बोकारोः केंद्र सरकार ने पीएम विश्वकर्मा कौशल योजना के तहत लोहार, मूर्तिकार, ठठेरा, मौची, बढ़ई समेत अन्य कारीगरों के हुनर का विकास करने और आधुनिक बनाने की योजना तैयार की है. इसके तहत शनिवार को देश भर से 12 विश्वकर्मा समाज के प्रतिनिधियों को दिल्ली बुलाकर उनसे राय ली गई. बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के भेंडरा से नरेश विश्वकर्मा भी इस वेबिनार में शामिल हुए थे. एमएसएमई मंत्रालय में आयोजित वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऑनलाइन भाग लिया और सभी की राय को सुना.
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बोकारो के नरेश विश्वकर्मा ने अपना सुझाव देते हुए बताया कि वर्तमान समय में बाजार में मुकाबला करने के लिए हमें नई टेक्नोलॉजी की जरूरत है. जिसमे हमर मशीन, नई तकनीक की फार्जिंग मशीन, ड्रॉप मशीन आदि शामिल हैं. आज भी हम मैनुअली काम कर रहे हैं. उसके आलावा कच्चे माल का बैंक बनाया जाय. जिससे वह आसानी से माल लेकर काम कर सके. अभी कच्चे माल के लिए कोलकाता पर निर्भर रहना पड़ता है. एमएसएमई के अधिकारियों ने इस पर सहमति दी.
नरेश विश्वकर्मा ने दिल्ली से फोन पर बताया कि उन्होंने वेबिनार में सुझाव दिया कि भेंडरा में कॉमन फेसिलिटी सेंटर बनाई जाय. क्वालिटी कंट्रोल या चेक की व्यवस्था की जाय और युवाओं को आईआईटी आईएसएम धनबाद में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय, जिससे नई पीढ़ी के युवा प्रेरित हो और पूर्वजों की कला को जीवित रख सकें. उन्होंने एमएसएमई मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में बताया कि भेंडरा में प्रतिदिन 2000 तलवार का उत्पादन होता है, वह भी मैनुअली.
अगर मशीनें लगाई जाए तो उत्पादन बढ़ सकता है. आज दिन भर मेहनत करके 300-400 रुपया ही कमा पाते हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए भी नई तकनीक का होना जरूरी है. उनके गांव में काम करने वालों का हाथ पाव हमेशा जल जाता है. हर घर में ही छोटे छोटे लोहार का लघु उद्योग लगाे हैं. इससे घर वालों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आधुनिक बनाने और कला को जीवित रखने की बात की. नरेश ने कहा कि अब उन्हें उम्मीद है कि पीएम जरूर भेंडरा के लिए कुछ करेंगे. जिससे उनके गांव की पहचान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच जाएगी.