चतरा: कोयले की काली कमाई से आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे नक्सलियों के तंत्र को नेस्तनाबूद करने की दिशा में चतरा पुलिस ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है. कोयलांचल को अपने आगोश में ले चुके टेरर फंडिंग मामले में पिपरवार थाना पुलिस ने सीसीएलकर्मी सुरेश गंझू को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार कोल कर्मी पर नक्सलियों से साठगांठ और उन्हें आर्थिक सहयोग देने का आरोप है.
सुरेश गंझू की गिरफ्तारी अशोका कोल परियोजना परिसर से हुई है, जिसे पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. वह हाजिरी बनाने कार्यालय पहुंचा था. इसी दौरान पुलिस ने उसे कार्यालय परिसर से ही दबोच लिया. कोयलांचल से टेरर फंडिंग मामले में यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है. इससे पहले भी 2 सीसीएलकर्मियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
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गौरतलब है कि करीब डेढ़ माह पहले प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के सुप्रिमो ब्रजेश गंझू, आक्रमण, मुकेश, भीखन और विनोद समेत 77 शीर्ष नक्सलियों और सीसीएलकर्मियों के खिलाफ पिपरवार थाने में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर टेरर फंडिंग का मामला दर्ज किया गया था. मामला दर्ज होने के बाद से जहां कोल नगरी में हड़कंप मचा, वहीं नक्सल गतिविधियों पर भी अप्रत्याशित ब्रेक लगी है.
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार सीसीएलकर्मी सुरेश गंझू पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए टेरर फंडिंग मामले का नामजद अभियुक्त था. पिपरवार थाना में दर्ज 36/19 मामले में पुलिस सुरेश की तलाश कर रही थी. लेकिन वह प्राथमिकी दर्ज होते ही कार्यालय छोड़कर फरार हो गया था. इसी बीच पिपरवार थाना प्रभारी संजय सिंह को सूचना मिली थी कि नक्सल समर्थक सीसीएलकर्मी अशोका परियोजना में हाजिरी बनाने पहुंचा है, जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर उसे कार्यालय परिसर से ही दबोच लिया.
बताते चलें कि एशिया के सबसे बड़े कोल परियोजनाओं में से एक सीसीएल की आम्रपाली, मगध, अशोका और वृंदा कोल परियोजनाओं में टेरर फंडिंग मामले में एनआईए जांच चल रही है. मामले में एनआईए ने दर्जनों शीर्ष नक्सलियों और सीसीएल के वरीय अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इसके बावजूद कोल परियोजनाओं में नक्सलियों की गतिविधि कम होने का नाम नहीं ले रही. इसे देखते हुए एसपी ने खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर पिपरवार थाने में 77 नक्सलियों और सीसीएलकर्मी के खिलाफ टेरर फंडिंग की प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.