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होलिका दहन के दिन करें ये काम मिलेगी सुख-शांति और समृद्धि, जानें क्या है शुभ मुहूर्त

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 8:12 से 12:00 बजे तक है. इस बीच रांची के तमाम जगहों पर होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन के दिन व्रत रख भगवान पहलाद की उपासना करने से उन्हें सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

जानकारी देते पंडित विष्णु चित तिवारी
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Published : Mar 20, 2019, 4:19 PM IST

रांची: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक फाल्गुन महापर्व पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसी को लेकर राजधानी में होलिका दहन के साथ रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा. जानिए होलिका दहन का समय, किस तरह से विधि-विधान के साथ पूजा की जा सकती है और शुभ मुहूर्त क्या है.

पंडित विष्णु तिवारी ने बताया कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 8:12 से 12:00 बजे तक है. इस बीच शहर के तमाम जगहों पर होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन की विशेषता की फाल्गुन के दिन व्रत रख भगवान पहलाद की उपासना करने से उन्हें सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही सारे रोग कष्ट दूर होते है.

जानकारी देते पंडित विष्णु चित तिवारी

होलिका दहन को लेकर लकड़ी और गोबर से बने उपले को इकट्ठा किया गया है. इस पूजा में खासकर नए अनाज, गेंहू, चना को चढ़ाने का विशेष महत्व होता है. ताकि घर अनाज से भरा रहे. मान्यता है कि होलिका दहन के दिन ही दुष्ट रूपी होली के युग का अंत हुआ था.

इसी दिन श्री नरसिंह भगवान का अवतार हुआ था, जिसकी खुशी में लोग एक दूसरे को रंग अबीर लगाकर बधाई देते हैं. इस दिन को लोग दुष्ट युग का अंत मानते हैं, यही कारण है कि होलिका दहन के दूसरे दिन से लोग नए साल के रूप में भी मानते है.

रांची: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक फाल्गुन महापर्व पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसी को लेकर राजधानी में होलिका दहन के साथ रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा. जानिए होलिका दहन का समय, किस तरह से विधि-विधान के साथ पूजा की जा सकती है और शुभ मुहूर्त क्या है.

पंडित विष्णु तिवारी ने बताया कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 8:12 से 12:00 बजे तक है. इस बीच शहर के तमाम जगहों पर होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन की विशेषता की फाल्गुन के दिन व्रत रख भगवान पहलाद की उपासना करने से उन्हें सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही सारे रोग कष्ट दूर होते है.

जानकारी देते पंडित विष्णु चित तिवारी

होलिका दहन को लेकर लकड़ी और गोबर से बने उपले को इकट्ठा किया गया है. इस पूजा में खासकर नए अनाज, गेंहू, चना को चढ़ाने का विशेष महत्व होता है. ताकि घर अनाज से भरा रहे. मान्यता है कि होलिका दहन के दिन ही दुष्ट रूपी होली के युग का अंत हुआ था.

इसी दिन श्री नरसिंह भगवान का अवतार हुआ था, जिसकी खुशी में लोग एक दूसरे को रंग अबीर लगाकर बधाई देते हैं. इस दिन को लोग दुष्ट युग का अंत मानते हैं, यही कारण है कि होलिका दहन के दूसरे दिन से लोग नए साल के रूप में भी मानते है.

Intro:रांची
बाइट--- पंडित विष्णु चित तिवारी


बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक फाल्गुन महापर्व पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इसी को लेकर राजधानी रांची में भी हर्षोल्लास के साथ होलिका दहन के साथ रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा। जानिए होलिका का दहन के समय किस तरह से विधि विधान के साथ पूजा किया जा सकता है और उनकी शुभ मुहूर्त क्या है


Body:पंडित विष्णु जी तिवारी के मुताबिक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 8:12 से 12:00 बजे तक है इस बीच शहर के तमाम जगहों पर होलिका दहन किया जाएगा होलिका दहन की विशेषता की फाल्गुन के दिन व्रत रख भगवान पहलाद की उपासना करने से उन्हें सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है और सारे रोग कष्ट दूर होती है होलिका दहन को लेकर लकड़ी और गोबर से बने उपले को इकट्ठा किया गया है श्री नरसिंह भगवान की पूजा कर रहे हैं इस पूजा मैं खासकर नई अनाज गेंहू, चना को चढ़ाने का विशेष महत्व होता है ताकि घर अनाज से भरा रहे मान्यता है कि होलिका दहन के दिन ही दुष्ट रूपी होली का युग का अंत हुआ था और इसी दिन श्री नरसिंह भगवान का अवतार हुआ था जिसकी खुशी में लोग एक दूसरे को रंग आबीर लगाकर बधाई देते हैं इस दिन को लोग दुष्ट युग का अंत मानते हैं यही कारण है कि होलिका दहन के दूसरे दिन से लोग नए साल के रूप में भी मानते है


Conclusion:सार्वजनिक होली से अग्नि लगाकर घर में बनाई गई होली में अग्नि प्रज्वलित की जाती है होली कई महीनों में मैं तो होता है क्योंकि हिंदू धर्म रीति-रिवाज के अनुसार आज के दिन से ही नववर्ष की शुरुआत होती है, और कई तरह के पकवान को अग्नि में अर्पित करते हैं
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