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ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 44 मजदूर, वतन वापसी की लगाई गुहार

ताजिकिस्तान में झारखंड के 44 मजदूर फंसे हैं (Jharkhand labourers stranded in Tajikistan). ये मजदूर बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग के रहने वाले हैं. सभी ने सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो शेयर कर वतन वापसी की गुहार लगाई है.

Jharkhand labourers stranded in Tajikistan
वतन वापसी की गुहार लगाते मजदूर
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Published : Dec 19, 2022, 7:36 PM IST

देखें पूरी खबर

बोकारो/गिरिडीह: ताजिकिस्तान में झारखंड के 44 मजदूर फंसे हैं (Jharkhand labourers stranded in Tajikistan). सोशल मीडिया के माध्यम से बोकारो, गिरिडीह, और हजारीबाग के रहनेवाले 44 प्रवासी मजदूरों ने ताजिकिस्तान से वतन वापसी की गुहार लगाई है. मजदूरों की मदद के लिए भारत सरकार और झारखंड सरकार के नाम त्राहिमाम संदेश भेजा गया है. सरकारों से कहा गया है कि जिस कंपनी में ये मजदूर का काम कर रहे थे, उसने तीन महीने से वेतन नहीं दिया है. पैसे के अभाव में मजदूर दाने-दाने को मोहताज हैं.

ये भी पढ़ें: ESL स्टील प्लांट में बड़ा हादसा, चार मजदूर घायल

हालांकि, यह कोई पहला मौका नहीं है, जब दलालों के चक्कर में पड़कर गरीब तबके के लोग विदेशों में फंस जाते हैं. पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं. ये सभी कामगार 6 महीने पहले बिष्णुगढ़ प्रखंड के खरना के पंचम महतो के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन के लिए काम करने ताजिकिस्तान गए थे. जहां पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. इस कारण वे दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं. ताजिकिस्तान में फंसे मजदूरों ने एक वीडियो शेयर कर बकाया मजदूरी का भुगतान करने के साथ वतन वापसी की गुहार लगाई है.

सरकार से सहयोग की अपील: प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करनेवाले सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से श्रमिकों की मदद करने की अपील की है. उन्होंन कहा कि यह पहली घटना नहीं है. काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, जहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती है. बड़ी मुश्किल से वे वतन लौट पाते हैं. ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

ताजिकिस्तान में फंसे मजदूर: गिरिडीह जिला के बगोदर प्रखंड के अडवारा के संतोष महतो, लुतयानो तेजो महतो, सरिया प्रखंड अंतर्गत चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढ़ी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेंद्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो, हजारीबाग जिला के बिष्णुगढ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजू, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवेर्धन महतो, मितलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, बरहमदेव महतो, गोविंदपुर बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो, बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल तुलसी महतो, नेरकी के रोहित सिंह और बोकारो जिला के गोमियां प्रखंड अंतर्गत सिधाबारा मुकेश महतो, महुआटांड के टीको महतो और बोकारो थर्मल के कमलेश अगरिया शामिल हैं. मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो शेयर कर वतन वापसी की गुहार लगाई है. हालांकि, ईटीवी भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता.

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बोकारो/गिरिडीह: ताजिकिस्तान में झारखंड के 44 मजदूर फंसे हैं (Jharkhand labourers stranded in Tajikistan). सोशल मीडिया के माध्यम से बोकारो, गिरिडीह, और हजारीबाग के रहनेवाले 44 प्रवासी मजदूरों ने ताजिकिस्तान से वतन वापसी की गुहार लगाई है. मजदूरों की मदद के लिए भारत सरकार और झारखंड सरकार के नाम त्राहिमाम संदेश भेजा गया है. सरकारों से कहा गया है कि जिस कंपनी में ये मजदूर का काम कर रहे थे, उसने तीन महीने से वेतन नहीं दिया है. पैसे के अभाव में मजदूर दाने-दाने को मोहताज हैं.

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हालांकि, यह कोई पहला मौका नहीं है, जब दलालों के चक्कर में पड़कर गरीब तबके के लोग विदेशों में फंस जाते हैं. पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं. ये सभी कामगार 6 महीने पहले बिष्णुगढ़ प्रखंड के खरना के पंचम महतो के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन के लिए काम करने ताजिकिस्तान गए थे. जहां पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. इस कारण वे दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं. ताजिकिस्तान में फंसे मजदूरों ने एक वीडियो शेयर कर बकाया मजदूरी का भुगतान करने के साथ वतन वापसी की गुहार लगाई है.

सरकार से सहयोग की अपील: प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करनेवाले सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से श्रमिकों की मदद करने की अपील की है. उन्होंन कहा कि यह पहली घटना नहीं है. काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, जहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती है. बड़ी मुश्किल से वे वतन लौट पाते हैं. ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

ताजिकिस्तान में फंसे मजदूर: गिरिडीह जिला के बगोदर प्रखंड के अडवारा के संतोष महतो, लुतयानो तेजो महतो, सरिया प्रखंड अंतर्गत चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढ़ी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेंद्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो, हजारीबाग जिला के बिष्णुगढ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजू, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवेर्धन महतो, मितलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, बरहमदेव महतो, गोविंदपुर बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो, बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल तुलसी महतो, नेरकी के रोहित सिंह और बोकारो जिला के गोमियां प्रखंड अंतर्गत सिधाबारा मुकेश महतो, महुआटांड के टीको महतो और बोकारो थर्मल के कमलेश अगरिया शामिल हैं. मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो शेयर कर वतन वापसी की गुहार लगाई है. हालांकि, ईटीवी भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता.

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