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आधे-अधूरे घरों में रहने को मजबूर हैं लाभुक, कैसे पूरा होगा अपने घर का सपना - चतरा में लाभुक आधे-अधूरे घरों में रहने को मजबूर

चतरा में गरीबों का पक्का मकान में रहने का सपना फिलहाल सपना बनकर ही रह गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभुकों के लिए मकान बनाने का काम तो शुरू हुआ, लेकिन आधा अधूरा ही पड़ा हुआ है. अधूरे मकान में भेड़, बकरी और गाय का अड्डा बन गया है. जिससे लाभुक परेशान है. उनके पास रहने के लिए घर तक नहीं है.

beneficiaries lived in incomplete house of pm awas yojna in chatra
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Published : Dec 9, 2020, 1:05 PM IST

चतरा: गरीबों को पक्का मकान मुहैया कराने के प्रधानमंत्री के सपने को चतरा जिले के कुछ कर्मी और अधिकारी चकनाचूर कर रहे हैं. सालों बीतने के बाद भी हजारों प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को परेशान होना पड़ रहा है. इनके मकान बनाने का काम तो शुरू हुआ, लेकिन आधा अधूरा ही पड़ा हुआ है. बुनियादी सुविधाओं की आस में कई लाभुक अधूरे आवास में तो कई पड़ोसी के घर में रहने को मजबूर हैं.

देखें स्पेशल खबर
अधिकारियों की संवेदनहीनता का ही नतीजा है कि कई अधूरे प्रधानमंत्री आवास में भेड़, बकरी और गाय रह रहे हैं. यह सब उस राज्य में हो रहा है. अधिकारी और कर्मियों की लेटलतीफी और योजना को पूरा करने में बरती गयी लापरवाही ही एक प्रमुख कारण माना जा रहा है. इसके चलते फेज 1 से अब तक जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल नहीं किया जा सका है. लाभुक सीधे तौर पर कर्मी और अधिकारियों की मनमानी नीति को दोषी करार दे रहे हैं.

पीएम आवास की स्वीकृति

  • पहले फेज में वित्तीय साल 2016-17 से 2018-19 तक 26 हजार 715 पीएम आवास की स्वीकृति दी गई है. जबकि अब तक सिर्फ 25 हजार 68 आवास ही पूरे हुए हैं. फेज 1 के 16 सौ 47 आवास आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं.
  • फेज 2 में साल 2019-20 में 15 हजार 27 आवास का लक्ष्य रखा गया और 10 हजार 3 का काम पूरा हुआ. 5 हजार 324 पीएम आवास अब तक पूरा नहीं हो पाया है.
  • वित्तीय साल 2020-21 में कुल 25 हजार 26 आवास बनाने का लक्ष्य जिले में निर्धारित किया गया है. जिसमें 16 हजार 712 आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिस पर काम चल रहा है.

ये भी पढ़े- रांची में स्कॉर्पियो पेड़ से टकराई, हादसे में तीन लोगों की मौत

डीडीसी ने दिए निर्देश

इसे लेकर डीडीसी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि कई पीएम आवास योजना के लाभुक राशि मिलने के बाद भी राशि अन्य कार्यो में खर्च कर दिए हैं, तो कहीं वन भूमि पर आवास बना दिया गया है. वहीं, कई लाभुक की मौत हो गई है. जिस कारण कुछ योजनाएं लंबित हैं. डीडीसी ने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों के बीडीओ को मॉनिटरिंग करने और जल्द अधूरे आवासों को पूरा का कराने का निर्देश दिया गया है.

चतरा: गरीबों को पक्का मकान मुहैया कराने के प्रधानमंत्री के सपने को चतरा जिले के कुछ कर्मी और अधिकारी चकनाचूर कर रहे हैं. सालों बीतने के बाद भी हजारों प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को परेशान होना पड़ रहा है. इनके मकान बनाने का काम तो शुरू हुआ, लेकिन आधा अधूरा ही पड़ा हुआ है. बुनियादी सुविधाओं की आस में कई लाभुक अधूरे आवास में तो कई पड़ोसी के घर में रहने को मजबूर हैं.

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अधिकारियों की संवेदनहीनता का ही नतीजा है कि कई अधूरे प्रधानमंत्री आवास में भेड़, बकरी और गाय रह रहे हैं. यह सब उस राज्य में हो रहा है. अधिकारी और कर्मियों की लेटलतीफी और योजना को पूरा करने में बरती गयी लापरवाही ही एक प्रमुख कारण माना जा रहा है. इसके चलते फेज 1 से अब तक जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल नहीं किया जा सका है. लाभुक सीधे तौर पर कर्मी और अधिकारियों की मनमानी नीति को दोषी करार दे रहे हैं.

पीएम आवास की स्वीकृति

  • पहले फेज में वित्तीय साल 2016-17 से 2018-19 तक 26 हजार 715 पीएम आवास की स्वीकृति दी गई है. जबकि अब तक सिर्फ 25 हजार 68 आवास ही पूरे हुए हैं. फेज 1 के 16 सौ 47 आवास आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं.
  • फेज 2 में साल 2019-20 में 15 हजार 27 आवास का लक्ष्य रखा गया और 10 हजार 3 का काम पूरा हुआ. 5 हजार 324 पीएम आवास अब तक पूरा नहीं हो पाया है.
  • वित्तीय साल 2020-21 में कुल 25 हजार 26 आवास बनाने का लक्ष्य जिले में निर्धारित किया गया है. जिसमें 16 हजार 712 आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिस पर काम चल रहा है.

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डीडीसी ने दिए निर्देश

इसे लेकर डीडीसी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि कई पीएम आवास योजना के लाभुक राशि मिलने के बाद भी राशि अन्य कार्यो में खर्च कर दिए हैं, तो कहीं वन भूमि पर आवास बना दिया गया है. वहीं, कई लाभुक की मौत हो गई है. जिस कारण कुछ योजनाएं लंबित हैं. डीडीसी ने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों के बीडीओ को मॉनिटरिंग करने और जल्द अधूरे आवासों को पूरा का कराने का निर्देश दिया गया है.

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