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अब फटे कपड़े नहीं होंगे बेकार, रद्दी से रजाई बनाता है लातेहार का सुलेमान - Jharkhand News

आप में हुनर है तो किसी भी बेकार सामान को आप बेहतर उपयोग में ला सकते हैं. कुछ ऐसा कर दिखाया है मोहम्मद सुलेमान ने, जिन फटे कपड़ों को हम रद्दी समझ कर फेंक देते हैं, उन कपड़ों से सुलेमान शानदार रजाई बनाते हैं.

अब फटे कपड़े नहीं होंगे बेकार
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Published : Feb 4, 2019, 9:45 PM IST

लातेहार: यदि आप में हुनर है तो किसी भी बेकार सामान को आप बेहतर उपयोग में ला सकते हैं. कुछ ऐसा कर दिखाया है मोहम्मद सुलेमान ने, जिन फटे कपड़ों को हम रद्दी समझ कर फेंक देते हैं, उन कपड़ों से सुलेमान शानदार रजाई बनाते हैं.

लातेहार में मोहम्मद सुलेमान इन दिनों गांव में लोगों के रद्दी कपड़ों को लेकर रजाई और गद्दा बनाने का काम कर रहे हैं. सुलेमान के बनाए गद्दे और रजाई की खूब तारीफ भी हो रही है. रद्दी कपड़ों की रजाई इतनी सस्ती और अच्छी होती है कि लोग उनके यहां खींचे चले आते हैं.

अब फटे कपड़े नहीं होंगे बेकार
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पहले रुई, फिर रजाई

सुलेमान ने बताया कि रद्दी कपड़ों को सबसे पहले मशीन में धुनाई कर रुई बनाई जाती है. इसके बाद उस रुई का इस्तेमाल गद्दा और रजाई बनाने में किया जाता है. इस तरह से बनी रजाई और गद्दे काफी सस्ते होते हैं. उन्होंने कहा कि एक दिन में वे 3 से 4 गद्दे बना लेते हैं.

गांव के लोग सुलेमान के इस हुनर के कायल हो गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सुलेमान की वजह से अब घर में फटे पुराने कपड़ों की भी बर्बादी नहीं होती.

लातेहार: यदि आप में हुनर है तो किसी भी बेकार सामान को आप बेहतर उपयोग में ला सकते हैं. कुछ ऐसा कर दिखाया है मोहम्मद सुलेमान ने, जिन फटे कपड़ों को हम रद्दी समझ कर फेंक देते हैं, उन कपड़ों से सुलेमान शानदार रजाई बनाते हैं.

लातेहार में मोहम्मद सुलेमान इन दिनों गांव में लोगों के रद्दी कपड़ों को लेकर रजाई और गद्दा बनाने का काम कर रहे हैं. सुलेमान के बनाए गद्दे और रजाई की खूब तारीफ भी हो रही है. रद्दी कपड़ों की रजाई इतनी सस्ती और अच्छी होती है कि लोग उनके यहां खींचे चले आते हैं.

अब फटे कपड़े नहीं होंगे बेकार
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पहले रुई, फिर रजाई

सुलेमान ने बताया कि रद्दी कपड़ों को सबसे पहले मशीन में धुनाई कर रुई बनाई जाती है. इसके बाद उस रुई का इस्तेमाल गद्दा और रजाई बनाने में किया जाता है. इस तरह से बनी रजाई और गद्दे काफी सस्ते होते हैं. उन्होंने कहा कि एक दिन में वे 3 से 4 गद्दे बना लेते हैं.

गांव के लोग सुलेमान के इस हुनर के कायल हो गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सुलेमान की वजह से अब घर में फटे पुराने कपड़ों की भी बर्बादी नहीं होती.

Intro:देखिए हुनर का जादू----- रद्दी कपड़ों से बनता है रजाई और गद्दा
लातेहार. एंकर- कहां जाता है कि यदि हुनर हो तो मिट्टी को भी सोना बनाया जा सकता है. कुछ इसी प्रकार की कहावत को लातेहार में इन दिनों बिहार का एक हुनर मंद चरितार्थ कर रहा है. वह रद्दी कपड़ों से रजाई और गद्दा बनाकर जहां खुद अच्छी कमाई कर रहा है ,वहीं लोगों को भी उनके बेकार हुए कपड़ों को बर्बाद होने से बचा रहा है.


Body:vo - दरअसल बिहार राज्य का निवासी मोहम्मद सुलेमान इन दिनों लातेहार के गांव में रद्दी कपड़ों से गद्दा और रजाई बनाने का काम कर रहा है. सुलेमान के द्वारा बनाए जा रहे गद्दे की क्वालिटी इतनी बेहतर है कि लोग उसकी ओर खिंचे चले आ रहे हैं. सुलेमान ने बताया कि वह घर में बेकार और पुराने कपड़ों को मशीन में धुनाई कर रुई के रूप में तब्दील कर देता है .उसके बाद उन रुई से गद्दे और रजाई बना देते हैं. इसमें लोगों को अच्छी क्वालिटी के गद्दे मिल जाते हैं परंतु उसकी लागत काफी कम होती है. सुलेमान ने बताया कि वह प्रतिदिन 3 से अधिक गद्दा और रजाई बना देता है. वह गांव के जवाहर प्रसाद ने कहा कि गद्दा काफी बेहतर बनता है. उन्होंने खुद घर के रद्दी कपड़ों से दो गद्दे बनवाए हैं.
vo- Use of Junk clothes_ visual and byte
बाइट- सुलेमान
byte- जवाहर प्रसाद



Conclusion:मोहम्मद सुलेमान के द्वारा रद्दी कपड़ों के उपयोग से बनाए जा रहे गद्दा और रजाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्किल इंडिया के सपनों को साकार कर रहा है. यदि इस हुनर का प्रशिक्षण युवकों को दिया जाए तो रोजगार मिलने के साथ साथ कपड़े भी बेकार होने से बचेंगे.
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