रांची: राजधानी में होलिका दहन विभिन्न चौक-चौराहों पर किया जाता है. इस साल बुधवार की रात होलिका दहन किया जाएगा. हर चौक चौराहों पर लकड़ी, गोबर के उपले इकट्ठा कर होलिका दहन की तैयारी की जा रही है. होली के रंगों से भीगने से पहले हर बुराई को अग्नि में समर्पित किया जाता है. होलिका दहन कई मायनों में अहम माना जाता है.
विभिन्न समितियों द्वारा रांची के कई चौक चौराहों पर होलिका दहन किया जाता है. मान्यता है कि होलिका पूजन से पुण्य मिलता है घर और समाज में सुख शांति के साथ धन-धान्य में भी वृद्धि होती है. यही कारण है कि होलिका दहन से पहले ठंडी होलिका की पूजा की जाती है, जहां पर भी होली का दहन होती है, वहां महिलाएं होलिका की पूजा करती हैं. सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका में अग्नि प्रज्वलित कर दी जाती है. इसके बाद होलिका के चारों ओर परिक्रमा की जाती हैं.
इस साल होलिका दहन बुधवार रात को होगी और बृहस्पतिवार को रंगों की होली खेली जाएगी. लोग गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे से गले लगेंगे. होली कई मायनों में हिंदू धर्म संस्कृति के लिए अहम है इस दिन से ही हिन्दी नववर्ष की शुरुआत होती है.