बोकारो: कुड़मी को आदिवासी का दर्जा देने की मांग को लेकर झारखंड और पश्चिम बंगाल में अलग-अलग स्टेशनों पर कुड़मी समाज के लोगों का आंदोलन जारी है. इसी क्रम में कड़मी समाज के लोगों ने कोटशिला स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है. इस कारण बोकारो-रांची रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है. इसको लेकर रेल प्रशासन ने रविवार को बोकारो से गुजरने वाली लगभग 33 जोड़ी ट्रेनें कैंसिल कर दी हैं. इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
बोकारो स्टेशन पर पसरा रहा सन्नाटाः वहीं ट्रेनों का परिचालन बंद रहने की वजह से बोकारो रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा रहा. जानकारी के अभाव में कई यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए बोकारो स्टेशन पहुंचे थे, लेकिन यहां पहुंच कर उन्हें ट्रेन रद्द होने की जानकारी मिली. हालांकि रेलवे की ओर से पूर्व में सूचना दे दी गई थी. स्टेशन में मौजूद कुछ यात्रियों ने बताया कि ट्रेनों का परिचालन नहीं होने के कारण बोकारो में फंस गए हैं. वहीं इस संबंध में साहिबगंज निवासी अंकुश कुमार ने बताया कि वह क्रिकेट का ट्रायल देने के लिए बोकारो पहुंचा था. शनिवार की शाम को पता चला कि ट्रेन रद्द हो गई है. ऐसे में वह घर नहीं पहुंच पा रहा है. उसने बताया कि मंगलवार से उसकी परीक्षा शुरु हो रही है.
बोकारो होकर एक भी ट्रेन नहीं चलीः इस संबंध में बोकारो रेलवे स्टेशन की स्टेशन मास्टर एके हलदर ने बताया कि मेल, एक्सप्रेस आदि मिलाकर प्रतिदिन कुल 33 जोड़ी ट्रेनें बोकारो से होकर गुजरती हैं. शनिवार को कुछ ट्रेनें विलंब चली और कुछ ही ट्रेन रद्द थी, लेकिन रविवार को एक भी ट्रेन का परिचालन नहीं हो पाया है. वहीं ट्रेनें कब तक रद्द रहेगी इसकी आधिकारिक जानकारी अभी तक नहीं मिली है. जैसा निर्देश आएगा उसका पालन किया जाएगा. अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है.
कोटशिला स्टेशन के पास प्रदर्शन कर रहे हैं कुड़मी समाज के लोगः जानकारी के अनुसार कुड़मी समाज के लोग कुस्तौर स्टेशन से हट चुके हैं, परंतु अब पुरुलिया जिले के कोटशिला स्टेशन पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. हजारों की संख्या में कुड़मी समाज के लोग रविवार को कोटशिला स्टेशन पहुंचे और स्टेशन समेत रेलवे ट्रैक पर बैठकर नारेबाजी करने लगे. इस रूट पर पुरी से होकर दिल्ली जाने वाली निलांचल एक्सप्रेस के साथ रांची से बोकारो की ओर आने वाली सभी ट्रेनों का परिचालन होता है. इसके अलावा कई अन्य ट्रेनों का भी परिचालन इसी रूट से किया जाता है. अब इस स्टेशन पर प्रदर्शन होने से रेलवे को फिर से ट्रेनों को रद्द करना पड़ सकता है.