बोकारो: मां दुर्गा के आगमन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. वैसे तो दुर्गा पूजा हिंदुओं का त्योहार है, लेकिन भारत में यह त्योहार किसी एक समुदाय का नहीं है, बल्कि ये पूरे देश का है. सभी धर्मों के लोग हर त्यौहार एक साथ मिलकर मनाते हैं. एक त्यौहार कई लोगों की आजीविका का साधन भी बनता है. कुछ ऐसा ही देखने को मिला बोकारो में. यहां दुर्गा पूजा के दौरान आपसी धार्मिक सौहार्द देखने को मिल रहा है. यहां गंगा जमुनी संस्कृति खूब देखने को मिल रही है. कहीं बंगाल के कारीगरों द्वारा पंडाल बनाया जा रहा है तो कहीं झारखंड के जामताड़ा के कारीगरों द्वारा पंडाल बनाया जा रहा है. ये सभी कारीगर मुस्लिम समुदाय से हैं.
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दरअसल, बोकारो स्टील सिटी में दो पूजा पंडालों की काफी चर्चा है, जिसमें पेरिस के पवित्र हृदय मंदिर की तर्ज पर बोकारो के सेक्टर 9 ए मैदान में पूजा पंडाल बनाया जा रहा है. सेक्टर 2 में वृंदावन मंदिर की तर्ज पर पंडाल बनाया जा रहा है, दोनों पंडाल बोकारो के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे.
एक तरफ बंगाल के 40 मुस्लिम कारीगर 50 दिनों से पेरिस के पवित्र हृदय मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण कर रहे हैं. वहीं, जामताड़ा के 20 मुस्लिम कारीगर पूरी निष्ठा से वृंदावन मंदिर की तर्ज पर पंडाल के निर्माण में लगे हुए हैं. कारीगरों का कहना है कि करीब 12 लाख रुपये की लागत से बनने वाला यह पंडाल वृन्दावन मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है, जो 85 फीट ऊंचा और 120 फीट चौड़ा होगा.
बोकारो का होगा सबसे बड़ा पंडाल: कारीगरों ने बताया कि यह बोकारो जिले का यह सबसे बड़ा पंडाल होगा, जो नये बांस, नये कपड़े के साथ नये लकड़ी का बीट इस्तेमाल कर बनाया जा रहा है. कारीगरों ने बताया कि इस पंडाल को 20 तारीख तक तैयार करना है. उन्होंने कहा कि चाहे सरस्वती पूजा हो या दुर्गा पूजा, हम अपने कौशल और कला से हर मंदिर और पंडाल का निर्माण करते हैं. वे बोकारो समेत अन्य शहरों में जाकर पंडाल बनाते हैं. इससे उन लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. आपको बता दें कि बोकारो जिले में सेक्टर 2, सेक्टर 9, सेक्टर 12, बेरमो, चंद्रपुरा, चंदनकियारी और गोमिया में आकर्षक पंडाल बनाये जा रहे हैं.