बोकारो: झारखंड के आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन एक दिवसीय दौरे पर आज बोकारो पहुंचे. जहां उन्होंने सेक्टर 2D स्थित कल्याण छात्रावास आवासीय विद्यालय का निरीक्षण किया और प्रधानमंत्री गाड़ी योजना की समीक्षा की. इस दौरान वे आजसू पार्टी पर हमलावर नजर आए. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आजसू पार्टी की कोई नीति नहीं है. जिसने 1985 के आधार पर स्थानीय नीति बनने पर लड्डू बांटा. फिर 1932 के आधार पर स्थानीय नीति बनने पर भी लड्डू बांटा, उन्हें क्या कहा जा सकता है.
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डुमरी उपचुनाव पर चंपई सोरेन ने कहा कि अभी चुनाव का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है और आजसू जीत का दावा कर रहा है. उन्होंने कहा कि डुमरी ही नहीं पूरे झारखंड में अब सिर्फ जेएमएम की सरकार ही रहेगी. क्योंकि आजसू ने जिस भाजपा के साथ 18 वर्षों तक रही है. उसकी नीति को पूरे देश की जनता ने अब जान लिया है.
कल्याण छात्रावास आवासीय विद्यालय का किया निरीक्षण: बोकारो दौरे पर मंत्री चंपई सोरेन ने पहले सेक्टर 2D स्थित कल्याण छात्रावास आवासीय विद्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान मंत्री ने छात्र-छात्राओं से बात की और वहां रहने वाले छात्रों के कमरों का जायजा लिया. मंत्री ने लाइब्रेरी और किचन का भी निरीक्षण किया.
मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार छात्रों की शिक्षा के लिए गंभीर है. यही कारण है कि राज्य में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया गया है, जहां सीबीएसई के तहत पढ़ाई होगी. इन आवासीय विद्यालयों को भी पूरी तरह से दुरुस्त करने का काम किया जाएगा. छात्रों के लिए खेल का मैदान बनाया जाएगा.
प्रधानमंत्री गाड़ी योजना की मंत्री ने की समीक्षा: वहीं इस दौरे पर मंत्री चंपई सोरेन ने प्रधानमंत्री गाड़ी योजना की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि बोकारो जिले में 37 अलग-अलग रूटों पर प्रधानमंत्री गाड़ी योजना की शुरुआत की जाएगी. जिसमें छात्र, विधवा, वृद्धा, दिव्यांग मुफ्त में सफर करेंगे. ग्राम गाड़ी योजना की समीक्षा बैठक के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारियों ने मंत्री को रूट की जानकारी दी. इस दौरान बोकारो के डीसी भी मौजूद थे.
मंत्री ने कहा कि समीक्षा बैठक में मुझे काफी संतुष्टि मिली है और जल्द इस योजना को धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र से शहर आने के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. खासकर छात्रों को शहर में पढ़ाई करने आने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में छात्रों को कॉलेज तक लाकर फिर उन्हें वापस घर पहुंचाने का काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आंख से दिव्यांग व्यक्ति अपने साथ एक व्यक्ति को गाड़ी में सफर के दौरान ले जा सकेंगे.