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Miracle Of Corona Vaccine Covishield In Bokaro: कोविशील्ड वैक्सीन लगने के एक हफ्ते बाद लौट आई आवाज, बेजान शरीर में आ गई जान!

बोकारो में अद्भुत घटना घटी है. पेटरवार प्रखंड के सलगाडीह गांव में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड लगने के एक हफ्ते बाद लाचार व्यक्ति का शरीर हरकत करने लगा और दुर्घटना में खोई उसकी आवाज लौट आई. उस व्यक्ति को एक हफ्ते पहले आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका ने वैक्सीन लगाई थी. लोग इसे वैक्सीन का चमत्कार कर रहे हैं. सरकारी अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि व्यक्ति को स्पाइन प्रॉब्लम था. मैंने रिपोर्ट देखी थी, हो सकता है वैक्सीन से शरीर में कुछ बदलाव हुआ हो.

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कोविशील्ड वैक्सीन लगने के एक हफ्ते बाद लौट आई आवाज, बेजान शरीर में आ गई जान!
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Published : Jan 12, 2022, 2:04 PM IST

Updated : Jan 12, 2022, 2:28 PM IST

बोकारोः बोकारो के पेटरवार प्रखंड में एक अद्भुत घटना घटी है. यहां कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन लगने के एक हफ्ते बाद पांच साल से लाचार व्यक्ति के शरीर में जान आ गई. दुर्घटना में उसकी खोई हुई आवाज भी लौट आई. इससे उसकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा. उतासारा पंचायत के सलगाडीह गांव की यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी है. पंचायत की मुखिया सुमित्रा देवी और पूर्व मुखिया महेंद्र मुंडा समेत गांव के लोग इसे कोरोना वैक्सीन का असर बता रहे हैं. जबकि सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह शोध का विषय है.

ये भी पढ़ें- झोपड़ी में रहने वाले फुलो राय के खाते में बरसे रुपये, दुमका का गरीब रातों-रात बना करोड़पति!

सलगाडीह गांव के रहने वाले 55 वर्षीय दुलारचंद मुंडा लगभग पांच वर्ष पहले हुई एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इलाज के बाद वह ठीक तो हो गए, लेकिन जल्द ही एक के बाद एक उसके शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया. इसके साथ उसकी आवाज भी लड़खड़ाने लगी थी, दुलारचंद शुद्ध बोल नहीं पाते थे. शरीर भी काम नहीं कर रहा था, दुर्घटना के बाद से उसकी जिंदगी चारपाई पर ही बीत रही थी. वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था. घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य के अस्वस्थ हो जाने के कारण परिवार के समक्ष रोजी- रोटी के लाले पड़ गए थे. कोविशील्ड वैक्सीन लगने के बाद मुंडा की आवाज लौट आई और उसके बेजान शरीर में जान भी आ गई.

देखें पूरी खबर


चिकित्सा प्रभारी डॉ. अलबेल केरकेट्टा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका की ओर से चार जनवरी को दुलारचंद मुंडा के घर पर जाकर वैक्सीन दी गई थी और पांच जनवरी से ही उसके बेजान शरीर ने हरकत करना शुरू कर दिया था. केरकेट्टा ने बताया कि दुलारचंद मुंजा को स्पाइन प्रॉब्लम था, जिसकी कई तरह की रिपोर्ट हमने भी देखी थी. बहरहाल यह एक जांच का विषय है. जबकि सिविल सर्जन डॉ. जितेद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह शोध का विषय हो सकता है. यह अचंभित करने वाली घटना है, हो सकता है कि टीका लेने के बाद शरीर में कुछ परिवर्तन आया हो, जिसके कारण नहीं बोल पाने वाला व्यक्ति बोलने लगा और चलने लगा.


बताते चलें कि दुलारचंद मुंडा को 4 जनवरी को कोविशील्ड की पहला डोज लगाई गई थी. 5 जनवरी को उसे शरीर में बदलाव महसूस हुआ और 10 जनवरी को उसने खुद इस संबंध में बयान दिया और आपबीती सुनाई. अब बोकारो में इस घटना की खूब चर्चा है. पांच साल से लाचार व्यक्ति के शरीर में जान आने को लोग करिश्मे की तरह देख रहे हैं और तमाम लोग दुलारचंद का हालचाल जानने पहुंच रहे हैं.

बोकारोः बोकारो के पेटरवार प्रखंड में एक अद्भुत घटना घटी है. यहां कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन लगने के एक हफ्ते बाद पांच साल से लाचार व्यक्ति के शरीर में जान आ गई. दुर्घटना में उसकी खोई हुई आवाज भी लौट आई. इससे उसकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा. उतासारा पंचायत के सलगाडीह गांव की यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी है. पंचायत की मुखिया सुमित्रा देवी और पूर्व मुखिया महेंद्र मुंडा समेत गांव के लोग इसे कोरोना वैक्सीन का असर बता रहे हैं. जबकि सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह शोध का विषय है.

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सलगाडीह गांव के रहने वाले 55 वर्षीय दुलारचंद मुंडा लगभग पांच वर्ष पहले हुई एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इलाज के बाद वह ठीक तो हो गए, लेकिन जल्द ही एक के बाद एक उसके शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया. इसके साथ उसकी आवाज भी लड़खड़ाने लगी थी, दुलारचंद शुद्ध बोल नहीं पाते थे. शरीर भी काम नहीं कर रहा था, दुर्घटना के बाद से उसकी जिंदगी चारपाई पर ही बीत रही थी. वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था. घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य के अस्वस्थ हो जाने के कारण परिवार के समक्ष रोजी- रोटी के लाले पड़ गए थे. कोविशील्ड वैक्सीन लगने के बाद मुंडा की आवाज लौट आई और उसके बेजान शरीर में जान भी आ गई.

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चिकित्सा प्रभारी डॉ. अलबेल केरकेट्टा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका की ओर से चार जनवरी को दुलारचंद मुंडा के घर पर जाकर वैक्सीन दी गई थी और पांच जनवरी से ही उसके बेजान शरीर ने हरकत करना शुरू कर दिया था. केरकेट्टा ने बताया कि दुलारचंद मुंजा को स्पाइन प्रॉब्लम था, जिसकी कई तरह की रिपोर्ट हमने भी देखी थी. बहरहाल यह एक जांच का विषय है. जबकि सिविल सर्जन डॉ. जितेद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह शोध का विषय हो सकता है. यह अचंभित करने वाली घटना है, हो सकता है कि टीका लेने के बाद शरीर में कुछ परिवर्तन आया हो, जिसके कारण नहीं बोल पाने वाला व्यक्ति बोलने लगा और चलने लगा.


बताते चलें कि दुलारचंद मुंडा को 4 जनवरी को कोविशील्ड की पहला डोज लगाई गई थी. 5 जनवरी को उसे शरीर में बदलाव महसूस हुआ और 10 जनवरी को उसने खुद इस संबंध में बयान दिया और आपबीती सुनाई. अब बोकारो में इस घटना की खूब चर्चा है. पांच साल से लाचार व्यक्ति के शरीर में जान आने को लोग करिश्मे की तरह देख रहे हैं और तमाम लोग दुलारचंद का हालचाल जानने पहुंच रहे हैं.

Last Updated : Jan 12, 2022, 2:28 PM IST
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