर्मियों में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी फणींद्र गुप्ता के अलावा प्रतापपुर प्रखंड के कार्यक्रम अधिकारी, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता व रोजगार सेवक का नाम शामिल है.

मनरेगा सड़क घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई.

यह कार्रवाई ग्रामीण विकास विभाग के दिए गए निर्देश के तहत की गई है. जिनका संविदा रद्द किया गया है उनमें परियोजना अधिकारी के अलावा सहायक अभियंता रंजीत कुमार, प्रतापपुर के तत्कालीन प्रखंड कार्यक्रम अधिकारी घनश्याम कुजूर, राजेश्वर कुमार एवं वर्तमान कार्यक्रम अधिकारी विनोद कुमार गुप्ता,कनीय अभियंता चंद्रशेखर मेहता, शिवशंकर, प्रियरंजन राहुल और रोजगार सेवक अजहर, सुनील दास, मुसाफिर यादव, संतन दास एवं मनोज कुमार यादव आदि का नाम शामिल है.

गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में मनरेगा योजना के तहत प्रतापपुर प्रखंड में 40 सड़कों के गायब होने का मामला सांसद सुनील सिंह ने उठाया था, जिसके बाद ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने मनरेगा के अपर आयुक्त मनीष तिवारी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित कर सड़कों की जांच को लेकर प्रतापपुर भेजा था.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में बुधवार को 38 कोरोना मरीजों की पुष्टि, कुल संख्या पहुंची 764

इसी कमेटी के जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह को मामले में संलिप्त तत्कालीन बीडीओ व पीओ समेत तमाम अधिकारियों, कर्मियों और जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध गबन की प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अनुबंध कर्मियों का अनुबंध रद्द करने और बीडीओ समेत अन्य सरकारी कर्मियों के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का निर्देश दिया था. इसके बाद डीसी ने कार्रवाई की है. ग्रामीण विकास सचिव ने आरोपी कर्मियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से योजना राशि 12% ब्याज के साथ भी वसूलने का निर्देश दिया है.

Last Updated : Jun 4, 2020, 8:30 AM IST
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