रांची: नक्सलियों द्वारा लेवी के पैसों के निवेश से जुड़े मामले में एनआईए ने नक्सली बिरजू की पत्नी को वांटेड घोषित किया. एनआईए ने ललिता को वांटेड घोषित करने के बाद अब उसकी गिरफ्तारी के लिए सबूत देने वालों को ईनाम की घोषणा भी ऐलान भी कर सकती है.
बता दें कि एनआईए ने कुख्यात नक्सली कमांडर छोटू खरवार उर्फ बिरजू गंझू की पत्नी ललिता देवी को वांटेड घोषित कर दिया है. गौरतलब है कि 21 दिसंबर 2016 को लातेहार के बालूमाथ थाना की पुलिस ने सहारा इंडिया के एक मैनेजर के पास से 3 लाख रूपये की बरामदगी की थी. मैनेजर चंदन कुमार ने खुलासा किया था कि ये पैसे छोटे खरवार के थे. छोटू के 26 लाख रूपये की निवेश का एक डिपोजिट स्लीप भी पुलिस को मिला था. बीते साल 19 जनवरी को एनआईए ने इस केस को टेकओवर कर जांच शुरू की थी.
एनआईए पूर्व में कर चुकी है चार्जशीट
रांची में एनआईए की विशेष अदालत में छोटू के अलावा लातेहार के दो रिश्तेदारों के खिलाफ पूर्व में चार्जशीट की थी. लातेहार के गारू थाना क्षेत्र चंपीकोट्टम में रहने वाले संतोष उरांव, उसके रिश्तेदार बाजकुम निवासी रोशन उरांव और पत्नी ललिता देवी के खिलाफ सुपुर्द चार्जशीट में एनआईए ने दावा किया था कि इन लोगों ने नक्सलियों के पैसों का म्यूचुअल फंड समेत विभिन्न स्कीम में निवेश कराया. संतोष व रोशन की गिरफ्तारी इस मामले में हो चुकी है. जबकि ललिता फरार चल रही है.
जिन कंपनियों में पैसा निवेश हुआ वो कंपनियां बंद
एनआईए ने बेड़ो व हेसल में विकास म्युचुअल बेनीफिट निधि लिमिटेड के दफ्तर में छापेमारी की. एनआईए ने दोनों दफ्तरों से दो लैपटॉप, दो सीपीयू, पेन ड्राइव के साथ कई कागजात जब्त किए. वहीं, जांच में सामने आया है कि छोटू के 15 लाख रुपए का निवेश म्युचुअल फंड में किया गया. इसी तर्ज पर उसने नक्सलियों के पैसों का भी म्युचुअल फंड समेत कई जगह निवेश कराया है. एनआईए ने इस मामले की जानकारी राज्य पुलिस की सीआईडी को भी दी थी. सीआईडी ने इस मामले में जांच की तो पता चला कि एनआईए की कार्रवाई के बाद दोनों म्युचुअल फंड कंपनियां दफ्तर बंद कर फरार हो गई हैं.