रांची: बिरसा मुंडा की मूर्ति तोड़े जाने के बाद तमाम राजनीतिक दलों में राजनीति शुरू हो गई है. इस पर विरोध जताते हुए सभी आदिवासी संगठन, सामाजिक और राजनीति संगठन ने एकजुट होकर 14 जून को रांची बंद का आह्वान किया. इसको लेकर कई सामाजिक संगठनों और हजारों रांची कॉलेज के छात्र-छात्राओं की ओर से मशाल जुलूस राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर निकाला गया.
आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि साजिश के तहत भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को तोड़ा गया है. शहादत दिवस के दिन तमाम बीजेपी नेता राजनीति करने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचते हैं. वहीं, इतनी बड़ी घटना घट गई है, लेकिन 4 घंटा बाद बीजेपी के नेता वहां निरीक्षण करने पर जाते हैं. यह बहुत ही निंदनीय बात है.
हम प्रशासन से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द उस असामाजिक तत्व को गिरफ्तार किया जाए, जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को तोड़कर उनका अनादर किया है. वहीं, आदिवासी संगठन नेता अजय टोप्पो ने कहा कि तमाम आदिवासी संगठन मूर्ति तोड़ने का विरोध कर रहे हैं. उसे गिरफ्तार किया जाए जिसने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को तोड़कर झारखंड में झारखंड में आदिवासियों के भावनाओं साथ खिलवाड़ करने का काम किया है.
गौरतलब है कि कोकर स्थित धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की समाधि स्थल पर लगी भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दी. इसके बाद तमाम आदिवासी संगठन और राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर राजनीति शुरू कर दी है.