रांची: स्टेशन रोड स्थित होटल रॉयल रेसीडेंसी से पकड़े गए सभी सातों नक्सली संगठन पीएलएफआई के लिए काम करने के लिए रांची पहुचे थे. एटीएस की जांच में इसका खुलासा हुआ है.
क्या है पूरा मामला
पीएलएफआई उग्रवादियों ने अर्थतंत्र के लिए नए हथकंडे का ईजाद किया है. जिसे स्पेशल ब्रांच की सूचना पर रांची पुलिस और एटीएस ने नाकाम कर दिया है. पीएलएफआई उग्रवादी खूंटी के अनगड़ा स्थित इंडियन ऑयल डिपो की पाइपलाइन से पेट्रोल चोरी करना था. हर बीस मिनट पर 10 से 12 हजार लीटर पेट्रोल चोरी करने योजना थी. ये लोग प्रति टैंकर 12 लाख रुपए की तेल चोरी कर लेते.
इस पाइपलाइन से तेल चोरी करने वाले सात एक्सपर्ट को बुलवाया गया था. योजना थी कि हथियारबंद उग्रवादी हर दिन कई टैंकर तेल की चोरी इलाके की घेराबंदी कर किया जाना था. हालांकि टेक्निकल सेल की मदद से पुलिस को इनकी योजना की सूचना मिल गई. इसके बाद सभी को चुटिया इलाके के एक होटल से पकड़ लिया गया.
दिल्ली और बिहार के है सभी
पकड़े गए सातों दिल्ली के अलग-अलग इलाकों और बिहार के पटना के रहने वाले हैं. सभी से पुलिस पूछताछ कर रही है. उनके पास से गुजरात नंबर की एक कार भी बरामद की गई है.
अखिलेश गोप ने किया था प्लान
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि पीएलएफआई एरिया कमांडर अखिलेश गोप द्वारा बनाए गए प्लान के अनुसार सुप्रीमो दिनेश गोप ने पूरी योजना बनाई थी. इनकी योजना थी कि अनगड़ा स्थित इंडियन ऑयल डिपो से रिफाइनरी तक के लिए जंगली इलाकों से गुजरी पाइपलाइन से तेल चोरी करना था. इन चोरी के पेट्रोल को ब्लैक मार्केट में बेचकर मुनाफा कमाने की योजना थी. अगर चार से पांच टैंकर की चोरी हर दिन होती तो 50 से 60 लाख रुपए का चूना इंडियन ऑयल को लगता. पुलिस की पूछताछ में ये बातें भी सामने आई है.
पाइप छेद तेल चुराने में हैं एक्सपर्ट
पकड़े गए सातों लोग जमीन के अंदर से गुजरी पाइपलाइन से ड्रिल कर तेल चुराने में एक्सपर्ट हैं. इनके द्वारा तेल चुराए जाने पर एक बूंद तेल भी नहीं गिर सकता. यह पाइपलाइन पर ड्रिल कर मोटर के सहारे महज 20 मिनट में दस से 12 हजार क्षमता वाली टैंकर भर लेते हैं. पकड़े गए आरोपितों के पास से पाइप कटिंग ब्लेड सहित अन्य सामान भी बरामद हुए हैं.