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सहारा इंडिया के ऑफिस के बाहर धरना, उपभोक्ताओं ने मांगा पैसा

बोकारो में सहारा इंडिया ऑफिस के बाहर उपभोक्ताओं ने धरना दिया (Protest Outside Sahara India Office In Bokaro). इस दौरान उपभोक्ता कंपनी के पास जमा रुपये वापस लौटाने की मांग कर रहे थे.

Protest outside Sahara India office Bokaro
सहारा इंडिया के ऑफिस के बाहर दिया धरना
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Published : Nov 9, 2022, 6:39 PM IST

बोकारो: सहारा इंडिया कंपनी के खिलाफ शुक्रवार को उपभोक्ताओं ने सेक्टर 4 सिटी सेंटर स्थित सहारा कार्यालय के सामने धरना दिया और नारेबाजी की (Protest Outside Sahara India Office In Bokaro). इस प्रदर्शन में सहारा इंडिया के खाताधारकों के साथ एजेंट भी शामिल थे.

ये भी पढ़ें- झारखंड कैबिनेट की बैठक 10 नवंबर को, लाखों को संविदाकर्मियों को मिल सकती है स्थायीकरण की सौगात

प्रदर्शन कर रहे उपभोक्ताओं का आरोप था कि उनकी ओर से जमा किए गए रुपये कंपनी वापस नहीं कर रही है. उपभोक्ताओं का आरोप है कि पिछले दो साल पहले पैसे को अलग स्किम में कन्वर्ट कर दिया गया. अब पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है. उपभोक्ताओं का कहना था कि हमारे रुपयों की हमें जरूरत है, लेकिन हमें वापस नहीं किया जा रहा है. अब उन्हें खेत और जमीन बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है. घर परिवार के लोग अगर बीमार पड़ रहे हैं तो उनका इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर हमारा पैसा वापस नहीं किया जाता है तो अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे और जरूरत पड़ी तो अपनी जान भी दे देंगे.

देखें पूरी खबर

तीन हजार करोड़ फंसेः बता दें कि सहारा इंडिया की विभिन्न योजनाओं में झारखंड के तकरीबन ढाई लाख से भी ज्यादा लोगों के लगभग 3 हजार करोड़ रुपये फंसे हैं. जमा योजनाओं की पॉलिसी मैच्योर्ड होने के बाद भी लगभग दो वर्ष से भुगतान पूरी तरह बंद है. राज्य के अलग-अलग इलाकों में स्थित सहारा के दफ्तरों में हर रोज बड़ी तादाद में पॉलिसी की राशि के भुगतान की मांग लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है. इससे वे परेशान हैं.

बोकारो: सहारा इंडिया कंपनी के खिलाफ शुक्रवार को उपभोक्ताओं ने सेक्टर 4 सिटी सेंटर स्थित सहारा कार्यालय के सामने धरना दिया और नारेबाजी की (Protest Outside Sahara India Office In Bokaro). इस प्रदर्शन में सहारा इंडिया के खाताधारकों के साथ एजेंट भी शामिल थे.

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प्रदर्शन कर रहे उपभोक्ताओं का आरोप था कि उनकी ओर से जमा किए गए रुपये कंपनी वापस नहीं कर रही है. उपभोक्ताओं का आरोप है कि पिछले दो साल पहले पैसे को अलग स्किम में कन्वर्ट कर दिया गया. अब पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है. उपभोक्ताओं का कहना था कि हमारे रुपयों की हमें जरूरत है, लेकिन हमें वापस नहीं किया जा रहा है. अब उन्हें खेत और जमीन बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है. घर परिवार के लोग अगर बीमार पड़ रहे हैं तो उनका इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर हमारा पैसा वापस नहीं किया जाता है तो अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे और जरूरत पड़ी तो अपनी जान भी दे देंगे.

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तीन हजार करोड़ फंसेः बता दें कि सहारा इंडिया की विभिन्न योजनाओं में झारखंड के तकरीबन ढाई लाख से भी ज्यादा लोगों के लगभग 3 हजार करोड़ रुपये फंसे हैं. जमा योजनाओं की पॉलिसी मैच्योर्ड होने के बाद भी लगभग दो वर्ष से भुगतान पूरी तरह बंद है. राज्य के अलग-अलग इलाकों में स्थित सहारा के दफ्तरों में हर रोज बड़ी तादाद में पॉलिसी की राशि के भुगतान की मांग लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है. इससे वे परेशान हैं.

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