बोकारोः जिले के परिवहन दफ्तर को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने की कोशिशें परवान चढ़ती नजर नहीं आ रहीं हैं. स्थानीय कर्मचारियों के असहयोग से लोगों को कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. पहले तो आवेदकों को 5 से छह माह बाद अपॉइंटमेंट दिया जा रहा है फिर डॉक्युमेंट न मिलने का बहाना बनाया जा रहा है. इसके बाद दोबारा डॉक्युमेंट अपलोड कर आने के लिए कहा जा रहा है.
दरअसल वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सरकार ने स्मार्ट कार्ड सिस्टम लागू किया है, ताकि स्मार्ट कार्ड को पोस्ट के जरिए सीधे आवेदकों को उनके घरों तक भेजा जा सके. इधर सरकार की एक अच्छी पहल कर्मचारियों की अरुचि से सफल नहीं हो रही है. लोगों को अपॉइंटमेंट देने में 5 से छह माह लगाया जा रहा है और अपॉइंटमेंट मिल जाने पर दस्तावेज नहीं मिलने की बात कहकर दौड़ाया जा रहा है. इधर लोगों का कहना है कि सरकार सिस्टम तो अच्छा लाई है पर कर्मचारी इसको पलीता लगा रहे हैं. हालांकि जिला परिवहन विभाग हर दिन 100 स्मार्ट कार्ड बनाने का दावा कर रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि कुछ लोग यहां से कार्ड ले जा रहे हैं, जबकि बाकी लोगों के कार्ड डाक से भेजे जा रहे हैं.
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ऑनलाइन सिस्टम का नहीं मिल रहा फायदा
इधर लोगों का कहना है कि ऑनलाइन सिस्टम का फायदा नहीं मिल पा रहा है. एक आज भी बिचौलियों के चक्कर में पड़कर अधिक राशि देकर अपना काम कराना पड़ रहा है. लोगों की मांग है कि ऑनलाइन प्रणाली की समस्या को दूर किया जाए.लोगों का कहना है कि ऑनलाइन लाइसेंस अप्लाई करने के 5 से 6 महीने के बाद लोगों को मैसेज भेज कर अपॉइंटमेंट के लिए बुलाया जा रहा है पर यहां पर फिर दस्तावेज न मिलने की बात कही जा रही है.
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बिना डाक्युमेंट के कैसे अपॉइमेंट दे दिया
परिवहन कार्यालय आए निश्चय कुमार ने बताया कि हमने ऑनलाइन अप्लाई किया था. सभी डॉक्युमेंट भी अपलोड किए थे पर सब कुछ सही होने के बाद भी डीटीओ ऑफिस में बैठे कर्मी का कहना है कि आपका डॉक्युमेंट अपलोड नहीं हुआ है, ब्लैंक है. हालांकि बिना डॉक्युमेंट अपलोड किए न अपॉइंटमेंट मिल पाएगा न फीस जमा होगी.
राज प्रताप ने बताया कि एजेंट के बिना यहां कोई काम नहीं होता है, मुझे बोला जा रहा है कि डॉक्युमेंट मिसिंग है. उनका सवाल है कि जब ऑनलाइन डॉक्युमेंट दिए और पेमेंट जमा किया तब तो बुलाया ? अब डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं होने की बात कहकर जानबूझकर दौड़ाया जा रहा है ताकि हम एजेंट के थ्रू आएं. हालांकि इस संबंध में परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार का कहना है कि समस्याओं को दूर कर रहे हैं और रोजाना 100 स्मार्ट कार्ड ऑनलाइन प्रक्रिया से बनाए जा रहे हैं. फिलहाल लंबित आवेदनों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है.