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चतराः भद्रकाली मंदिर में मां महागौरी की हुई पूजा, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ - चतरा के भद्रकाली मंदिर में मां महागौरी की पूजा अर्चना हुई

शारदीय नवरात्र के अष्ठमी के दिन चतरा के प्रसिद्ध मां भद्रकाली मंदिर में मां महागौरी की भव्य पूजा की गई. इस अवसर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.

चतरा के भद्रकाली मंदिर में मां महागौरी की हुई पूजा
Mother Mahagauri worshiped in Bhadrakali temple of Chatra
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Published : Oct 25, 2020, 3:43 AM IST

चतरा: शारदीय नवरात्र के अष्ठमी के दिन जिले के प्रसिद्ध मां भद्रकाली मंदिर में मां महागौरी की भव्य पूजा की गई. इस अवसर पर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरु हो गया. मंदिर में श्रद्धालुओं ने मां महागौरी की पूजा अर्चना में हिस्सा लिया.

इस मौके पर प्रबंधन समिति के सचिव सह अंचलाधिकारी बैधनाथ कामती, बीडीओ विजय कुमार और थाना प्रभारी समेत सैकड़ों श्रद्धालुओं ने निर्धारित समय पर संधि बलि दी. करीब एक घंटे तक अनुष्ठान होने के बाद आमजनों ने मां भद्रकाली के दर्शन कर पूजा-अर्चना की. अष्टमी के पावन मौके पर भद्रकाली माता के चरणों में शीश नवाने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई थी, जो देर शाम तक जारी रही.

ये भी पढ़ें-2010 में NDA ने दर्ज की थी शानदार जीत, तीन चौथाई से अधिक सीटों पर किया था कब्जा

मां भद्रकाली मंदिर में पूरी होती है लोगों की मनोकामनी

मां भद्रकाली मंदिर के पुजारी नागेश्वर तिवारी ने कहा कि वैसे तो भद्रकाली मंदिर में सालभर भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन शारदीय और चैत्र नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. शारदीय नवरात्र में यहां पूजा का विशेष महत्त्व है. मालूम हो कि भद्रकाली मंदिर में नवरात्र की पूजा सदियों से होती आ रही है. लोगों का मानना है कि जो भी यहां नवरात्र के मौके पर कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने यह भी बताया कि यहां प्राचीन काल में भी कई ऋषि-मुनि और राजा-महाराजाओं ने नवरात्र में साधना कर मोक्ष की प्राप्ति की थी.

चतरा: शारदीय नवरात्र के अष्ठमी के दिन जिले के प्रसिद्ध मां भद्रकाली मंदिर में मां महागौरी की भव्य पूजा की गई. इस अवसर पर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरु हो गया. मंदिर में श्रद्धालुओं ने मां महागौरी की पूजा अर्चना में हिस्सा लिया.

इस मौके पर प्रबंधन समिति के सचिव सह अंचलाधिकारी बैधनाथ कामती, बीडीओ विजय कुमार और थाना प्रभारी समेत सैकड़ों श्रद्धालुओं ने निर्धारित समय पर संधि बलि दी. करीब एक घंटे तक अनुष्ठान होने के बाद आमजनों ने मां भद्रकाली के दर्शन कर पूजा-अर्चना की. अष्टमी के पावन मौके पर भद्रकाली माता के चरणों में शीश नवाने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई थी, जो देर शाम तक जारी रही.

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मां भद्रकाली मंदिर में पूरी होती है लोगों की मनोकामनी

मां भद्रकाली मंदिर के पुजारी नागेश्वर तिवारी ने कहा कि वैसे तो भद्रकाली मंदिर में सालभर भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन शारदीय और चैत्र नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. शारदीय नवरात्र में यहां पूजा का विशेष महत्त्व है. मालूम हो कि भद्रकाली मंदिर में नवरात्र की पूजा सदियों से होती आ रही है. लोगों का मानना है कि जो भी यहां नवरात्र के मौके पर कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने यह भी बताया कि यहां प्राचीन काल में भी कई ऋषि-मुनि और राजा-महाराजाओं ने नवरात्र में साधना कर मोक्ष की प्राप्ति की थी.

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