बोकारो: सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर अनुबंध पर कार्यरत पारा स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों पर सरकार के द्वारा अब तक किसी भी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है. इसको लेकर पारा स्वास्थ्य कर्मियों में आक्रोश है. सरकार की नीतियों के विरोध में शनिवार को पारा स्वास्थ्य कर्मियों ने भिक्षाटन किया. इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने हाथों में टोकरी लेकर सदर अस्पताल और सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचकर भिक्षाटन किया. कर्मियों का कहना है कि हमारी स्थिति इस सरकार ने दयनीय कर दी है. हम पिछले 15 से 20 वर्षों से 15 से 20 हजार रुपए के मानदेय पर काम कर रहे हैं. कर्मियों ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार हमारी सेवा को स्थायी करे. कहा कि सरकार ने वर्ष 2014 में पारा कर्मियों की सेवा स्थायी की थी. उसी तर्ज पर हमारी सेवा भी स्थायी की जाए.
सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष दिया धरनाः झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ के बैनर तले बोकारो जिले के सभी अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. आंदोलनरत सभी पारा चिकित्सा कर्मी सिविल सर्जन कार्यालय के मुख्य द्वार के पास प्रदर्शन कर सरकार से सेवा स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं. अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे कर्मियों का कहना है जो मानदेय हम लोगों को मिल रहा है, उससे न तो हम बच्चों की पढ़ाई करवा पा रहे हैं और ना ही घर चला पा रहे हैं. ऐसे में कर्ज लेकर हमें सभी काम करना पड़ रहा है.
सरकार के स्तर से नहीं हो रही है कोई पहलः वर्ष 2019 से पूर्व जब हेमंत सोरेन की चुनावी यात्रा चल रही थी तो उन्होंने सरकार आने के तीन महीने के बाद सभी कर्मियों को स्थायी करने की बात कही थी, लेकिन आज तक हम लोगों की सेवा स्थायी नहीं की गई है. नाराज कर्मियों ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांग पर विचार नहीं करती है तो आमरण अनशन करने के लिए भी बाध्य होंगे.