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फिर सामने आया 'पत्थलगड़ी' का गुजरात कनेक्शन, CID ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

झारखंड में एकबार फिर से पत्थलगड़ी आंदोलन पांव पसार सकता है. धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों में इसके लिए लोगों को उकसाया जा रहा है.

पत्थलगड़ी(फाइल फोटो)
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Published : Jun 22, 2019, 12:50 AM IST

रांचीः झारखंड में पत्थलगड़ी का गुजरात कनेक्शन फिर से सामने आया है. सीआईडी मुख्यालय ने जमशेदपुर सीआईडी टीम के द्वारा तैयार की गई एक जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. जिसमें पत्थलगड़ी को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां दी गई हैं.

क्या है रिपोर्ट में
20 जून को तैयार की गई सीआईडी की रिपोर्ट में जिक्र है कि सरकारी योजनाओं के विरोध के लिए ग्रामीणों को उकसाया जा रहा है. बंदगांव प्रखंड के 23 गांव अबतक विवादित पत्थलगड़ी के प्रभाव में आ गए हैं. प्रखंड कार्यालय बंदगांव को डाक के माध्यम से आधार कार्ड, राशन कार्ड व मनरेगा जॉब कार्ड वापस किए गए हैं. बहिष्कार के ऐलान के साथ भेजे गए कई लिफाफों पर भारत सरकार, गुजरात, कटासवाण, पोस्ट - व्यारा, जिला- सूरत (तापी), पिन कोड- 394650 का पता लिखा है.

खूंटी विवाद में भी आया था गुजरात कनेक्शन
गौरतलब है कि खूंटी में विवादित पत्थलगड़ी के पीछे भी गुजरात के तापी के केसरी सिंह परिवार की भूमिका सामने आयी थी। इस परिवार को ही विवादित पत्थलगड़ी समर्थक असली भारत सरकार बताते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पत्थलगड़ी से बंदगांव प्रखंड के दो पंचायत चंपावा और सिंदुरीबेड़ा सर्वाधिक प्रभावित हैं।

युसूफ पूर्ति और बिरसा ओडेया ने गांव गांव में खड़ा किया पत्थलगड़ी नेतृत्व
सीआईडी की रिपार्ट में जिक्र है कि चाईबासा में बंदगांव में ग्रामीणों को उकसाने और सरकारी योजनाओं के विरोध में जोसेफ पूर्ति उर्फ युसूफ पूर्ति और बिरसा ओडेया का हाथ है. दोनों के खिलाफ देशद्रोह समेत कई आपराधिक मामले खूंटी में दर्ज हैं. दोनों नेताओं ने सभाओं के आयोजन के लिए सभी गांवों में नया नेतृत्व खड़ा किया है.
हालिया पत्थलगड़ी में गांव-गांव में विरोध की जिम्मेदारी बिरसा टोपनो, चमरू चांपिया, वारगी टोपनो, टांगू बोदरा, जीवन टोपनो, रघु पूर्ति, बसंत पूर्ति, शनिका लोंगा, नंदराम मुंडा, गोपाल बोदरा, कल्याण हापतगारा, एलियस बरजो, सिंगराग पूर्ति, सुलेमान हेंब्रम, जगदीश सिंह मुंडा, मारा मुंडा, अभिराम पूर्ति, जीदन हेंब्रम, मछुआ बोदरा, उम्बुलन बोदरा, शोषण बोदरा को दी गई है.

कौन कौन से गांव पत्थलगड़ी की जद में
बंदगांव प्रखंड के कारू, कातिदिरी, कारला, गुंडय, सौलय गुंडय, किता, बुनूगउली, लोटा, हेस्साडीह, किलुम, बरजो, कुल्डा, कुंदरूगुटू, एरकोडा, दिग्गी, जिकीलता, सियाकेला, कोमडेला, लुंबाई, जाटंग हेस्सा, कुकुरूबारू, कोमान, मुरूमबुरा को पत्थलगड़ी प्रभावित गांव के तौर पर चिन्हित किया गया है.

पत्थलगड़ी से निपटने के लिए रिपोर्ट में क्या है सुझाव

  • युसूफ पूर्ति और बिरसा ओडेया की गिरफ्तारी को आवश्यक बताया गया है. इनकी गिरफ्तारी होने पर अन्य नेताओं के मनोबल टूटने की बात कही गई है.
  • इलाके में पुलिस बलों की कमी है, सिर्फ मुख्य सड़क पर ही पुलिस की गश्त होती है. ऐसे में ग्रामीण पुलिस से नहीं जुड़ पाते. जनता की समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पाता. भय के कारण लोग पत्थलगड़ी समर्थकों का विरोध नहीं कर पाते.
  • मानकी मुंडाओं द्वारा सरकारी योजना की जानकारी दी जाए, पत्थलगड़ी कार्यक्रमों से दूर रहने और गुमराह नहीं होने की बात समझायी जाए. बीडीओ भी मानकी मुंडाओं के साथ बैठक करें.

रांचीः झारखंड में पत्थलगड़ी का गुजरात कनेक्शन फिर से सामने आया है. सीआईडी मुख्यालय ने जमशेदपुर सीआईडी टीम के द्वारा तैयार की गई एक जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. जिसमें पत्थलगड़ी को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां दी गई हैं.

क्या है रिपोर्ट में
20 जून को तैयार की गई सीआईडी की रिपोर्ट में जिक्र है कि सरकारी योजनाओं के विरोध के लिए ग्रामीणों को उकसाया जा रहा है. बंदगांव प्रखंड के 23 गांव अबतक विवादित पत्थलगड़ी के प्रभाव में आ गए हैं. प्रखंड कार्यालय बंदगांव को डाक के माध्यम से आधार कार्ड, राशन कार्ड व मनरेगा जॉब कार्ड वापस किए गए हैं. बहिष्कार के ऐलान के साथ भेजे गए कई लिफाफों पर भारत सरकार, गुजरात, कटासवाण, पोस्ट - व्यारा, जिला- सूरत (तापी), पिन कोड- 394650 का पता लिखा है.

खूंटी विवाद में भी आया था गुजरात कनेक्शन
गौरतलब है कि खूंटी में विवादित पत्थलगड़ी के पीछे भी गुजरात के तापी के केसरी सिंह परिवार की भूमिका सामने आयी थी। इस परिवार को ही विवादित पत्थलगड़ी समर्थक असली भारत सरकार बताते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पत्थलगड़ी से बंदगांव प्रखंड के दो पंचायत चंपावा और सिंदुरीबेड़ा सर्वाधिक प्रभावित हैं।

युसूफ पूर्ति और बिरसा ओडेया ने गांव गांव में खड़ा किया पत्थलगड़ी नेतृत्व
सीआईडी की रिपार्ट में जिक्र है कि चाईबासा में बंदगांव में ग्रामीणों को उकसाने और सरकारी योजनाओं के विरोध में जोसेफ पूर्ति उर्फ युसूफ पूर्ति और बिरसा ओडेया का हाथ है. दोनों के खिलाफ देशद्रोह समेत कई आपराधिक मामले खूंटी में दर्ज हैं. दोनों नेताओं ने सभाओं के आयोजन के लिए सभी गांवों में नया नेतृत्व खड़ा किया है.
हालिया पत्थलगड़ी में गांव-गांव में विरोध की जिम्मेदारी बिरसा टोपनो, चमरू चांपिया, वारगी टोपनो, टांगू बोदरा, जीवन टोपनो, रघु पूर्ति, बसंत पूर्ति, शनिका लोंगा, नंदराम मुंडा, गोपाल बोदरा, कल्याण हापतगारा, एलियस बरजो, सिंगराग पूर्ति, सुलेमान हेंब्रम, जगदीश सिंह मुंडा, मारा मुंडा, अभिराम पूर्ति, जीदन हेंब्रम, मछुआ बोदरा, उम्बुलन बोदरा, शोषण बोदरा को दी गई है.

कौन कौन से गांव पत्थलगड़ी की जद में
बंदगांव प्रखंड के कारू, कातिदिरी, कारला, गुंडय, सौलय गुंडय, किता, बुनूगउली, लोटा, हेस्साडीह, किलुम, बरजो, कुल्डा, कुंदरूगुटू, एरकोडा, दिग्गी, जिकीलता, सियाकेला, कोमडेला, लुंबाई, जाटंग हेस्सा, कुकुरूबारू, कोमान, मुरूमबुरा को पत्थलगड़ी प्रभावित गांव के तौर पर चिन्हित किया गया है.

पत्थलगड़ी से निपटने के लिए रिपोर्ट में क्या है सुझाव

  • युसूफ पूर्ति और बिरसा ओडेया की गिरफ्तारी को आवश्यक बताया गया है. इनकी गिरफ्तारी होने पर अन्य नेताओं के मनोबल टूटने की बात कही गई है.
  • इलाके में पुलिस बलों की कमी है, सिर्फ मुख्य सड़क पर ही पुलिस की गश्त होती है. ऐसे में ग्रामीण पुलिस से नहीं जुड़ पाते. जनता की समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पाता. भय के कारण लोग पत्थलगड़ी समर्थकों का विरोध नहीं कर पाते.
  • मानकी मुंडाओं द्वारा सरकारी योजना की जानकारी दी जाए, पत्थलगड़ी कार्यक्रमों से दूर रहने और गुमराह नहीं होने की बात समझायी जाए. बीडीओ भी मानकी मुंडाओं के साथ बैठक करें.
Intro:

झारखंड में पत्थलगड़ी का गुजरात कनेक्शन फिर से सामने आया है। शुक्रवार को सीआईडी मुख्यालय ने जमशेदपुर सीआईडी टीम के द्वारा तैयार की गई एक जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। रिपोर्ट पत्थलगड़ी को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां दी गई है।

क्या है रिपोर्ट में

20 जून को तैयार की गई सीआईडी की रिपोर्ट में जिक्र है कि सरकारी योजनाओं के विरोध के लिए ग्रामीणों को उकसाया जा रहा है। बंदगांव प्रखंड के 23 गांव अबतक विवादित पत्थलगड़ी के प्रभाव में आ गए हैं। प्रखंड कार्यालय बंदगांव को डाक के माध्यम से आधा कार्ड, राशन कार्ड व मनरेगा जॉब कार्ड वापस किए गए हैं। बहिष्कार के ऐलान के साथ भेजे गए कई लिफाफों पर भारत सरकार गुजरात, कटासवाण, पोस्ट - व्यारा, जिला- सूरत (तापी), पिन कोड- 394650 का पता लिखा है।

खूंटी विवाद में भी आया था गुजरात कनेक्सन

गौरतलब है कि खूंटी में विवादित पत्थलगड़ी के पीछे भी गुजरात के तापी के केसरी सिंह परिवार की भूमिका सामने आयी थी। इस परिवार को ही विवादित पत्थलगड़ी समर्थक असली भारत सरकार बताते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पत्थलगड़ी से बंदगांव प्रखंड के दो पंचायत चंपावा और सिंदुरीबेड़ा सर्वाधिक प्रभावित हैं।

युसूफ पूर्ति और बिरसा ओडेया ने गांव गांव में खड़ा किया पत्थलगड़ी नेतृत्व

सीआईडी की रिपार्ट में जिक्र है कि चाईबासा में बंदगांव में ग्रामीणों को उकसाने और सरकारी योजनाओं के विरोध में जोसेफ पूर्ति उर्फ युसूफ पूर्ति और बिरसा ओडेया का हाथ है। दोनों के खिलाफ देशद्रोह समेत कई आपराधिक मामले खूंटी में दर्ज हैं। दोनों नेताओं ने सभाओं के आयोजन के लिए सभी गांवों में नया नेतृत्व खड़ा किया है। हालिया पत्थलगड़ी में गांव गांव में विरोध की जिम्मेदारी बिरसा टोपनो, चमरू चांपिया, वारगी टोपनो, टांगू बोदरा, जीवन टोपनो, रघु पूर्ति, बसंत पूर्ति, शनिका लोंगा, नंदराम मुंडा, गोपाल बोदरा, कल्याण हापतगारा, एलियस बरजो, सिंगराग पूर्ति, सुलेमान हेंब्रम, जगदीश सिंह मुंडा, मारा मुंडा, अभिराम पूर्ति, जीदन हेंब्रम, मछुआ बोदरा, उम्बुलन बोदरा, शोषण बोदरा को दी गई है।

कौन कौन से गांव पत्थलगड़ी की जद में

बंदगांव प्रखंड के कारू, कातिदिरी, कारला, गुंडय, सौलय गुंडय, किता, बुनूगउली, लोटा, हेस्साडीह, किलुम, बरजो, कुल्डा, कुंदरूगुटू, एरकोडा, दिग्गी, जिकीलता, सियाकेला, कोमडेला, लुंबाई, जाटंग हेस्सा, कुकुरूबारू, कोमान, मुरूमबुरा को पत्थलगड़ी प्रभावित गांव के तौर पर चिन्हित किया गया है।

पत्थलगड़ी से निपटने के लिए रिपोर्ट में क्या है सुझाव

- युसूफ पूर्ति और बिरसा ओडेया की गिरफ्तारी को आवश्यक बताया गया है। गिरफ्तारी होने पर बाकि नेताओं की मनोबल टूटने की बात कही गई है।
- इलाके में पुलिस बलों की कमी है। सिर्फ मुख्य सड़क पर ही पुलिस की गश्त होती है, ऐसे में ग्रामीण पुलिस से नहीं जुड़ पाते। जनता की समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पाता। भय के कारण लोग पत्थलगड़ी समर्थकों का विरोध नहीं कर पाते।
- मानकी मुंडाओं द्वारा सरकारी योजना की जानकारी दी जाए, पत्थलगड़ी कार्यक्रमों से दूर रहने और गुमराह नही होने की बात समझायी जाए। बीडीओ भी मानकी मुंडाओं के साथ बैठक करें।Body:1Conclusion:2
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