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नीम युक्त यूरिया से रुकी यूरिया की कालाबाजारी, POS मशीन के जरिए किसानों को हो रहा फायदा - Ranchi News

सूबे में अब किसानों को उर्वरक खरीदते समय अपना आधार कार्ड देकर पॉस मशीन पर अंगूठा लगाना होगा. उससे एक पर्ची निकलेगी पर्ची में अंकित कीमत ही किसानों को देनी होगी. इससे उर्वरक की कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा. इस मशीन को डिजिटलाइजेशन सेवा से जोड़ा गया है.

नीम से रुकी यूरिया की कालाबाजारी
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Published : Jul 3, 2019, 2:12 PM IST

Updated : Jul 4, 2019, 1:00 PM IST

रांची: बाजारों में यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए नीम कोटेड यूरिया सरकार ने उपलब्ध कराया है. इससे किसानों को समय पर अपने खेतों में देने के लिए खाद्य मिल सकेगी. यूरिया की कालाबाजारी के कारण पहले धान-मक्का की बुवाई के समय किसानों को यूरिया नहीं मिल पाता था. दुकानदार यूरिया को दूसरे कामों के लिए भेज दिया करते थे.

वीडियो में देखें पूरी खबर

इसके लिए किसानों को पॉस मशीन में अंगूठा लगाकर अपना आधार कार्ड देना होगा. उसी के आधार पर किसानों को यूरिया मुहैया कराई जाती है. इससे किसान के अलावा दूसरे वर्ग के लोग यूरिया का इस्तेमाल कालाबाजारी के लिए नहीं कर सकेंगे. नीम कोटेड होने के कारण खेतों के लिए यह यूरिया और भी लाभकारी साबित होता है. हालांकि पॉस मशीन और आधार कार्ड अनिवार्य होने के बावजूद भी कहीं ना कहीं इसकी भी कालाबाजारी दुकानदार करते हैं.

नाइट्रोजन डोज यूरिया का पहले गैर कृषि कार्य में काफी इस्तेमाल होता था, जिसके चलते किसान खेतो में यूरिया डालने के लिए इंतजार करते रह जाते थे. कई इलाको में गेहूं और धान आदि की फसल के दौरान किल्लत हो जाती थी, लेकिन नीम का लेप होने से यह यूरिया सिर्फ खेती में इस्तेमाल लायक ही बच जाती है. कृषि भवन समिति डायरेक्टर सुभाष सिंह ने बताया कि नीम कोटेड यूरिया बनाने के लिए यूरिया के ऊपर नीम के तेल का लेप कर दिया जाता है. इससे यह नाइट्रिफिकेशन अवरोधी के रूप में काम करता है.

नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है, जिसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोषक तत्वों की उपलब्धता होती है और फसल उत्पादन में वृद्धि होती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनवरी 2018 से पॉइंट ऑफ सेल(पॉस) मशीन के जरिए यूरिया डीएपी बेचना अनिवार्य कर दिया गया है. इस मशीन के बिना खाद्य बिक्री करने वाले दुकानदारों पर एफआइआर दर्ज होगी और उनका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा. विभिन्न उर्वरकों पर 25 से लेकर 50 फीसदी तक अनुदान दिया जाता है. अनुदान का लाभ किसानों को ही मिले इसके लिए यह व्यवस्था की गई है.

उर्वरक खरीदते समय किसान को अपना आधार कार्ड देकर पॉस मशीन पर अंगूठा लगाना होगा. उससे एक पर्ची निकलेगी पर्ची में अंकित कीमत ही किसानों को देनी होगी. इससे उर्वरक की कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा. इस मशीन को डिजिटलाइजेशन सेवा से जोड़ा गया है. वहीं, किसानों ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से अब समय पर किसानों को डीएपी और यूरिया मिल जाता है. पहले फसल लगाने के समय डीएपी और यूरिया की काफी किल्लत हो जाती थी. अब इस व्यवस्था के लागू होने से जितनी यूरिया की जरूरत होती है, उतनी आराम से मिल जाता है.

किसान हरिदास महतो ने बताया कि सबसे पहले दुकानदार के पास अपने आधार कार्ड को लेकर जाते हैं. उसके बाद पॉस मशीन में अंगूठा लगाया जाता है. अंगूठा लगाने के बाद यूरिया के कीमत की पर्ची निकल जाती है. उसी कीमत के आधार पर दुकानदार को भुगतान करते हैं.

रांची: बाजारों में यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए नीम कोटेड यूरिया सरकार ने उपलब्ध कराया है. इससे किसानों को समय पर अपने खेतों में देने के लिए खाद्य मिल सकेगी. यूरिया की कालाबाजारी के कारण पहले धान-मक्का की बुवाई के समय किसानों को यूरिया नहीं मिल पाता था. दुकानदार यूरिया को दूसरे कामों के लिए भेज दिया करते थे.

वीडियो में देखें पूरी खबर

इसके लिए किसानों को पॉस मशीन में अंगूठा लगाकर अपना आधार कार्ड देना होगा. उसी के आधार पर किसानों को यूरिया मुहैया कराई जाती है. इससे किसान के अलावा दूसरे वर्ग के लोग यूरिया का इस्तेमाल कालाबाजारी के लिए नहीं कर सकेंगे. नीम कोटेड होने के कारण खेतों के लिए यह यूरिया और भी लाभकारी साबित होता है. हालांकि पॉस मशीन और आधार कार्ड अनिवार्य होने के बावजूद भी कहीं ना कहीं इसकी भी कालाबाजारी दुकानदार करते हैं.

नाइट्रोजन डोज यूरिया का पहले गैर कृषि कार्य में काफी इस्तेमाल होता था, जिसके चलते किसान खेतो में यूरिया डालने के लिए इंतजार करते रह जाते थे. कई इलाको में गेहूं और धान आदि की फसल के दौरान किल्लत हो जाती थी, लेकिन नीम का लेप होने से यह यूरिया सिर्फ खेती में इस्तेमाल लायक ही बच जाती है. कृषि भवन समिति डायरेक्टर सुभाष सिंह ने बताया कि नीम कोटेड यूरिया बनाने के लिए यूरिया के ऊपर नीम के तेल का लेप कर दिया जाता है. इससे यह नाइट्रिफिकेशन अवरोधी के रूप में काम करता है.

नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है, जिसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोषक तत्वों की उपलब्धता होती है और फसल उत्पादन में वृद्धि होती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनवरी 2018 से पॉइंट ऑफ सेल(पॉस) मशीन के जरिए यूरिया डीएपी बेचना अनिवार्य कर दिया गया है. इस मशीन के बिना खाद्य बिक्री करने वाले दुकानदारों पर एफआइआर दर्ज होगी और उनका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा. विभिन्न उर्वरकों पर 25 से लेकर 50 फीसदी तक अनुदान दिया जाता है. अनुदान का लाभ किसानों को ही मिले इसके लिए यह व्यवस्था की गई है.

उर्वरक खरीदते समय किसान को अपना आधार कार्ड देकर पॉस मशीन पर अंगूठा लगाना होगा. उससे एक पर्ची निकलेगी पर्ची में अंकित कीमत ही किसानों को देनी होगी. इससे उर्वरक की कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा. इस मशीन को डिजिटलाइजेशन सेवा से जोड़ा गया है. वहीं, किसानों ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से अब समय पर किसानों को डीएपी और यूरिया मिल जाता है. पहले फसल लगाने के समय डीएपी और यूरिया की काफी किल्लत हो जाती थी. अब इस व्यवस्था के लागू होने से जितनी यूरिया की जरूरत होती है, उतनी आराम से मिल जाता है.

किसान हरिदास महतो ने बताया कि सबसे पहले दुकानदार के पास अपने आधार कार्ड को लेकर जाते हैं. उसके बाद पॉस मशीन में अंगूठा लगाया जाता है. अंगूठा लगाने के बाद यूरिया के कीमत की पर्ची निकल जाती है. उसी कीमत के आधार पर दुकानदार को भुगतान करते हैं.

Intro:रांची
बाइट--- सुभाष सिंह समेति डायरेक्टर कृषि विभाग
बाइट--किसान हरिदास महतो

बाजारों में ऊर्जा की कालाबाजारी को रोकने के लिए नीम कोटेड यूरिया सरकार ने उपलब्ध कराई है, ताकि किसानों को सा समय अपने खेतों में देने के लिए मिल सके क्योंकि यूरिया के कालाबाजारी के कारण पहले धान मक्का की बुवाई के समय किसानों को यूरिया नहीं मिल पाता था दुकानदार यूरिया को दूसरे कामों के लिए भेज दिया करते थे जिसको देखते हुए सरकार ने बाजारों में नीम कोटेड यूरिया उपलब्ध कराया है। जिसके लिए किसानों को पॉस मशीन में अंगूठा लगाकर अपना आधार कार्ड देना होगा उसी के आधार पर किसानों को यूरिया मुहैया कराई जाती है ताकि किसान के अलावे दूसरे वर्ग के लोग यूरिया का इस्तेमाल कालाबाजारी के लिए ना कर सके। इससे किसानों को सा समय यूरिया आसानी से मिल जाती है। और नीम कोटेड होने के कारण खेतों के लिए या और भी लाभकारी साबित होता है लेकिन पॉस मशीन और आधार कार्ड अनिवार्य होने के बावजूद भी कहीं ना कहीं इसकी भी कालाबाजारी दुकानदार करते हैं।


Body:बाजारों में यूरिया की कलाबाजी रुक रुक सी गई है और किसानों को कभी इसकी किल्लत नहीं होती है। नाइट्रोजन डोज यूरिया का पहले गैर कृषि कार्य में काफी इस्तेमाल होता था जिसके चलते किसान इंतजार करते रह जाते थे कई इलाको में गेहूं और धान आदि की फसल के दौरान किल्लत हो जाती थी लेकिन नीम का लेप होने से यह सिर्फ खेती कार्यों में इस्तेमाल लायक ही बच जाती है। कृषि भवन के समेति डायरेक्टर सुभाष सिंह ने बताया कि नीम कोटेड यूरिया बनाने के लिए यूरिया के ऊपर नीम के तेल का लेप कर दिया जाता है नाइट्रिफिकेशन अवरोधी के रूप में काम करता है। नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है जिसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोषक तत्वों की उपलब्धता होती है और फसल उत्पादन में वृद्धि होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि जनवरी 2018 से पॉइंट ऑफ सेल(पॉस) मशीन के जरिए यूरिया डीएपी बेचना अनिवार्य कर दिया गया है। इस मशीन के बिना खाद बिक्री करने वाले दुकानदारों पर एफ आई आर दर्ज होगी और उनका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा। विभिन्न उर्वरकों को पर 25 से लेकर 50 फ़ीसदी तक अनुदान दिया जाता है अनुदान का लाभ किसानों को ही मिले इसके लिए यह व्यवस्था की गई है। उर्वरा खरीदते समय किसान को अपना आधार कार्ड देकर पॉस मशीन पर अंगूठा लगाना होगा। उससे एक पर्ची निकलेगी पर्सी में अंकित कीमत ही किसानों को देनी होगी इससे उर्वरक की कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा इस मशीन को डिजिटलाइजेशन सेवा से जोड़ा गया है


Conclusion:वहीं किसानों ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से अब सा समय है हम किसानों को डीएपी और यूरिया मिल जाती है। पहले फसल लगाने के समय डीएपी और यूरिया का काफी किल्लत हो जाता था। अब इस व्यवस्था के लागू होने से जितनी यूरिया की जरूरत होती है उतना आराम से मिल जाता है किसान हरिदास महतो ने बताया कि सबसे पहले दुकानदार में अपने आधार कार्ड को लेकर जाते हैं उसके बाद पॉस मशीन में अंगूठा लगाया जाता है अंगूठा लगाने के बाद यूरिया की कीमत की पर्ची निकल जाती है उसी कीमत के आधार पर दुकानदार को यह पैसा हम लोग देते हैं और यूरिया हमें आसानी से कम कीमतों पर मिल जाता है इससे किसानों को काफी हद तक लाभ मिला है


Last Updated : Jul 4, 2019, 1:00 PM IST
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