रांची: झारखंड के नए डीजीपी कमल नयन चौबे अपना पदभार संभाल चुके हैं. कमल नयन चौबे एक तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी माने जाते हैं. ऐसे में झारखंड पुलिस को भी नए डीजीपी से कई उम्मीदें हैं. झारखंड पुलिस एसोसिएशन भी नए डीजीपी को लेकर काफी उत्साहित है. एसोसिएशन के सदस्य मानते हैं कि नए डीजीपी उनकी कई सालों से लंबित मांगों को पूरा करने में उनका सहयोग करेंगे.
झारखंड पुलिस एसोसिएशन अपनी कई मांगों को लेकर सालों से आंदोलन कर रही है. हर बार आश्वासन देकर उनके आंदोलन को शांत किया जाता रहा है. पूर्व डीजीपी डीके पांडे के समय तो राज्य के 70 हजार पुलिसकर्मी हड़ताल पर जाने का मन बना चुके थे, लेकिन किसी तरह उन्हें रोका गया. डीजीपी डीके पांडे सेवानिवृत्त भी हो गए, लेकिन पुलिस वालों की मांगे अब तक पूरी नहीं हो पाई.
झारखंड पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री अक्षय राम की मानें, तो नए डीजीपी से एसोसिएशन को काफी उम्मीदें हैं. अक्षय राम के अनुसार कमल नयन चौबे की छवि एक ईमानदार आईपीएस अधिकारी की है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि उनकी मुख्य मांगे जिसे लेकर वो लगातार आंदोलन कर रहे हैं, उस पर नए डीजीपी ध्यान देंगे.
क्या है मांगे
- झारखंड पुलिस एसोसिएशन और मेंस एसोसिएशन राज्य सरकार के द्वारा की जा रही सिपाही से सीधे एसआई की भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे है. एसोसिएशन के अनुसार अगर सिपाही को सीधे दरोगा बना दिया जाएगा तो कई लोगों का प्रमोशन बाधित हो जाएगा.
- मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक कार्यक्रम के दौरान घोषणा की थी कि राज्य के पुलिसकर्मियों को 13 माह का वेतन दिया जाएगा. मुख्यमंत्री की घोषणा के 2 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यह व्यवस्था सरकार की तरफ से लागू नहीं की गई. जबकि यह प्रस्ताव कैबिनेट से भी पास हो चुका है. इसके बावजूद अभी तक पुलिस कर्मियों को 13 माह का वेतन नहीं दिया जा रहा है.
अनुकंपा पर होने वाली नौकरी में उम्र की सीमा खत्म की जाए
एसोसिएशन का कहना है कि शहीद या फिर किसी घटना में अपनी जान गंवा चुके पुलिस कर्मियों के परिजनों को जब नौकरी दी जाती है, तो उनसे न्यूनतम योग्यता मैट्रिक पास मांगी जाती है, जबकि कई मामलों में ऐसा नहीं हो पाता है. इसलिए इस मामले में उम्र सीमा खत्म की जाए.
- एंटी करप्शन ब्यूरो में कार्यरत पुलिसकर्मियों को 25 प्रतिशत अधिक भत्ता देने का निर्णय कैबिनेट में लिया गया. इसके बावजूद अभी तक उन्हें यह भत्ता नहीं दिया जा रहा है.
- एक साल से लागू भत्ता नहीं मिल रहा, जबकि बिहार सहित कई राज्यों में सातवां वेतनमान लागू होते ही भत्ता मिलना शुरू हो गया. इस भत्ते में वर्दी सहित कई भत्ता शामिल है.
- दोनों एसोसिएशन के सदस्यों ने यह मांग की है कि शहीद हुए पुलिसकर्मियों के माता-पिता को भी मिलने वाली राशि में से 25 प्रतिशत दिया जाए. क्योकि शहीद जवानों की पत्नियां कभी-कभी शादी कर लेती हैं. इसके बाद उनके मां-बाप का जीवन काफी कठिन हो जाता है.
झारखंड पुलिस एसोसिएशन के सदस्य तारकेश्वर प्रसाद के अनुसार पूर्व डीजीपी डीके पांडे ने सिर्फ उन्हें ठगने का काम किया. एसोसिएशन के सदस्य पूर्व डीजीपी पर सिर्फ आश्वासन देने का आरोप लगाते हैं. एसोसिएशन के सदस्यों की मानें, तो नए डीजीपी कमल नयन चौबे झारखंड में कई पदों पर रह चुके हैं. उन्हें पुलिसकर्मियों की कठिनाइयों का पूरी तरह से ध्यान है. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि वो उनकी बातों को सही तरीके से सरकार के सामने रखेंगे और उसे मनवाने में सहयोग करेंगे.