रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग और फीडबैक बेस्ट बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस मामले में झारखंड को चौथा स्थान मिला है, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही नहीं सीमित होकर रहना चाहिए.
सीएम ने जनहित में वैसे विभागों को ताकीद किया जहां अभी भी ऑफलाइन काम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए तमाम जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता रही है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में झारखंड में टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग जैसे कई उद्योग स्थापित हुए हैं. साल 2016 से अब तक जियाडा ने 430 उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराई गई. इससे प्रत्यक्ष रूप से 60 हजार 778 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इस बार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग उद्योगों के फीडबैक पर आधारित होगी. यह भी देखा जाएगा कि निवेशकों को कितनी सरलता और सुगमता से अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया. इज ऑफ डूइंग बिजनेस के पोर्टल पर दर्ज जानकारी की भी पड़ताल होगी. राज्य को इज ऑफ डूइंग बिजनेस में नंबर वन पर आने के लिए जरूरी है कि निवेशकों को सभी सुविधाएं एक ही खिड़की पर मिले.
विभागों की सूचनाएं ऑनलाइन उपलब्ध करना, ऑनलाइन फीस जमा करना, तय समय सीमा के भीतर सेवाएं देना, उद्योगों से संबंधित मामलों का निस्तारण करने के लिए अलग से वाणिज्यकीय विवाद न्यायालय का गठन, श्रम कानूनों को सरल बनाना, पर्यावरण क्लीयरेंस जैसी तमाम सुविधाओं पर विश्व बैंक सर्वे करेगी और उसी आधार पर रैंकिंग दी जाएगी.
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराकर पलायन को रोकना सरकार की प्राथमिकता है. बच्चियों के पलायन की खबर दिल को ठेस पहुंचाती है. छोटी-छोटी नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में गई बच्चियों का मानसिक और शारीरिक शोषण होता है. हर हाल में राज्य की गरीब बच्चियों को रोजगार देकर उनके लिए सम्मान की जिंदगी का रास्ता तैयार कराना हम सभी का कर्तव्य है.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि आप समस्याएं गिनाने के बजाए समाधान पर फोकस करें. अपने काम को नौकरी के रूप में नहीं बल्कि सेवा के रूप में इस्तेमाल करें. सीएम ने लालफीताशाही की जगह लाल कारपेट बिछाने पर जोर दिया.
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव पीके तिवारी ने कहा कि अब ऑफलाइन व्यवस्था स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी विभाग और कार्यालय हर सोमवार को सुबह 10:30 बजे अपनी आंतरिक समीक्षा बैठक करें. इस दौरान जो अधिकारी अपने दायित्वों के निर्वहन में समय सीमा का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके वार्षिक कार्य प्रतिवेदन में प्रतिकूल प्रविष्टि की जाएगी.