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पर्यटकों के लिए स्वर्ग है चतरा का तमासीन जलप्रपात, जंगलों के बीच छिपा है अद्भुत नजारा - चतरा का तमासिन जलप्रपात प्राकृतिक का उपहार

चतरा जिला को प्रकृति ने एक बहुत ही अद्भुत तमासीन जलप्रपात प्रदान किया गया है, जोकि पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है. आच्छादित जंगलों के बीच छिपा तमासीन जलप्रपात का अद्भुत नजारा है.

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तमासिन जलप्रपात की सुंदरता
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Published : Jan 27, 2021, 8:11 AM IST

Updated : Jan 27, 2021, 1:25 PM IST

चतरा: कहते हैं कि प्रकृति ने बड़े ही फुर्सत के क्षण में तराश कर अगर किसी को एक अनोखा उपहार प्रदान किया है तो उसका नाम है तमासिन जलप्रपात, जो झारखंड के चतरा में वनों से आच्छादित जंगलों के बीच छिपा एक अद्भुत नजारा है. झारखंड का चतरा जिला वैसे तो प्राकृतिक सौन्दर्य के खजानों से भरापूरा है और पूरे प्रदेश में विख्यात भी है. इसके ख्याति से भी लोग अपरिचित नहीं है.

देखें पूरी खबर

बावजूद चतरा जिला के प्रकृति की गोद में समाई तमासीन जल-प्रपात रमणीय स्थलों में से एक खास और अलग पहचान रखता है, जिसकी प्राकृतिक छटा यहां सतरंगी फिजां बिखेर कर सभी का मन मोह लेती है. पथरीली चट्टानों के विहंगम दृश्यों के बीच और दो सुरम्य घाटियों, पहाड़ों के मध्य कल-कल, छल-छल बहता यह जल-प्रपात प्राचीन काल से देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर बरबस ही खींचता चला आ रहा है. वहीं नए साल में इस स्थली पर बड़ी संख्या में सैलानी पिकनिक का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं.

तमासिन जलप्रपात की सुंदरता
जिला मुख्यालय से तकरीबन चालीस किलोमीटर दूर कान्हाचट्टी प्रखंड के तुलबुल पंचायत में अवस्थित तमासीन जल-प्रपात से बहती जल धारा का सौन्दर्य काफी मनमोहक है. सैंकड़ों फीट की ऊंचाइयों से गिरती जल धारा ऐसी प्रतीत होती है, जैसे दूध की धारा रूपी नदी प्रवाहित हो रही हो. दो घाटियों यानि पहाड़ियों के बीच सफेद पत्थरों का अनोखा रूप सफेद गोमेद की तरह रौशनी बिखेरती हुई पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इस रमणीक स्थल का धार्मिक महत्व भी है.


ऋषि मातंग का आश्रम
कहा जाता है कि यहां ऋषि मातंग का आश्रम रहा है. जहां दोनों घाटियों के बीच एक गुफा भी है, जिसमें तमो गुण की अधिष्ठात्री तामसी देवी का मंदिर है. इसकी पूजा-अर्चना को लेकर भी लोग दूर-दराज और अन्य प्रदेशों से यहां आते हैं. लोगों की ऐसी भी मान्यता है कि दुर्गा सप्तसती कथा में चतरा की ऐतिहासिक मां कौलेश्वरी और भद्रकाली के साथ-साथ तमासीन का भी वर्णन है. चारों तरफ से जंगल और पहाड़ों से घिरे इस सुन्दर प्राकृतिक स्थल पर आकर इंसान मंत्रमुग्ध हो जाता है. यही वजह है कि तमासीन जलप्रपात झारखंड और बिहार ही नहीं, बल्कि घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए भी स्वर्ग है. तमासीन जैसा अनुपम सौंदर्य झारखंड में शायद दूसरी जगह नहीं होगा. अनुपम सौंदर्य की वजह से ही यहां एक बार आने वाले पर्यटक बार-बार आने की इच्छा रखते हैं.

इसे भी पढ़ेंः यूपी: रामपुर के किसान की दिल्ली में मौत, ट्रैक्टर परेड में था शामिल

मुख्य पिकनिक स्पॉट
स्थानीय लोगों और सैलानियों के अलावा गणमान्य जनों का भी मानना है कि यह जल-प्रपात झारखंड के तमाम अन्य पर्यटन स्थलों से बिल्कुल अलग और अद्वितीय है. इसके साथ ही इस स्थली की एक धार्मिक मान्यता भी है, जो लोगों को बरबस अपनी ओर खींचता चला जाता है. यानि यह स्थल जहां चतरा जिले के एक मुख्य पिकनिक स्पॉट में सुमार है. वहीं यह लोगों के आस्था का भी केंद्र रहा है.


रोप-वे कनेक्टिविटी की दिशा में कदम
इतिहासकार डॉक्टर इफ्तेखार आलम कहते हैं कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार को यहां राजगीर की तर्ज पर रोप-वे कनेक्टिविटी की दिशा में कारगर पहल करने की आवश्यकता है. ताकि यह जलप्रपात पर्यटन के साथ-साथ वैश्विक दृष्टिकोण से विकसित हो सके.

चतरा: कहते हैं कि प्रकृति ने बड़े ही फुर्सत के क्षण में तराश कर अगर किसी को एक अनोखा उपहार प्रदान किया है तो उसका नाम है तमासिन जलप्रपात, जो झारखंड के चतरा में वनों से आच्छादित जंगलों के बीच छिपा एक अद्भुत नजारा है. झारखंड का चतरा जिला वैसे तो प्राकृतिक सौन्दर्य के खजानों से भरापूरा है और पूरे प्रदेश में विख्यात भी है. इसके ख्याति से भी लोग अपरिचित नहीं है.

देखें पूरी खबर

बावजूद चतरा जिला के प्रकृति की गोद में समाई तमासीन जल-प्रपात रमणीय स्थलों में से एक खास और अलग पहचान रखता है, जिसकी प्राकृतिक छटा यहां सतरंगी फिजां बिखेर कर सभी का मन मोह लेती है. पथरीली चट्टानों के विहंगम दृश्यों के बीच और दो सुरम्य घाटियों, पहाड़ों के मध्य कल-कल, छल-छल बहता यह जल-प्रपात प्राचीन काल से देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर बरबस ही खींचता चला आ रहा है. वहीं नए साल में इस स्थली पर बड़ी संख्या में सैलानी पिकनिक का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं.

तमासिन जलप्रपात की सुंदरता
जिला मुख्यालय से तकरीबन चालीस किलोमीटर दूर कान्हाचट्टी प्रखंड के तुलबुल पंचायत में अवस्थित तमासीन जल-प्रपात से बहती जल धारा का सौन्दर्य काफी मनमोहक है. सैंकड़ों फीट की ऊंचाइयों से गिरती जल धारा ऐसी प्रतीत होती है, जैसे दूध की धारा रूपी नदी प्रवाहित हो रही हो. दो घाटियों यानि पहाड़ियों के बीच सफेद पत्थरों का अनोखा रूप सफेद गोमेद की तरह रौशनी बिखेरती हुई पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इस रमणीक स्थल का धार्मिक महत्व भी है.


ऋषि मातंग का आश्रम
कहा जाता है कि यहां ऋषि मातंग का आश्रम रहा है. जहां दोनों घाटियों के बीच एक गुफा भी है, जिसमें तमो गुण की अधिष्ठात्री तामसी देवी का मंदिर है. इसकी पूजा-अर्चना को लेकर भी लोग दूर-दराज और अन्य प्रदेशों से यहां आते हैं. लोगों की ऐसी भी मान्यता है कि दुर्गा सप्तसती कथा में चतरा की ऐतिहासिक मां कौलेश्वरी और भद्रकाली के साथ-साथ तमासीन का भी वर्णन है. चारों तरफ से जंगल और पहाड़ों से घिरे इस सुन्दर प्राकृतिक स्थल पर आकर इंसान मंत्रमुग्ध हो जाता है. यही वजह है कि तमासीन जलप्रपात झारखंड और बिहार ही नहीं, बल्कि घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए भी स्वर्ग है. तमासीन जैसा अनुपम सौंदर्य झारखंड में शायद दूसरी जगह नहीं होगा. अनुपम सौंदर्य की वजह से ही यहां एक बार आने वाले पर्यटक बार-बार आने की इच्छा रखते हैं.

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मुख्य पिकनिक स्पॉट
स्थानीय लोगों और सैलानियों के अलावा गणमान्य जनों का भी मानना है कि यह जल-प्रपात झारखंड के तमाम अन्य पर्यटन स्थलों से बिल्कुल अलग और अद्वितीय है. इसके साथ ही इस स्थली की एक धार्मिक मान्यता भी है, जो लोगों को बरबस अपनी ओर खींचता चला जाता है. यानि यह स्थल जहां चतरा जिले के एक मुख्य पिकनिक स्पॉट में सुमार है. वहीं यह लोगों के आस्था का भी केंद्र रहा है.


रोप-वे कनेक्टिविटी की दिशा में कदम
इतिहासकार डॉक्टर इफ्तेखार आलम कहते हैं कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार को यहां राजगीर की तर्ज पर रोप-वे कनेक्टिविटी की दिशा में कारगर पहल करने की आवश्यकता है. ताकि यह जलप्रपात पर्यटन के साथ-साथ वैश्विक दृष्टिकोण से विकसित हो सके.

Last Updated : Jan 27, 2021, 1:25 PM IST
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