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झारखंड में तीसरे चरण का मतदान कल, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण चुनाव सुरक्षाबलों के लिए चुनौती

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Published : May 11, 2019, 1:02 PM IST

झारखंड में तीसरे चरण में 12 मई को चार लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है. ये क्षेत्र चाईबासा, गिरिडीह, धनबाद और जमशेदपुर हैं. चुनाव को लेकर पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है. वहीं, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण चुनाव कराना पुलिस प्रशासन के लिए चुनौतियों से भरा है.

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रांची: लोकसभा के सातवें और झारखंड में तीसरे चरण में 12 मई को चार लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है. ये क्षेत्र चाईबासा, गिरिडीह, धनबाद और जमशेदपुर हैं. इन चारों क्षेत्रों में अधिकांश थाना क्षेत्र नक्सल प्रभावित हैं.

नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्रों की श्रेणी में सोनुआ, गोइलकेरा, गुदरी, बड़गांव, किरीबुरू, जरायकेला, छोटा नागरा, मनोहरपुर, चिड़िया माइंस ओपी और टोंटो जैसे क्षेत्र आते हैं. गिरिडीह के पारसनाथ में उत्तरी डुमरी, निमियाघाट, पीरटांड़, कुकरा और मधुबन थाना क्षेत्र में भी नक्सलियों का बोलबाला है ऐसे में यहां चुनाव शांति पूर्ण कराना चुनौती माना जा रहा है.

ये भी पढ़ें-देश की जनता और नौसेना से माफी मांगे भाजपा: कांग्रेस

वहीं, धनबाद में हरिहरपुर, राजगंज, तोपचांची, बनियाडीह, टुंडी, पूर्वी टुंडी और बरबड्डा भी नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्र माने जाते है. जबकि, जमशेदपुर में गुड़ाबांध समेत दो और थाना क्षेत्र नक्सलियों के आंशिक प्रभाव है.

जानकारी के अनुसार चाईबासा जिले में फिलहाल माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य और एक करोड़ के इनामी किशन दा, मिसिरा बेसरा, अनल दा के अलावा सुरेश मुंडा और जीवन कंडुलना का दस्ता मौजूद है.

वहीं, गिरिडीह में नुनूचंद महतो, प्रशांत मांझी और बच्चन दा का दस्ता एक्टिव है. पड़ोसी जिले धनबाद में भी नुनूचंद महतो का दस्ता प्रभाव काफी माना जाता है. वहीं, चाईबासा और सरायकेला की सीमा पर हार्डकोर नक्सली विवेक उर्फ प्रयाग दा अपने दस्ते के साथ बताया जा रहा है.

ऐसे में लोकतंत्र के महापर्व को शांतिपूर्ण संपन्न कराना पुलिस प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. चाईबासा और गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में भाकपा माओवादियों का दबदबा ज्यादा माना जाता है. इस कड़ी में पुलिस और सुरक्षाबलों को खासा सावधानी बरतनी होगी. हालांकि, इससे पहले 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इन चारों क्षेत्रों में किसी तरह की बड़ी घटना को नक्सलियों द्वारा अंजाम नहीं दिया गया था.

रांची: लोकसभा के सातवें और झारखंड में तीसरे चरण में 12 मई को चार लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है. ये क्षेत्र चाईबासा, गिरिडीह, धनबाद और जमशेदपुर हैं. इन चारों क्षेत्रों में अधिकांश थाना क्षेत्र नक्सल प्रभावित हैं.

नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्रों की श्रेणी में सोनुआ, गोइलकेरा, गुदरी, बड़गांव, किरीबुरू, जरायकेला, छोटा नागरा, मनोहरपुर, चिड़िया माइंस ओपी और टोंटो जैसे क्षेत्र आते हैं. गिरिडीह के पारसनाथ में उत्तरी डुमरी, निमियाघाट, पीरटांड़, कुकरा और मधुबन थाना क्षेत्र में भी नक्सलियों का बोलबाला है ऐसे में यहां चुनाव शांति पूर्ण कराना चुनौती माना जा रहा है.

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वहीं, धनबाद में हरिहरपुर, राजगंज, तोपचांची, बनियाडीह, टुंडी, पूर्वी टुंडी और बरबड्डा भी नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्र माने जाते है. जबकि, जमशेदपुर में गुड़ाबांध समेत दो और थाना क्षेत्र नक्सलियों के आंशिक प्रभाव है.

जानकारी के अनुसार चाईबासा जिले में फिलहाल माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य और एक करोड़ के इनामी किशन दा, मिसिरा बेसरा, अनल दा के अलावा सुरेश मुंडा और जीवन कंडुलना का दस्ता मौजूद है.

वहीं, गिरिडीह में नुनूचंद महतो, प्रशांत मांझी और बच्चन दा का दस्ता एक्टिव है. पड़ोसी जिले धनबाद में भी नुनूचंद महतो का दस्ता प्रभाव काफी माना जाता है. वहीं, चाईबासा और सरायकेला की सीमा पर हार्डकोर नक्सली विवेक उर्फ प्रयाग दा अपने दस्ते के साथ बताया जा रहा है.

ऐसे में लोकतंत्र के महापर्व को शांतिपूर्ण संपन्न कराना पुलिस प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. चाईबासा और गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में भाकपा माओवादियों का दबदबा ज्यादा माना जाता है. इस कड़ी में पुलिस और सुरक्षाबलों को खासा सावधानी बरतनी होगी. हालांकि, इससे पहले 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इन चारों क्षेत्रों में किसी तरह की बड़ी घटना को नक्सलियों द्वारा अंजाम नहीं दिया गया था.

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झारखंड में तीसरे चरण में 12 मई को चार लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है. ये क्षेत्र चाईबासा, गिरिडीह, धनबाद और जमशेदपुर हैं. चुनाव को लेकर पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है. वहीं, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण चुनाव कराना पुलिस प्रशासन के लिए चुनौतियों से भरा है.



रांची: लोकसभा के सातवें और झारखंड में तीसरे चरण में 12 मई को चार लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है. ये क्षेत्र चाईबासा, गिरिडीह, धनबाद और जमशेदपुर हैं. इन चारों क्षेत्रों में अधिकांश थाना क्षेत्र नक्सल प्रभावित हैं. 

नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्रों की श्रेणी में सोनुआ, गोइलकेरा, गुदरी, बड़गांव, किरीबुरू, जरायकेला, छोटा नागरा, मनोहरपुर, चिड़िया माइंस ओपी और टोंटो जैसे क्षेत्र आते हैं. गिरिडीह के पारसनाथ में उत्तरी डुमरी, निमियाघाट, पीरटांड़, कुकरा और मधुबन थाना क्षेत्र में भी नक्सलियों का बोलबाला है ऐसे में यहां चुनाव शांति पूर्ण कराना चुनौती माना जा रहा है.

वहीं, धनबाद में हरिहरपुर, राजगंज, तोपचांची, बनियाडीह, टुंडी, पूर्वी टुंडी और बरबड्डा भी नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्र माने जाते है. जबकि, जमशेदपुर में गुड़ाबांध समेत दो और थाना क्षेत्र नक्सलियों के आंशिक प्रभाव है.

जानकारी के अनुसार चाईबासा जिले में फिलहाल माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य और एक करोड़ के इनामी किशन दा, मिसिरा बेसरा, अनल दा के अलावा सुरेश मुंडा और जीवन कंडुलना का दस्ता मौजूद है.

तो वहीं, गिरिडीह में नुनूचंद महतो, प्रशांत मांझी और बच्चन दा का दस्ता एक्टिव है. पड़ोसी जिले धनबाद में भी नुनूचंद महतो का दस्ता प्रभाव काफी माना जाता है. वहीं, चाईबासा और सरायकेला की सीमा पर हार्डकोर नक्सली विवेक उर्फ प्रयाग दा अपने दस्ते के साथ बताया जा रहा है.

ऐसे में लोकतंत्र के महापर्व को शांतिपूर्ण संपन्न कराना पुलिस प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. चाईबासा और गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में भाकपा माओवादियों का दबदबा ज्यादा माना जाता है. इस कड़ी में पुलिस और सुरक्षाबलों को खासा सावधानी बरतनी होगी. हालांकि, इससे पहले 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इन चारों क्षेत्रों में किसी तरह की बड़ी घटना को नक्सलियों द्वारा अंजाम नहीं दिया गया था. 


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