ETV Bharat / state

झारखंड के चेतन जोशी को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड 2019, बांसुरी वादन में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सम्मान - bokaro news

झारखंड के बांसुरी वादक चेतन जोशी को वर्ष 2019 के लिए संगीत नाटक अकादमी अवार्ड मिला (Sangeet Natak Akademi Award 2019) है. इस अवार्ड के लिए चयनित चेतन जोशी को पहले भी कई सम्मान मिल चुके हैं.

Sangeet Natak Akademi Award 2019 to Jharkhand flute player Chetan Joshi
झारखंड के बांसुरी वादक चेतन जोशी को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड 2019
author img

By

Published : Nov 27, 2022, 9:44 PM IST

बोकारो: संगीत नाटक अकादमी अवार्ड 2019 के लिए बोकारो के चेतन जोशी का चयन हुआ (Sangeet Natak Akademi Award 2019) है. वे बांसुरी वादक हैं और वरिष्ठतम बांसुरी वादकों में से एक हैं. पैंतीस से भी अधिक वर्षों से ये भारत तथा भारत से बाहर कला प्रदर्शन कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-पंडित छन्नूलाल समेत काशी की तीन हस्तियों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार



इस लंबी यात्रा के दौरान, चेतन जोशी ने अपनी एक अद्वितीय वादन शैली विकसित की है तथा बांसुरी वादन के क्षेत्र में कई नए प्रयोग किए जो अब उनकी विशिष्ट पहचान बन गए हैं, उनके द्वारा विकसित की गई एक ही बांसुरी में साढ़े तीन सप्तक बजाने की विशिष्ट पद्धति का उल्लेख तो अब कई शोध पत्रों में हो चुका है.

देखें पूरी खबर


संगीत के लिए चास से यहां तक का सफरः झारखंड के बांसुरी वादक चेतन जोशी (Jharkhand Flute Player Chetan Joshi) ने सेक्टर 1 के रंगमंच स्थित बोकारो संगीत महाविद्यालय में आचार्य जगदीश के मार्गदर्शन में संगीत सीखना प्रारंभ किया था. इसके लिए चास से साइकिल से सेक्टर 1 आते थे. बाद में भारत के महानतम गुरुओं के सतर्क मार्गदर्शन ने उनकी प्रतिभा को गढ़ा.

बता दें कि चेतन जोशी विश्व विख्यात बांसुरी वादक पंडित रघुनाथ सेठ के वरिष्ठ शिष्यों में से एक हैं. चेतन जोशी ने सुविख्यात गायक आचार्य जगदीश तथा महान बांसुरी वादक पंडित भोलानाथ प्रसन्ना से भी गुर सीखा है. वर्तमान समय में ये प्रख्यात गायक पद्मभूषण पंडित अजय चक्रवर्ती से मार्गदर्शन ले रहे हैं.

कई पुरस्कार मिलेः झारखंड सरकार द्वारा राज्य का सर्वोच्च कला सम्मान राजकीय सांस्कृतिक सम्मान चेतन जोशी को वर्ष 2006 में दिया गया था. इसके अतिरिक्त सुर मणि, बिस्मिल्लाह सम्मान, सरस्वती सम्मान, महाराज स्वाति थिरुनाल अवार्ड, स्वर समाज सेवा अवार्ड, कला रत्न सम्मान, संगीत गौरव अवार्ड, संगीत भारती अवार्ड, सामापा संगीत तेजस्वी सम्मान तथा ऐसे ही कई सम्मान इन्हें संगीत क्षेत्र में उपलब्धियों एवं योगदान के लिए मिल चुके हैं.

देश विदेशों में दे चुके हैं प्रस्तुतिः चेतन जोशी जापान तथा साउथ कोरिया में भी कला प्रदर्शन कर चुके हैं. भारत के जिन लब्धप्रतिष्ठित संगीत समारोहों में इन्होंने बांसुरी वादन किया है, उनमें प्रमुख हैं श्री संकटमोचन संगीत समारोह (वाराणसी), श्री बाबा हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन (जालंधर), तानसेन समारोह (ग्वालियर), कालिदास समारोह (उज्जैन), विश्व बांसुरी महोत्सव (दिल्ली), भास्कर राव संगीत समारोह (चंडीगढ़), ताज महोत्सव (आगरा), ध्रुपद मेला (वाराणसी) इत्यादि .

जन्म झरिया और शिक्षा बोकारो मेंः बांसुरी वादक चेतन जोशी का जन्म तत्कालीन बिहार में धनबाद जिले के झरिया में स्थित ननिहाल में हुआ था. सिंहभूम जिले के नोआमुंडी में इनका बचपन गुजरा है, इनके पिता भूपेंद्र जोशी चायपत्ती का व्यापार करते थे. चास के रामरूद्र उच्च विद्यालय से इन्होंने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की. इसके बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई चास कॉलेज से की और कुछ समय इलाहाबाद डिग्री कॉलेज प्रयागराज से भी पढ़ाई की. इसके बाद बोकारो कॉलेज बोकारो से स्नातक किया.

जीजीपीएस में संगीत शिक्षक के रूप में शुरुआतः बांसुरी वादक चेतन जोशी के करिअर की शुरुआत 1987 में सेक्टर पांच के श्री गुरु गोविंद सिंह विद्यालय में बतौर संगीत शिक्षक हुई थी. 1988 में वहां से दिल्ली पब्लिक स्कूल में संगीत शिक्षण कार्य के लिए आए और जनवरी 2012 तक वहीं विभिन्न पदों पर कार्य किया. 2012 से ही ग्रेटर नोएडा में रहकर कार्यक्रमों की व्यस्तता के साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा बांसुरी के प्रचार प्रसार में संलग्न हैं.

बोकारो: संगीत नाटक अकादमी अवार्ड 2019 के लिए बोकारो के चेतन जोशी का चयन हुआ (Sangeet Natak Akademi Award 2019) है. वे बांसुरी वादक हैं और वरिष्ठतम बांसुरी वादकों में से एक हैं. पैंतीस से भी अधिक वर्षों से ये भारत तथा भारत से बाहर कला प्रदर्शन कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-पंडित छन्नूलाल समेत काशी की तीन हस्तियों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार



इस लंबी यात्रा के दौरान, चेतन जोशी ने अपनी एक अद्वितीय वादन शैली विकसित की है तथा बांसुरी वादन के क्षेत्र में कई नए प्रयोग किए जो अब उनकी विशिष्ट पहचान बन गए हैं, उनके द्वारा विकसित की गई एक ही बांसुरी में साढ़े तीन सप्तक बजाने की विशिष्ट पद्धति का उल्लेख तो अब कई शोध पत्रों में हो चुका है.

देखें पूरी खबर


संगीत के लिए चास से यहां तक का सफरः झारखंड के बांसुरी वादक चेतन जोशी (Jharkhand Flute Player Chetan Joshi) ने सेक्टर 1 के रंगमंच स्थित बोकारो संगीत महाविद्यालय में आचार्य जगदीश के मार्गदर्शन में संगीत सीखना प्रारंभ किया था. इसके लिए चास से साइकिल से सेक्टर 1 आते थे. बाद में भारत के महानतम गुरुओं के सतर्क मार्गदर्शन ने उनकी प्रतिभा को गढ़ा.

बता दें कि चेतन जोशी विश्व विख्यात बांसुरी वादक पंडित रघुनाथ सेठ के वरिष्ठ शिष्यों में से एक हैं. चेतन जोशी ने सुविख्यात गायक आचार्य जगदीश तथा महान बांसुरी वादक पंडित भोलानाथ प्रसन्ना से भी गुर सीखा है. वर्तमान समय में ये प्रख्यात गायक पद्मभूषण पंडित अजय चक्रवर्ती से मार्गदर्शन ले रहे हैं.

कई पुरस्कार मिलेः झारखंड सरकार द्वारा राज्य का सर्वोच्च कला सम्मान राजकीय सांस्कृतिक सम्मान चेतन जोशी को वर्ष 2006 में दिया गया था. इसके अतिरिक्त सुर मणि, बिस्मिल्लाह सम्मान, सरस्वती सम्मान, महाराज स्वाति थिरुनाल अवार्ड, स्वर समाज सेवा अवार्ड, कला रत्न सम्मान, संगीत गौरव अवार्ड, संगीत भारती अवार्ड, सामापा संगीत तेजस्वी सम्मान तथा ऐसे ही कई सम्मान इन्हें संगीत क्षेत्र में उपलब्धियों एवं योगदान के लिए मिल चुके हैं.

देश विदेशों में दे चुके हैं प्रस्तुतिः चेतन जोशी जापान तथा साउथ कोरिया में भी कला प्रदर्शन कर चुके हैं. भारत के जिन लब्धप्रतिष्ठित संगीत समारोहों में इन्होंने बांसुरी वादन किया है, उनमें प्रमुख हैं श्री संकटमोचन संगीत समारोह (वाराणसी), श्री बाबा हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन (जालंधर), तानसेन समारोह (ग्वालियर), कालिदास समारोह (उज्जैन), विश्व बांसुरी महोत्सव (दिल्ली), भास्कर राव संगीत समारोह (चंडीगढ़), ताज महोत्सव (आगरा), ध्रुपद मेला (वाराणसी) इत्यादि .

जन्म झरिया और शिक्षा बोकारो मेंः बांसुरी वादक चेतन जोशी का जन्म तत्कालीन बिहार में धनबाद जिले के झरिया में स्थित ननिहाल में हुआ था. सिंहभूम जिले के नोआमुंडी में इनका बचपन गुजरा है, इनके पिता भूपेंद्र जोशी चायपत्ती का व्यापार करते थे. चास के रामरूद्र उच्च विद्यालय से इन्होंने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की. इसके बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई चास कॉलेज से की और कुछ समय इलाहाबाद डिग्री कॉलेज प्रयागराज से भी पढ़ाई की. इसके बाद बोकारो कॉलेज बोकारो से स्नातक किया.

जीजीपीएस में संगीत शिक्षक के रूप में शुरुआतः बांसुरी वादक चेतन जोशी के करिअर की शुरुआत 1987 में सेक्टर पांच के श्री गुरु गोविंद सिंह विद्यालय में बतौर संगीत शिक्षक हुई थी. 1988 में वहां से दिल्ली पब्लिक स्कूल में संगीत शिक्षण कार्य के लिए आए और जनवरी 2012 तक वहीं विभिन्न पदों पर कार्य किया. 2012 से ही ग्रेटर नोएडा में रहकर कार्यक्रमों की व्यस्तता के साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा बांसुरी के प्रचार प्रसार में संलग्न हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.