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अब वाहन चोरों की खैर नहीं, इस ऐप की मदद से पकड़ी जाएगी चोरी की गाड़ी - ranchi

रांची ट्रैफिक पुलिस ने एक ऐसा ऐप का इजात किया है जिसके माध्यम से चोरी की बाइक या कार किसी भी इलाके से गुजरेगी तो वो तुंरत पकड़ में आ जाएगी. ट्रैफिक पुलिस के ऐप में वांटेड ब्लिंग का ऑप्शन रखा गया है. इसमें वैसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर को डाला गया है जिनका फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. जब डाले गए रजिस्ट्रेशन की गाड़ी शहर के किसी भी स्थान पर घूमेगी तब कंप्यूटर में अपने आप वांटेड ब्लिंग करने लगेगा.

जानकारी देती पुलिस
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Published : Mar 22, 2019, 3:33 PM IST

Updated : Mar 22, 2019, 6:05 PM IST

रांची: चोरी की बाइक और कार को पकड़ने के लिए राजधानी ट्रैफिक पुलिस ने एक नई तकनीक इजात की है. पुलिस ने एक ऐसा ऐप तैयार किया है, जिसके माध्यम से चोरी की बाइक या कार अगर शहर के किसी भी इलाके से गुजर रही है तो वो पकड़ में आ जाएगी.

जानकारी देती पुलिस

ट्रैफिक नियम तोड़ने के बाद जब पुलिस ने ऐसे लोगों के घर चालान भेजा तो चौंकाने वाला मामला सामने आया. जिनके घर चालान भेजे गए थे उनका कहना था कि वाहन का नंबर तो उनका है. लेकिन जिस बाइक या कार का जिक्र किया गया है वो उनके पास नहीं है.

ट्रैफिक पुलिस को समझ आ गया की वाहन चोर चोरी के वाहनों पर शहर में चलने वाले वाहनों के नंबर लगाकर उसे दूसरे शहर पहुंचा रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस ने इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लिया. इस पर रोक लगाने के लिए ऑनलाइन चालान सिस्टम में ही उपलब्ध तकनीक को ऐप का रूप दे दिया.

कैसे काम करता है ऐप
ट्रैफिक पुलिस के ऐप में वांटेड ब्लिंग का ऑप्शन रखा गया है. इसमें वैसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर को डाला गया है जिनका फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. जब डाले गए रजिस्ट्रेशन की गाड़ी शहर के किसी भी स्थान पर घूमेगी तब कंप्यूटर में अपने आप वांटेड ब्लिंग करने लगेगा. जिसके बाद संबंधित इलाके में तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवानों को इसकी जानकारी दी जाएगी और उसे पकड़ने का आदेश भी दिया जाएगा.

अब तक सात रजिस्ट्रेशन नंबर की हुई पहचान
चोरी के वाहनों पर या फिर दूसरे का नंबर लगा कर घूम रहे चोरों की लगातार राजधानी में पहचान हो रही है. कई लोग अपने एक ही नंबर को दो वाहनों में प्रयोग कर रहे थे. इन लोगों के खिलाफ भी ट्रैफिक पुलिस ने कार्रवाई की है. ऑनलाइन चालान सिस्टम के दौरान ऐसे सात वाहनों के नंबर डिडेक्ट किए गए हैं, जो चोरी किए थे. उनमें से अधिकांश वाहन चोर चोरी के वाहन के साथ गिरफ्तार कर लिए गए हैं.

बता दें कि राजधानी में औसतन हर दिन 5 बाइक वाहन चोर अलग-अलग इलाकों से वाहन उड़ा लेते हैं. जिन्हें वो ग्रामीण इलाकों में कम दाम में बेचकर पैसे कमाते हैं. ऐसे में अगर इस ऐप को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो वाहन चोरी पर रोक लगाई जा सकती है.

रांची: चोरी की बाइक और कार को पकड़ने के लिए राजधानी ट्रैफिक पुलिस ने एक नई तकनीक इजात की है. पुलिस ने एक ऐसा ऐप तैयार किया है, जिसके माध्यम से चोरी की बाइक या कार अगर शहर के किसी भी इलाके से गुजर रही है तो वो पकड़ में आ जाएगी.

जानकारी देती पुलिस

ट्रैफिक नियम तोड़ने के बाद जब पुलिस ने ऐसे लोगों के घर चालान भेजा तो चौंकाने वाला मामला सामने आया. जिनके घर चालान भेजे गए थे उनका कहना था कि वाहन का नंबर तो उनका है. लेकिन जिस बाइक या कार का जिक्र किया गया है वो उनके पास नहीं है.

ट्रैफिक पुलिस को समझ आ गया की वाहन चोर चोरी के वाहनों पर शहर में चलने वाले वाहनों के नंबर लगाकर उसे दूसरे शहर पहुंचा रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस ने इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लिया. इस पर रोक लगाने के लिए ऑनलाइन चालान सिस्टम में ही उपलब्ध तकनीक को ऐप का रूप दे दिया.

कैसे काम करता है ऐप
ट्रैफिक पुलिस के ऐप में वांटेड ब्लिंग का ऑप्शन रखा गया है. इसमें वैसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर को डाला गया है जिनका फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. जब डाले गए रजिस्ट्रेशन की गाड़ी शहर के किसी भी स्थान पर घूमेगी तब कंप्यूटर में अपने आप वांटेड ब्लिंग करने लगेगा. जिसके बाद संबंधित इलाके में तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवानों को इसकी जानकारी दी जाएगी और उसे पकड़ने का आदेश भी दिया जाएगा.

अब तक सात रजिस्ट्रेशन नंबर की हुई पहचान
चोरी के वाहनों पर या फिर दूसरे का नंबर लगा कर घूम रहे चोरों की लगातार राजधानी में पहचान हो रही है. कई लोग अपने एक ही नंबर को दो वाहनों में प्रयोग कर रहे थे. इन लोगों के खिलाफ भी ट्रैफिक पुलिस ने कार्रवाई की है. ऑनलाइन चालान सिस्टम के दौरान ऐसे सात वाहनों के नंबर डिडेक्ट किए गए हैं, जो चोरी किए थे. उनमें से अधिकांश वाहन चोर चोरी के वाहन के साथ गिरफ्तार कर लिए गए हैं.

बता दें कि राजधानी में औसतन हर दिन 5 बाइक वाहन चोर अलग-अलग इलाकों से वाहन उड़ा लेते हैं. जिन्हें वो ग्रामीण इलाकों में कम दाम में बेचकर पैसे कमाते हैं. ऐसे में अगर इस ऐप को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो वाहन चोरी पर रोक लगाई जा सकती है.

Intro:चोरी की बाइक और कार को पकड़ने के लिए रांची की ट्रैफिक पुलिस ने एक नई तकनीक ईजाद की है। पुलिस ने एक ऐसा ऐप तैयार किया है ,जिसके माध्यम से चोरी की बाइक या कार यदि शहर के किसी भी इलाके से गुजर रही है तो वह पकड़ में आ जाएगी।

अचानक बन गया ऐप

ऐसा नहीं है कि ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चोरी को रोकने के लिए इस ऐप को बनाने की कोई खास प्लानिंग की थी दरअसल यह एप ऑनलाइन चालान सिस्टम लागू होने के बाद स्वतः ही चालू हो गया।मामला ऐसा है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने के बाद जब पुलिस ने ऐसे लोगों के घर चालान भेजा तो चौंकाने वाला मामला सामने आया ।जिनके घर चालान भेजे गए थे उनका कहना था कि वाहन का नंबर तो उनका है लेकिन जिस बाइक या कार का जिक्र किया गया है वह उनके पास नहीं है। ट्रैफिक पुलिस को यह सब समझ आ गया कि वाहन चोर ,चोरी के वाहनों पर शहर में चलने वाले वाहनों के नंबर लगाकर उसे इस शहर से उस शहर पहुंचा रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस ने इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लिया और इस पर रोक लगाने के लिए ऑनलाइन चालान सिस्टम में ही उपलब्ध तकनीक को एप का रूप दे दिया।

कैसे काम करता है ऐप

ट्रैफिक पुलिस के एप में वांटेड ब्लिंग का ऑप्शन रखा गया है। इसमें वैसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर को डाला गया है जिनका फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है।जब डाले गए रजिस्ट्रेशन की गाड़ी शहर के किसी भी स्थान पर घूमेगी तब कंप्यूटर में अपने आप वांटेड ब्लिंग करने लगेगा। जिसके बाद संबंधित इलाके में तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवानों को इसकी जानकारी दी जाएगी और उसे पकड़ने का आदेश भी दिया जाएगा।

अब तक साथ रजिस्ट्रेशन नंबर की हुई पहचान

चोरी के वाहनों पर या फिर दूसरे का नंबर लगा कर घूम रहे चोरों की लगातार राजधानी में पहचान हो रही है ।कई लोग अपने एक ही नंबर को दो वाहनों में प्रयोग कर रहे थे ।इन लोगों के खिलाफ भी ट्रैफिक पुलिस ने कार्रवाई की है। ऑनलाइन चालान सिस्टम के दौरान ऐसे सात वाहनों के नंबर डिडेक्ट किए गए हैं जो चोरी किए थे ।उनमें से अधिकांश वाहन चोर चोरी के वाहन के साथ गिरफ्तार कर लिए गए हैं।

राजधानी रांची में औसतन हर दिन 5 बाइक वाहन चोर अलग-अलग इलाकों से उड़ा लेते हैं। जिन्हें वे ग्रामीण इलाकों में ओने पौने दाम में बेचकर पैसे कमाते हैं ।ऐसे में अगर इस ऐप को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाय तो वाहन चोरी पर रोक लगाई जा सकती है।






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Last Updated : Mar 22, 2019, 6:05 PM IST
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