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सौ प्रतिशत ODF घोषित कांके प्रखंड की हकीकत, खुले में शौच जाने को मजबूर हैं लोग - toilets construction work

रांची के कांके प्रखंड को सरकार ने फाइल में ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन कांके के नगड़ी गांव की सच्चाई कुछ और ही बया कर रही है. जहां शौचालय के नाम पर केवल गड्ढे बनाए गए है.

खुले में शौच जाने को लोग मजबूर
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Published : Feb 5, 2019, 10:50 PM IST

रांची: सरकार का दावा है कि राज्य शत-प्रतिशत ओडीएफ घोषित हो गया है. लेकिन हकीकत कुछ और ही है. राजधानी के कांके प्रखंड में कई ऐसे गांव हैं. जहां आज भी लोग खुले में शौच जाते हैं. सरकारी दावे केवल कागजों तक सिमटे हुए हैं.

कांके प्रखंड यूं तो ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. लेकिन यहां कई गांव ऐसे हैं जहां आज भी लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. यहां की हकीकत यह है कि कई जगहों पर शौचालय है ही नहीं. जहां हैं उसमें दरवाजा ही नहीं है. तो कहीं सिर्फ गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है.

खुले में शौच जाने को लोग मजबूर
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जानकारी के अनुसार नगड़ी गांव में लगभग 300 शौचालय का निर्माण किया जा चुका है. लेकिन अभी भी लगभग डेढ़ सौ ऐसे घर हैं, जिसमें शौचालय नहीं हैं. लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए सूची में नाम था लेकिन शौचालय निर्माण नहीं कराया गया.

इधर फाइलों में कांके प्रखंड पूरी तरह से ओडीएफ घोषित हो चुका है. ऐसा एक भी घर नहीं है, जहां पर शौचालय नहीं बनाया गया हो. लेकिन हकीकत जानकर सरकारी सिस्टम का पता लग जाता है कि, सरकार के दावे में कितनी सच्चाई है.

रांची: सरकार का दावा है कि राज्य शत-प्रतिशत ओडीएफ घोषित हो गया है. लेकिन हकीकत कुछ और ही है. राजधानी के कांके प्रखंड में कई ऐसे गांव हैं. जहां आज भी लोग खुले में शौच जाते हैं. सरकारी दावे केवल कागजों तक सिमटे हुए हैं.

कांके प्रखंड यूं तो ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. लेकिन यहां कई गांव ऐसे हैं जहां आज भी लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. यहां की हकीकत यह है कि कई जगहों पर शौचालय है ही नहीं. जहां हैं उसमें दरवाजा ही नहीं है. तो कहीं सिर्फ गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है.

खुले में शौच जाने को लोग मजबूर
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जानकारी के अनुसार नगड़ी गांव में लगभग 300 शौचालय का निर्माण किया जा चुका है. लेकिन अभी भी लगभग डेढ़ सौ ऐसे घर हैं, जिसमें शौचालय नहीं हैं. लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए सूची में नाम था लेकिन शौचालय निर्माण नहीं कराया गया.

इधर फाइलों में कांके प्रखंड पूरी तरह से ओडीएफ घोषित हो चुका है. ऐसा एक भी घर नहीं है, जहां पर शौचालय नहीं बनाया गया हो. लेकिन हकीकत जानकर सरकारी सिस्टम का पता लग जाता है कि, सरकार के दावे में कितनी सच्चाई है.

Intro:रांची
डे प्लान की खबर

झारखंड सरकार का दावा है कि झारखंड शत प्रतिशत ओडीएफ घोषित हो गया है और राज्य पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त हो गया है, इसी की सचाई जानने के लिए राजधानी रांची के कांके प्रखंड के नगडी गांव का पड़ताल किया गया। पड़ताल दौरान हकीकत सामने आए तो हकीकत जान कर हैरानी सी हुई सरकारी दावे की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही थी


Body:राजधानी रांची के कांके प्रखंड यूं तो ओडीएफ घोषित किया जा चुका है लेकिन यहां कई गांव ऐसे हैं जहां आज भी लोग खुले में शौच करने को मजबूर है इसी की सच्चाई का पता लगाने के लिए कांके प्रखंड के नगरी गांव का पड़ताल किया गया यह तस्वीर है नागड़ी गांव की है कहीं शौचालय में दरवाजा नहीं तो कहीं सिर्फ गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है ऐसे में लोगों का खुले में ही शौच जाना पड़ रहा है जानकारी के अनुसार इस गांव में लगभग 300 शौचालय का निर्माण किया जा चुका है लेकिन अब भी लगभग डेढ़ सौ ऐसे घर हैं जिसमें शौचालय नहीं है और लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं


Conclusion:स्थानीय लोगों ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए सूची में नाम था लेकिन शौचालय निर्माण नहीं कराया गया तो कुछ लोगों ने बताया कि गड्ढा खोदने को कह कर शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया ऐसे में लोग आज खुले में शौच जाने को मजबूर हैं उनकी मानें तो अब इधर-उधर जगह भी नहीं रहता है ऐसे में लाज शर्म के कारण खुद से शौचालय निर्माण कराने का सोच रहे हैं इधर फाइलों में कांके प्रखंड पूरी तरह से ओडीएफ घोषित हो चुका है ऐसा एक भी घर नहीं है जहां पर शौचालय नहीं बनाया गया हो लेकिन हकीकत जानकार सरकारी सिस्टम का पता लग जाता है कि सरकार के दावे में कितनी सच्चाई है
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